Shanishchari Amavasya: शनिश्चरी अमावस्या पर करें शनि देव के 108 नामों का जाप, मिलेगी हर विपत्ति से मुक्ति

Edited By Prachi Sharma,Updated: 24 May, 2025 08:51 AM

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शनि देव हमेशा कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। उनकी कृपा पाना मुश्किल नहीं होता यदि आप अपने कर्म सुधार लें तो शनि देव अपने आप प्रसन्न हो जाते हैं। इसके अलावा शनि देव को खुश करने के लिए शनि जयंती का दिन बेहद ही खास होता है और इस दिन अमावस्या भी है तो...

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Shanishchari Amavasya: शनि देव हमेशा कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। उनकी कृपा पाना मुश्किल नहीं होता यदि आप अपने कर्म सुधार लें तो शनि देव अपने आप प्रसन्न हो जाते हैं। इसके अलावा शनि देव को खुश करने के लिए शनि जयंती का दिन बेहद ही खास होता है और इस दिन अमावस्या भी है तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है और इसे शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है। शनिश्चरी अमावस्या का दिन शनि दोष, साढ़ेसाती, ढैय्या और अन्य ग्रह बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए सबसे उत्तम समय होता है। इस दिन अगर श्रद्धा और भक्ति भाव से शनि देव के नामों का जाप किया जाए तो जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो सकती हैं और व्यक्ति को हर प्रकार के दुख, बीमारी, धनहानि और मानसिक तनाव से राहत मिल सकती है।

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शनि देव के 108 नाम 

घन
सौम्य
शरण्य
सर्वाभीष्टप्रदायिन्
सुरवन्द्य
शनैश्चर
सुरलोकविहारिण्
सुखासनोपविष्ट
सुंदर
शांत
घनरूप
घनाभरणधारिण्
घनसारविलेप
खद्योत
मन्द
वरेण्य
सर्वेश
मन्दचेष्ट
महनीयगुणात्मन्
मर्त्यपावनपद
महेश
छायापुत्र
शर्व
शततूणीरधारिण्
चरस्थिरस्वभाव
अचञ्चल
नीलवर्ण
नित्य
नीलाञ्जननिभ
नीलाम्बरविभूशण
निश्चल
वेद्य
विधिरूप
विरोधाधारभूमी
भेदास्पदस्वभाव
वज्रदेह
वैराग्यद
वीर
वीतरोगभय
विपत्परम्परेश
विश्ववन्द्य
गृध्नवाह
गूढ
कूर्माङ्ग
कुरूपिण्
कुत्सित
गुणाढ्य
गोचर
आयुष्यकारण
आपदुद्धर्त्र
विष्णुभक्त
वशिन्
अविद्यामूलनाश
विद्याविद्यास्वरूपिण्
विविधागमवेदिन्
विधिस्तुत्य
वन्द्य
विरूपाक्ष
वरिष्ठ
गरिष्ठ
वज्राङ्कुशधर
वरदाभयहस्त
वामन
ज्येष्ठापत्नीसमेत
श्रेष्ठ
मितभाषिण्
कष्टौघनाशकर्त्र
पुष्टिद
स्तुत्य
स्तोत्रगम्य
भक्तिवश्य
अशेषजनवन्द्य
विशेषफलदायिन्
भानु
भानुपुत्र
भव्य
पावन
धनुर्मण्डलसंस्था
धनदा
धनुष्मत्
तनुप्रकाशदेह
तामस
वशीकृतजनेश
पशूनां पति
खेचर
घननीलाम्बर
काठिन्यमानस
आर्यगणस्तुत्य
नीलच्छत्र
नित्य
निर्गुण
गुणात्मन्
निन्द्य
वन्दनीय
धीर
दिव्यदेह
दीनार्तिहरण
क्रूर
क्रूरचेष्ट
दैन्यनाशकराय
आर्यजनगण्य
कामक्रोधकर
कलत्रपुत्रशत्रुत्वकारण
परिपोषितभक्त
परभीतिहर
भक्तसंघमनोऽभीष्टफलद
निरामय
शनि

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शनि देव के नामों का जाप क्यों करें ?
शास्त्रों में वर्णन है कि शनि देव के विभिन्न 108 नाम हैं, जिनमें उनकी शक्तियों, स्वभाव और गुणों का उल्लेख होता है। इन नामों का जाप करने से शनि की क्रूर दृष्टि शांत होती है और उनका शुभ प्रभाव प्राप्त होता है। नामों का जाप एक प्रकार की ऊर्जा का संचार करता है, जिससे नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।

शनिश्चरी अमावस्या का महत्व
अमावस्या तिथि को पितरों की शांति और आत्मा के उत्थान के लिए पूजा की जाती है, वहीं शनिश्चरी अमावस्या पर शनि देव की विशेष कृपा पाने का अवसर मिलता है। इस दिन:

शनि दोष से पीड़ित व्यक्ति को शांति मिलती है।

जीवन में चल रही रुकावटें और संघर्ष कम होते हैं।

कर्मों का निवारण होता है और व्यक्ति को आत्मबोध प्राप्त होता है।

शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या से मुक्ति के लिए उत्तम दिन होता है।

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