Silver Price Prediction 2025: चमकने वाली है Silver के निवेशकों की किस्मत

Edited By Updated: 03 Jun, 2025 12:21 PM

1970 और 1980 के बीच में गुरु वह कर्क राशि में थे, यह जल तत्व की राशि है। चांदी को चंद्रमा रिप्रेजेंट करते हैं। यदि हम एस्ट्रोलॉजिकली देखते हैं तो चांदी जब किसी का चंद्रमा वीक होता है, तो चांदी पहनाई जाती है। चांदी दो ग्रह हैं उसको रिप्रेजेंट करते...

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Silver price prediction 2025: 1970 और 1980 के बीच में गुरु वह कर्क राशि में थे, यह जल तत्व की राशि है। चांदी को चंद्रमा रिप्रेजेंट करते हैं। यदि हम एस्ट्रोलॉजिकली देखते हैं तो चांदी जब किसी का चंद्रमा वीक होता है, तो चांदी पहनाई जाती है। चांदी दो ग्रह हैं उसको रिप्रेजेंट करते हैं।  79 और 80 के बीच में चांदी ने जबरदस्त तरीके से रिटर्न दिया था और गुरु इस समय कर्क राशि में थे। गुरु पूरा साल लगभग 1979 में कर्क राशि में ही थे और उसके बाद ऐसी तेजी आई 2011 में गुरु इस समय भी अपनी राशि में थे।

यह जल तत्व की राशि है और यहां पर चांदी का रिटर्न जो था वह काफी अच्छा था। $42 के आसपास का चांदी ने हाई लगाया था उस समय। हिस्टोरिकली यदि हम चांदी और सोने का कंपैरिजन करते हैं क्योंकि यह दोनों ही प्रेशियस मेटल है। यदि 50 ग्राम चांदी है तो 1 ग्राम सोना मिलता था। आज की डेट में जब हम चांदी का भाव देखते हैं और सोने का भाव देखते हैं लगभग सोना 3360 पर ओंस के ऊपर है और चांदी लगभग 35.0, 3.40 ओंस के आसपास कारोबार कर रही है। यह रेशियो बनता है लगभग 9697 ग्राम यानी कि 1 ओंस सोने के बराबर 96 ओंस यानी कि 96 का रेशियो आ गया। मींस जो रेश्यो है सिल्वर और गोल्ड का गोल्ड बहुत ज्यादा ब्लास्ट कर गया। चांदी थोड़ा सा उस लेवल से ब्लास्ट नहीं कर सकी। यदि हम इसके 3 साल के रिटर्न का भी कंपैरिजन करते हैं।

मई 2022 से 25 का रिटर्न यदि हम देखते हैं, जिसको हम कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेशियो बोलते हैं। सी.ए.जी.आर चांदी का सी.ए.जी.आर पिछले 3 साल में 15% है और गोल्ड का सी.ए.जी.आर 22% है। यह डिफरेंस गोल्ड-सिल्वर की रिटर्न रेशो का वो भी बहुत ज्यादा है। 7% रेशो बहुत ज्यादा होती है। इसका मतलब यह है कि चांदी ऐज़ कंपेयर टु गोल्ड जहां पर गोल्ड खड़ा है वहां से ज़्यादा जानी चाहिए। फंडामेंटल व्यू पॉइंट से चांदी ज्यादा जानी बनती है  लेकिन क्या वो एस्ट्रो साइकिल में भी नजर आ रही है ? क्या ऐसा संभव है कि चांदी चली चल जाए ?  तो 28 जनवरी को इसी साल शुक्र आए थे अह अपनी उच्च राशि मीन में। यहां पर शनि-राहु पहले ही कंजंक्शन में शुक्र यहां पर आकर फंस गए। $30 के आस-पास का भाव था उस समय चांदी का 28 जनवरी को और आज की डेट में यह लगभग $33 के आसपास ट्रेड कर रही है। तो मान के चलिए वहां से 10% के आसपास का ही हक है और सोने को यदि हम कंपैरिजन करेंगे 28 जनवरी से लेकर आज का रेट तो आप देखेंगे कि सोना काफी हाई लगा गया है।

तो अब जो एस्ट्रो साइकिल में हलचल हो रही है कि इसी महीने में मई में 31 मई को शुक्र यहां से निकल जाएंगे, शनि, राहु अलग हो जाएंगे। शुक्र आगे चले जाएंगे। राहु-केतु का जो गोचर है वह 18 मई को हुआ है, यह मीन राहु का गोचर था। ट्रू राहु 29 मई को रात को गोचर करेंगे यानी कि राहु पीछे जाएंगे 11 पर चले जाएंगे और शनि 12 पे ही रह जाएंगे और शुक्र आगे निकल जाएंगे। यानी कि शुक्र इस कंजक्शन से आजाद हो जाएंगे। हालांकि उच्च के थे लेकिन कंजक्शन ऐसा था कि वहां पर वो परफॉर्म नहीं कर पा रहे थे, शुक्र चांदी के कारक है। जब-जब शुक्र या चंद्रमा अपने फेवरेबल साइन में आकर बैठते हैं तो चांदी तेज होती है। शुक्र चंद्रमा के ऊपर हो जाए, शुक्र चंद्रमा के सामने हो जाए, शुक्र बुध के साथ हो जाए। तो यह आइडियल कॉम्बिनेशन है जब चांदी में तेजी आती है। तो लेकिन अब शुक्र तो फिलहाल अकेले रहेंगे क्योंकि वहां पर एक राशि में बैठे हैं। शनि का प्रभाव नहीं आ पाएगा क्योंकि शनि 12 पे हैं। दृष्टि नहीं दे दे पाएंगे। तो मोटे तौर पर यदि मान के चलें तो एक्चुअल में आइडियल पोजीशन बनती है, चांदी के लिए चलने वाली लेकिन जब केतु पांच पर आ जाएंगे तो केतु शुक्र को देखेंगे थोड़ा तो एक दृष्टि तो आ ही जाएगी।

यदि हम शुक्र का मूवमेंट देखते हैं मेष राशि में, वृषभ राशि में, मिथुन राशि में, तो चांदी ने अच्छा रिटर्न दिया है। तो जो पीड़ा थी वह 15 जून के आसपास लगभग खत्म हो जाएगी। एक पाप ग्रह तो कहीं से भी किसी को किसी भी ग्रह को देख लेगा। यदि ग्रह पाप कर्तरी में नहीं है। ग्रह दो से ज्यादा पाप ग्रहों के प्रभाव में नहीं है तो नॉर्मली उसका असर पॉजिटिव रहता है। तो आप मान के चलिए कि शुक्र 15 जनवरी के 15 जून के बाद थोड़ा सा पॉजिटिव रहेंगे।

15 जून के बाद फिर जुलाई में वो लगभग अपनी राशि में आ जाएंगे जो शुक्र की अपनी राशि है वृषभ। फिर उसके बाद वो बुध की राशि में जाएंगे। यह ट्रेड का कारक ग्रह बुध की राशि है। तो यहां पर यह शुक्र का जो मूवमेंट है वह चांदी के लिए अच्छा रहा है। तो 1 मेष, वृष और मिथुन में जब शुक्र होते हैं तो नॉर्मली चांदी चलती है। तो अक्टूबर में 18 अक्टूबर को गुरु वो उच्च के हो जाएंगे। इस समय गुरु की चाल चल रही है, वह शीघ्र गति से चल रहे हैं। तो शीघ्र गति के गुरु 18 अक्टूबर को कर्क राशि में चले जाएंगे। 4 दिसंबर को गुरु दोबारा वापस आएंगे मिथुन राशि में। तो यह एक अवधि ऐसी है जब गुरु का गोचर जल तत्व राशि में होगा।

जब गुरु कर्क राशि में पूर्ण तौर पर गोचर करेंगे। तो अगला साल चांदी के लिए अच्छा लग रहा है।  मान के चलिए 15 जून से हिलनी चाहिए। वैसे हलचल आपको 29 मई से ही शुरू हो जाएगी। 15 जून को जब सूर्य आगे निकल जाएंगे। शुक्र पाप कर्तरी में से बाहर निकलेंगे तो वो चीजें थोड़ी सी चल निकलेंगी। पाप कर्तरी में भी इसलिए हो जाएंगे क्योंकि शनि 12 पर हैं। शुक्र एक में होंगे, सूर्य दो पे बैठे हैं तो फिर वह पाप कर्तरी में फंस जाएंगे। तो पाप कर्तरी में फंसा ग्रह परफॉर्म नहीं कर पाता। 

नरेश कुमार
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