Edited By Sarita Thapa,Updated: 30 Jul, 2025 09:38 AM

Skanda Sashti 2025: सनातन धर्म में स्कंद षष्ठी का विशेष महत्व है। हर महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी मनाई जाती है। यह दिन भगवान कार्तिकेय जी को समर्पित है। आज यानी 30 जुलाई को स्कंद षष्ठी का व्रत रखा जाएगा।
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Skanda Sashti 2025: सनातन धर्म में स्कंद षष्ठी का विशेष महत्व है। हर महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी मनाई जाती है। यह दिन भगवान कार्तिकेय जी को समर्पित है। आज यानी 30 जुलाई को स्कंद षष्ठी का व्रत रखा जाएगा। माना जाता है कि स्कंद षष्ठी व्रत रखने से जीवन में आने वाले संकटों से मुक्ति मिलती है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही घर- परिवार में खुशहाली बनी रहती है। तो आइए जानते हैं स्कंद षष्ठी के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में-
Skanda Sashti Shubh Muhurat स्कंद षष्ठी शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, 30 जून को सुबह 09 बजकर 23 मिनट पर आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि शुरू होगी और इसका समापन 01 जुलाई को सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, स्कंद षष्ठी 30 जून को मनाई जाएगी।

Skanda Sashti Puja Vidhi स्कंद षष्ठी पूजा विधि
स्कंद षष्ठी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
अब घर के मंदिर की सफाई करने के बाद गंगाजल का छिड़काव करें और व्रत का संकल्प लें।
फिर एक चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर कार्तिकेय जी की मूर्ति स्थापित करें।
उसके बाद कार्तिकेय जी को रोली, चावल, पुष्प, धूप, दीपक, फल, नैवेद्य, मोरपंख आदि अर्पित करें और कार्तिकेय जी को गुड़ और नारियल का भोग लगाएं।
इसके बाद कार्तिकेय जी के मंत्रों और नामों का जाप करें और अंत में उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं और आरती करें।
