Som Pradosh Vrat Katha: सोम प्रदोष के दिन जरूर पढ़ें व्रत कथा, जीवन में चल रहे हर दुख का होगा नाश

Edited By Updated: 20 May, 2024 07:12 AM

som pradosh vrat katha

सोम प्रदोष व्रत हर महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखने का विधान है। इसकी पूजा प्रदोष काल में होती है। सोम प्रदोष व्रत और पूजा को बहुत

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Som Pradosh Vrat Katha: सोम प्रदोष व्रत हर महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखने का विधान है। इसकी पूजा प्रदोष काल में होती है। सोम प्रदोष व्रत और पूजा को बहुत ही शुभ माना जाता है। प्रदोष व्रत वाले दिन व्रत रखने और शिव जी की पूजा करने से मन की हर मनोकामना पूरी होती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जो शिव भक्त सोम प्रदोष व्रत रख रहे हैं अथवा नहीं रख रहे हैं, वह यह कथा जरूर पढ़ें। कथा पढ़े बिना व्रत अधूरा माना जाता है। सोम प्रदोष व्रत कथा पढ़ने वाले व्यक्ति पर सदैव भोले बाबा की कृपा बनी रहती है। जीवन में चल रहे हर संताप का नाश होता है। तो आइए जानते हैं सोम प्रदोष की व्रत कथा के बारे में-

Narsingh Jayanti Ki Katha: अपने भक्त की पुकार पर खंभे से निकले भगवान नृसिंह

Narasimha Jayanti: इस विधि से करें व्रत, बढ़ेगा तेज और शक्ति बल

आज का पंचांग- 20 मई, 2024

Som Pradosh Vrat: आज है इस साल का पहला सोम प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

आज का राशिफल 20 मई, 2024- सभी मूलांक वालों के लिए कैसा रहेगा

Tarot Card Rashifal (20th May): टैरो कार्ड्स से करें अपने भविष्य के दर्शन

लव राशिफल 20 मई- दिल जो पाना है, ढूंढ के लाना है

Som Pradosh Vrat Katha: सोम प्रदोष के दिन जरूर पढ़ें व्रत कथा, जीवन में चल रहे हर दुख का होगा नाश

Weekly numerology (20.05.2024 से 26.05.2024): जन्म तिथि से जानिए आपके लिए कितना शुभ रहेगा यह सप्ताह

Chinnamasta Jayanti 2024: चिंतपूर्णी मंदिर में 22 को मनाई जाएगी छिन्नमस्तिका जयंती

Char Dham Yatra 2024: गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में उमड़ी तीर्थयात्रियों की भीड़

Monday Special: सोमवार को सूर्यास्त के बाद इस पेड़ के नीचे जला दें 1 दीपक, बनेंगे बिगड़े काम और होंगे मालामाल

PunjabKesari Som Pradosh Vrat Katha

Som Pradosh Vrat Katha सोम प्रदोष व्रत कथा
सोम प्रदोष व्रत कथा के अनुसार, एक नगर में एक विधवा गरीब ब्रह्माणी रहती थी। वह रोज भिक्षा मांगकर अपना और अपने बेटे का पेट पालती थी। उसके पति का स्वर्गवास काफी समय पहले हो गया था। सुबह होते ही वह अपने बेटे के साथ भिक्षा मांगने नगर में निकल जाती थी।

एक बार ब्रह्माणी भिक्षा मांग कर घर वापस लौट रही थी, तभी एक बालक उसे घायल अवस्था में मिला। वह उस घायल बालक को घर ले आई। घायल बालक से उसे पता चला कि वह विदर्भ देश का राजकुमार है। उसके राज्य पर शत्रुओं का हमला हुआ था, जिसमें वह घायल हो गया और पिता को बंदी बना राज्य पर अधिकार कर लिया गया, इसलिए वह मारा-मारा फिर रहा था।

PunjabKesari Som Pradosh Vrat Katha

वह राजकुमार अब ब्रह्माणी के घर पर रहने लगा। एक दिन अंशुमति नामक एक गंधर्व कन्या ने राजकुमार को देखा और उस पर मोहित हो गई। अगले दिन राजकुमारी अपने माता-पिता को राजकुमार से मिलाने लेकर आई। वह दोनों राजकुमार से मिलकर बहुत प्रसन्न हुए। कुछ दिनों बाद राजकुमारी के माता-पिता को शंकर भगवान ने स्वप्न में आदेश दिया कि राजकुमार और अंशुमति  का विवाह कर दिया जाए, उन्होंने वैसा ही किया।

वह विधवा ब्राह्मणी प्रदोष व्रत करती थी। उस व्रत के पुण्य के प्रभाव से अंशुमति के पिता की सेना की मदद से राजकुमार ने विदर्भ से शत्रुओं को भगाया और अपने पिता का राज्य पुनः प्राप्त किया। फिर वह सुख पूर्वक जीवन व्यतीत करने लगा। राजकुमार विदर्भ का राजा बना और उसने ब्राह्मणी के बेटे को अपना प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया। ब्राह्मणी के प्रदोष व्रत के कारण भगवान शिव की कृपा से राजकुमार और ब्राह्मणी पुत्र के दिन सुधर गए।

PunjabKesari Som Pradosh Vrat Katha

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!