Vinayak Chaturthi 2021: इस विधि से करें गणपति बप्पा की पूजा, सौभाग्य में होगी वृद्धि

Edited By Jyoti,Updated: 07 Dec, 2021 08:06 AM

vinayak chaturthi 2021

आज 07 दिसंबर, 2021 मंगलवार को इस साल की आखिरी विनायक चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। सनातन धर्म में वर्ष भर में पड़ने वाली प्रत्येक चतुर्थी का महत्व बताया गया है।

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आज 07 दिसंबर, 2021 मंगलवार को इस साल की आखिरी विनायक चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। सनातन धर्म में वर्ष भर में पड़ने वाली प्रत्येक चतुर्थी का महत्व बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक चंद्र मास में दो चतुर्थी होती है। जो भगवान गणेश को समर्पित मानी जाती है। बता दें विनायक चतुर्थी अमावस्या के चौथे दिन मनाई जाती है। अर्थात अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायकी या विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है तथा पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। यूं तो हर मास में ये व्रत पड़ता है परंतु मार्गशीर्ष मास में पड़ने वाली विनायकी चतुर्थी को विशेष माना जाता है।

तो आइए इसी खास अवसर पर जानते हैं कि इस दिन से जुड़ी पूजन विधि-

सबसे पहले जानें विनायक चतुर्थी तिथि का समय-
7 दिसम्बर, 2021, मंगलवार  मार्गशीर्ष, शुक्ल चतुर्थी विनायक चतुर्थी 11:24 ए एम से 01:36 पी एम
चतुर्थी अवधि- 02 घण्टे 12 मिनिट्स
चतुर्थी प्रारम्भ - 02:31 ए एम, दिसम्बर 07
चतुर्थी समाप्त - 11:40 पी एम, दिसम्बर 07

विनायक चतुर्थी पूजन-विधि:-
ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि करके लाल रंग के नए या शुद्ध वस्त्र धारण कर लें।
पूजन के समय अपनी क्षमता के अनुसार सोने, चांदी, पीतल, तांबा, मिट्टी अथवा सोने या चांदी से निर्मित गणेश प्रतिमा स्थापित करें।
संकल्प के बाद षोडशोपचार पूजन कर श्री गणेश की आरती करें।
इसके बाद श्री गणेश की मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाएं।
फिर गणेश का प्रिय मंत्र 'ॐ गं गणपतये नमः:' का उच्चारण करते हुए 21 दूर्वा दल चढ़ाएं।
तत्पश्चात श्री गणेश को बूंदी के 21 लड्डुओं का भोग लगाएं. इनमें से 5 लड्डू ब्राह्मण को दान दें व 5 लड्‍डू श्री गणेश के चरणों में रखकर बाकी को प्रसाद स्वरूप बांट दें।
पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करें।
ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें।
अगर आप में शक्ति हो तो व्रत करें अथवा शाम के समय खुद भोजन ग्रहण करें।
शाम के समय गणेश चतुर्थी कथा, श्रद्धानुसार गणेश स्तुति, श्री गणेश सहस्त्रनामावली, गणेश चालीसा, गणेश पुराण आदि का पाठ करें।
संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करके श्री गणेश की आरती करें व 'ॐ गणेशाय नमः:' मंत्र की माला जपें।

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