Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 Dec, 2022 09:43 AM
आचार्य बहुश्रुति के आश्रम में तीन शिष्य अध्ययन कर रहे थे। शिक्षा का क्रम पूरा होने पर उन्होंने आचार्य से गृहस्थाश्रम में प्रवेश करने की अनुमति मांगी।
When was married life: आचार्य बहुश्रुति के आश्रम में तीन शिष्य अध्ययन कर रहे थे। शिक्षा का क्रम पूरा होने पर उन्होंने आचार्य से गृहस्थाश्रम में प्रवेश करने की अनुमति मांगी।
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आचार्य ने कहा, ‘‘थोड़े समय के लिए ठहरो। इसका निर्णय बाद में किया जाएगा।’’
गुरु के चरणों में वंदन कर तीनों चले गए।
एक दिन आचार्य ने आश्रम के प्रवेश द्वार पर कांटे बिखेर दिए तथा तीनों शिष्यों को बाहर पड़ी हुई लकड़ियों को भीतर रखने के आदेश दिए।
तीनों दौड़ पड़े, पर द्वार में पांव रखते ही कांटे चुभ गए।
Inspirational Story: पहला शिष्य हाथ से कांटे निकाल कर लकड़ियों के पास पहुंच गया। दूसरा खड़ा विचार करता रहा। तीसरा झाड़ू लेकर बिखरे हुए काटों को बुहारने लगा। आचार्य दूर खड़े-खड़े सारा दृश्य देख रहे थे।
दूसरे दिन तीसरे शिष्य को गृहस्थाश्रम में प्रवेश करने की अनुमति मिली, दोनों शिष्यों को और शिक्षा प्राप्त करने का आदेश दिया।
Married life definition and meaning: आचार्य ने कहा, ‘‘जब तक शिक्षा आचरण में नहीं आती तब तक वह अधूरी है।’’ आचार्य का निर्णय शिक्षा-आचार के समन्वय पर प्रकाश डालता है।