Edited By Anu Malhotra,Updated: 28 Sep, 2023 02:53 PM
एक खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या में भारत की ‘‘संभावित'' संलिप्तता के कनाडा के आरोपों के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि नयी दिल्ली ओटावा को बता चुका है कि यह भारत सरकार की नीति नहीं है तथा वह मामले में ‘‘विशिष्ट'' और ‘‘प्रासंगिक'' सूचना पर...
न्यूयॉर्क: एक खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या में भारत की ‘‘संभावित'' संलिप्तता के कनाडा के आरोपों के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि नयी दिल्ली ओटावा को बता चुका है कि यह भारत सरकार की नीति नहीं है तथा वह मामले में ‘‘विशिष्ट'' और ‘‘प्रासंगिक'' सूचना पर विचार करने के लिए तैयार है। जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र को संबोधित करने के बाद मंगलवार को न्यूयॉर्क में विदेश संबंध परिषद में बातचीत के दौरान ये टिप्पणियां कीं।
कनाडा में 18 जून को खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के ‘‘एजेंटों'' की संलिप्तता के कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों पर जब जयशंकर से सवाल किया गया कि क्या उन्हें इस पर कुछ कहना है तो उन्होंने कहा, ‘‘हां, मुझे कहना है। हमने कनाडा से जो कहा, उसे मैं आपके साथ बहुत स्पष्टता से साझा करूंगा।'' उन्होंने भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत केनेथ जस्टर के साथ बातचीत के दौरान मुद्दे पर अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में कहा, ‘‘पहली बात तो ये कि हमने कनाडाई अधिकारियों को बताया कि यह भारत सरकार की नीति नहीं है। दूसरा, हमने कनाडाई लोगों से कहा कि देखिए, अगर आपके पास कोई खास सूचना है, अगर आपके पास कुछ प्रासंगिक जानकारी है तो हमें बताइए। हम इस पर विचार करने के लिए तैयार हैं।''
जयशंकर ने कहा कि आपको संदर्भ भी समझना होगा क्योंकि इसके संदर्भ के बिना ‘‘तस्वीर स्पष्ट नहीं है।'' उन्होंने कहा, ‘‘आपको यह भी समझना पड़ेगा कि पिछले कुछ वर्ष में कनाडा में अलगाववादी ताकतों, संगठित अपराध, हिंसा, चरमपंथ से जुड़े काफी संगठित अपराध देखे गए हैं। इनका आपस में बहुत गहरा संबंध है।'' उन्होंने कहा कि भारत ‘‘विशिष्ट जानकारियों और सूचनाओं'' के बारे में बात कर रहा है। विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हम वास्तव में कनाडाई अधिकारियों से कार्रवाई करने के लिए लगातार कहते रहे हैं, हमने उन्हें कनाडा से संचालित संगठित अपराध के सरगना के बारे में काफी सूचना दी है। बड़ी संख्या में प्रत्यर्पण के अनुरोध किए गए। आतंकवादी नेताओं की पहचान की गयी।'' उन्होंने कहा कि आपको समझना होगा कि ‘‘वहां एक तरह का माहौल है।''
जयशंकर ने कहा, ‘‘अगर आपको यह समझना है कि वहां क्या चल रहा है तो इसे ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है। हमारी चिंता यह है कि राजनीतिक कारणों से इसकी अनदेखी की गयी है। हमारी स्थिति यह है कि हमारे राजनयिकों को धमकाया जाता है, हमारे वाणिज्य दूतावासों पर हमला किया गया और अक्सर टिप्पणियां की जाती है कि ‘हमारी राजनीति में हस्तक्षेप'' है। इसमें से बहुत कुछ को यह कहकर उचित ठहराया जाता है कि लोकतंत्र इसी तरह काम करता है।'' जस्टर द्वारा यह पूछे जाने पर कि अगर भारत सरकार को विशिष्ट सबूत मुहैया कराए जाते हैं तो क्या वह कनाडा के साथ सहयोग करेगा, इस पर जयशंकर ने कहा, ‘‘अगर कोई मुझे कुछ विशिष्ट सूचना देता है तो इसे कनाडा तक सीमित रखने की आवश्यकता नहीं है लेकिन यदि कोई ऐसी घटना है जो एक मुद्दा है और कोई मुझे कुछ विशिष्ट जानकारी देता है तो एक सरकार के तौर पर मैं उस पर विचार करूंगा। जाहिर तौर पर मैं उस पर गौर करूंगा।''
निज्जर की 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया में सरे स्थित एक गुरद्वारे के बाहर हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘‘संभावित'' संलिप्तता के ट्रूडो के आरोपों के बाद से भारत और कनाडा के बीच तनाव पैदा हो गया है। भारत ने निज्जर को 2020 में आतंकवादी घोषित किया था। जयशंकर से उन खबरों के बारे में पूछा गया कि हत्या से जुड़ी खुफिया जानकारी ‘फाइव आइज' के बीच साझा की गयी थी और अमेरिका में संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) सिख नेताओं से कह रहा है कि उन पर खतरे की विश्वसनीय सूचना है। ‘फाइव आइज' खुफिया नेटवर्क में कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं। एक पत्रकार के सवाल पर जयशंकर ने कहा, ‘‘मैं फाइव आइज का हिस्सा नहीं हूं। मैं निश्चित तौर पर एफबीआई का हिस्सा नहीं हूं। आप गलत आदमी से सवाल कर रहे हैं।'' इसके बाद उनसे कनाडा द्वारा भारत को वे दस्तावेज मुहैया कराने के बारे में पूछा गया जिसमें कथित तौर पर यह सबूत दिए गए हैं कि कनाडा में भारतीय अधिकारियों को निज्जर पर हमले की जानकारी थी।