Edited By Tanuja,Updated: 24 Dec, 2025 06:40 PM

यूक्रेन युद्ध के बाद अमेरिका और यूरोपीय संघ के कड़े प्रतिबंधों के बावजूद चीन और रूस ने अपने रिश्तों को और मजबूत किया है। रूसी राजदूत ने कहा कि दोनों देशों के बीच आपसी भरोसा ऐतिहासिक स्तर पर है और व्यापार अब स्थानीय मुद्राओं में हो रहा है।
International Desk: रूस के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि यूक्रेन युद्ध के बाद अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा लगाए गए कड़े प्रतिबंधों के बावजूद चीन और रूस के रिश्ते पहले से कहीं अधिक मजबूत हुए हैं। चीन में रूस के राजदूत इगोर मोरगुलोव ने बीजिंग की रेनमिन यूनिवर्सिटी में आयोजित एक फोरम में कहा कि चीन-रूस संबंध “इतिहास के सबसे ऊंचे स्तर” पर पहुंच चुके हैं, जहां आपसी भरोसा और रणनीतिक सहयोग अभूतपूर्व है। मोरगुलोव ने बताया कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच करीबी नेतृत्व स्तर की कूटनीति ने इन रिश्तों को नई गति दी है।
इसके साथ ही द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति से जुड़े साझा कार्यक्रमों ने भी दोनों देशों को और करीब लाया। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश चीन और रूस की तकनीकी प्रगति को रोकने और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके जवाब में दोनों देशों ने सहयोग को और गहरा किया है। राजनयिक के मुताबिक, अब लगभग पूरा चीन-रूस द्विपक्षीय व्यापार स्थानीय मुद्राओं में हो रहा है, जिससे डॉलर पर निर्भरता कम हुई है। दोनों देशों ने उत्पादन, लॉजिस्टिक्स और भुगतान प्रणालियों को स्थिर रखने के लिए मजबूत तंत्र तैयार किया है।
गौरतलब है कि रूस पर 2022 से अमेरिका और यूरोपीय संघ ने ऊर्जा, बैंकिंग, तकनीक और तेल निर्यात को लेकर व्यापक प्रतिबंध लगाए हैं। वहीं चीन पर भी रूस का समर्थन करने और ‘ड्यूल-यूज़ टेक्नोलॉजी’ देने के आरोप लगे हैं, जिन्हें बीजिंग ने सिरे से खारिज किया है। चीन, रूस से तेल और गैस का सबसे बड़ा आयातक है और उसने अमेरिकी दबाव के बावजूद इस व्यापार को वैध और कानूनसम्मत बताया है।