ताइवान पर चीन की जापान को खुली धमकी- ‘हिम्मत है तो सैन्य दखल करो’, अमेरिका भी कूदा मैदान में

Edited By Updated: 22 Nov, 2025 02:33 PM

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जापानी प्रधानमंत्री साने ताकाइची के टाइवान पर चीन की सैन्य कार्रवाई को “जापान के अस्तित्व के लिए खतरा” बताने के बाद चीन भड़क गया। बीजिंग ने UN में औपचारिक शिकायत दायर की, बयान को खतरनाक बताया और चेतावनी दी कि जापान की सैन्य दखल को “आक्रामकता” माना...

Washington: टाइवान को लेकर एशिया में भूचाल मच गया है। जापान ने पहली बार खुले शब्दों में कहा कि अगर चीन ने टाइवान पर हमला किया तो यह जापान की “जीवित रहने की स्थिति” को खतरे में डाल देगा। बीजिंग भड़क गया और अब मामला सीधे संयुक्त राष्ट्र तक पहुंच गया है। चीन ने न सिर्फ जापान को “अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन” कहकर घेरा, बल्कि युद्ध जैसी चेतावनी भी दे डाली: “अगर जापान ने सैन्य दखल की हिम्मत की… हम इसे युद्ध की आक्रामकता मानेंगे।” चीन और जापान के बीच तनाव नई ऊँचाई पर पहुंच चुका है। जापानी प्रधानमंत्री साने ताकाइची द्वारा संसद में दिए गए एक कठोर बयान के बाद बीजिंग ने इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र तक ले जाने का अभूतपूर्व कदम उठाया है।

 

7 नवंबर को ताकाइची ने कहा था कि यदि चीन ने टाइवान पर “बलपूर्वक कब्जा” करने की कोशिश की, तो यह जापान के लिए “survival-threatening situation”—यानी राष्ट्रीय अस्तित्व का संकट बन सकता है। जापान के संविधान के तहत ऐसा बयान सामूहिक आत्म-रक्षा के अधिकार को सक्रिय करता है, यानी जापान सैन्य रूप से शामिल हो सकता है। चीन के स्थायी UN प्रतिनिधि फू कॉन्ग ने UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को एक औपचारिक पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि ताकाइची का बयान “ऐतिहासिक रूप से अभूतपूर्व” है। जापान ने चीन के कई विरोधों को अनदेखा किया। यह बयान “बेहद खतरनाक, अत्यंत गलत और द्वेषपूर्ण” है। यह अंतरराष्ट्रीय कानून और युद्धोत्तर व्यवस्था को चुनौती देता है। यह 1.4 अरब चीनी लोगों का अपमान है।

 

चीन ने मांग की है कि जापान अपना बयान वापस ले और “द्वितीय विश्व युद्ध में अपनी आक्रामक भूमिका” को याद रखे। फू ने यह भी कहा कि जापान “UN सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के योग्य नहीं” है। पत्र में चीन ने चेतावनी दी है कि “यदि जापान ने टाइवान जलडमरूमध्य में सैन्य दखल दिया, हम इसे आक्रामकता मानेंगे और UN चार्टर के अनुसार आत्म-रक्षा का अधिकार प्रयोग करेंगे।” ताकाइची के बयान के तुरंत बाद चीन ने जापानी समुद्री खाद्य आयात पर फिर से प्रतिबंध लगाया चीनी नागरिकों के लिए जापान यात्रा पर चेतावनी जारी की।  जापान ने चीन की मांग ठुकरा दी और कहा कि ताकाइची का बयान “राष्ट्रीय सुरक्षा” पर आधारित है। जापान क्षेत्रीय तनावों की वास्तविकता को नजरअंदाज नहीं कर सकता। जापान में अमेरिकी राजदूत जॉर्ज ग्लास ने चीन के कदमों को “उकसाने वाला” बताया और कहा उन्होंने चीन की यात्रा चेतावनी और समुद्री खाद्य प्रतिबंध दोनों को “बेहद अस्थिर करने वाला” कहा।

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