Edited By Tanuja,Updated: 05 Nov, 2025 06:24 PM

चीन ने नीदरलैंड्स से नेक्सपेरिया विवाद में हस्तक्षेप बंद करने की मांग करते हुए कहा कि उसका निर्णय वैश्विक सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन के लिए हानिकारक है। बीजिंग ने डच सरकार पर अनुचित कार्रवाई और राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप लगाया। चीन ने कहा कि वह निर्यात...
Bejing: चीन के वाणिज्य मंत्रालय (MOFCOM) ने मंगलवार को नीदरलैंड्स से अपील की कि वह सेमीकंडक्टर कंपनी Nexperia से जुड़े मामले में “कंपनी के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप” बंद करे और रचनात्मक समाधान खोजे। मंत्रालय ने चेतावनी दी कि डच सरकार की निष्क्रियता से वैश्विक सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है, जो न तो चीन और न ही उद्योग जगत के हित में है। यह बयान उस समय आया जब डच सरकार ने सितंबर में आर्थिक सुरक्षा कारणों से Nexperia पर नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था और उसकी मूल चीनी कंपनी Wingtech Technology से स्वामित्व छीन लिया था। साथ ही कंपनी के CEO Zhang Xuezheng को भी निलंबित कर दिया गया था।
चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि डच एंटरप्राइज कोर्ट का यह निर्णय “गलत और अनुचित” है, जिसने चीनी कंपनियों के वैध अधिकारों का उल्लंघन किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि नीदरलैंड्स ने चीन की “कई उचित मांगों” को नजरअंदाज किया और वैश्विक आपूर्ति संकट को और बढ़ा दिया। फुदान विश्वविद्यालय के डॉ. जियान जुनबो ने कहा कि चीन हमेशा से वैश्विक सेमीकंडक्टर चेन को स्थिर करने में “मुख्य भूमिका” निभा रहा है। उन्होंने दावा किया कि यूरोप में सप्लाई बाधाएं नीदरलैंड्स की गलत कार्रवाइयों का नतीजा हैं, न कि चीन की नीतियों का। चीन ने शनिवार को घोषणा की कि वह पात्र कंपनियों को निर्यात छूट (export exemptions) प्रदान करेगा ताकि आपूर्ति प्रभावित न हो।
मंत्रालय ने कहा, “एक जिम्मेदार महाशक्ति के रूप में, चीन वैश्विक औद्योगिक स्थिरता के लिए हरसंभव कदम उठा रहा है।” इस बीच, Nexperia की चीन इकाई ने अपने डच मुख्यालय के आरोपों को “झूठा और दुर्भावनापूर्ण” बताया। कंपनी ने कहा कि “भुगतान में असफलता” का आरोप मनगढ़ंत है और वर्तमान में उसके पास पर्याप्त इन्वेंटरी है जिससे वर्ष के अंत तक ग्राहकों की मांग पूरी की जा सके।बीजिंग फॉरेन स्टडीज़ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कुई होंगजियान ने कहा कि डच सरकार की यह कार्रवाई “राजनीतिक हस्तक्षेप” है जिसने तकनीकी मुद्दे को राजनीतिक बना दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि नीदरलैंड्स ने रचनात्मक रवैया नहीं अपनाया, तो भविष्य की वार्ताओं में उसे भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।