ब्रिटेन सरकार के नैट जीरो उत्सर्जन पर यू-टर्न से ग्रीन एनर्जी के निवेशक घबराए

Edited By Pardeep,Updated: 27 Sep, 2023 10:11 PM

green energy investors spooked by uk government s u turn on net zero emissions

यू.के. की ऋषि सूनक सरकार द्वारा नैट जीरो उत्सर्जन के मामले में अपने पीछे खींच लेने के कारण ग्रीन एनर्जी में निवेश करने वाले दुनिया भर के बड़े निवेशक हैरान और निराश और घबराए हुए हैं। लंदन के एसैट मैनेजमैंट ग्रुप के सीनियर एग्जीक्यूटिव इयान सिंह ने...

लंदनः यू.के. की ऋषि सूनक सरकार द्वारा नैट जीरो उत्सर्जन के मामले में अपने पीछे खींच लेने के कारण ग्रीन एनर्जी में निवेश करने वाले दुनिया भर के बड़े निवेशक हैरान और निराश और घबराए हुए हैं। लंदन के एसैट मैनेजमैंट ग्रुप के सीनियर एग्जीक्यूटिव इयान सिंह ने कहा कि दुनिया भर के निवेशक ग्रीन एलर्जी में 50 बिलियन डालर का निवेश करने की योजना बना रहे थे। उनके लिए यह एक बड़ा झटका है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन द्वारा इस विषय में घोषित की गई आधिकारिक निति के कारण उन निवेशकों के लिए जोखिम बढ़ गया है जो इस सैक्टर में निवेश करने की योजना बना रहे थे। 

अगले सप्ताह यू.के. की सरकार 3.7 बिलियन डालर के ग्रीन गिल्ट प्रोजैक्ट का ऑक्शन करने जा रही है। इस प्रोजैक्ट में 2021 में जारी हुए एथीकल फंड ने पहले से ही 30 बिलियन डालर का निवेश कर रखा है। अब इस घोषणा के बाद सरकार के लिए इस सैक्टर में निवेश को लेकर यह पहली चुनौती होगा। एंथ्रो पोसिंग फिक्स इंकम इंस्टीच्यूट के सी.ई.ओ. उल्फ इरैल्डनसन ने कहा कि पिछली ऑक्शन के दौरान कई निवेशकों ने सरकारी बोर्ड खरीदे थे लेकिन अब इस बात को लेकर दुविधा है कि वहीं निवेशक अगली ऑक्शन में भाग लेंगे या नहीं। उन्हें निश्चित तौर पर इस मामले में शंकाएं होगीं और यदि ये शंकाएं आने वाली ऑक्शन में सही साबित होती हैं तो यह भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं होगा। 

दरअसल ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सूनक ने पिछले हफ्ते यह घोषणा की है कि यू.के. में पैट्रोल-डीजल कारों की बिक्री पर 2030 से लगने वाले प्रतिबंध को बढ़ाकर 2035 किया जाएगा जबकि घरों में इस्तेमाल होने वाले पुराने गैस बॉयलर को रिप्लेस करने की अवधि भी 2035 तक बढ़ाई जाएगी। इससे यू.के. में इलैक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में तेजी होने की उम्मदी ठंडी पड़ गई है और घरों में इस्तेमाल होने वाली गैस के भी क्लीन होने में अब ज्यादा समय लगेगा। 

इससे पहले यू.के. ने यह घोषणा की थी कि वह ग्रीन एनर्जी के मामले में ग्लोबल लीडर  बनेगा लेकिन अब नैट जीरो कार्बन उत्सर्जन के अपने लक्ष्य को आगे खिसकाने के कारण उसका यह महत्वकांक्षी लक्ष्य भी खटाई में पड़ता हुआ नजर आ रहा है। इयान सिंह ने कहा कि अब इस घोषणा के बाद अब नए ग्रीन प्रोजैक्टों के लिए कम डिवैल्पर सामने आएंगे इस लिहाज से हमें भी कम काम मिलेगा। ऋषि सूनक ने पिछले सप्ताह कहा था कि ब्रिटेन 2050 तक नैट जीरो ग्रीन हाऊस उत्सर्जन करने के अपने लक्ष्य पर प्रतिबद्ध है लेकिन ब्रिटेन इसका तरीका बदलने जा रहा है और नए तरीके से किसी भी ब्रिटिश परिवार को इसका नुक्सान नहीं होगा। उन्होंने कहा था कि ग्रीन इकॉनमी के मामले में ब्रिटेन फिलहाल दुनिया के कई देशों से आगे चल रहा है। लिहाजा यदि ट्रांसपोटेशन घरेलू एनर्जी और बिजली उत्पादन के मामले में यदि हम अपने लक्ष्य 2030 से बढ़ाकर 2035 भी  कर देते हैं तो इससे ज्यादा फर्क नहीं आएगा। 
 

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