ट्रंप की नई योजना पर भड़का चीन, बोला-दुनिया को ले डूबेगी अमेरिका की 'गोल्डन डोम'

Edited By Tanuja,Updated: 21 May, 2025 06:08 PM

how a spooked china reacted to  golden dome  plan of us

चीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका की प्रस्तावित अंतरिक्ष-आधारित मिसाइल रक्षा प्रणाली ‘ गोल्डन डोम’ को लेकर तीखी आपत्ति जताई है। मंत्रालय का...

Bejing:  चीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका की प्रस्तावित अंतरिक्ष-आधारित मिसाइल रक्षा प्रणाली ‘ गोल्डन डोम’ को लेकर तीखी आपत्ति जताई है। मंत्रालय का कहना है कि यह योजना 'आउटर स्पेस ट्रीटी (Outer Space Treaty)' का गंभीर उल्लंघन है और इससे पूरी दुनिया की सुरक्षा और स्थिरता को खतरा पैदा हो सकता है।


 क्या है 'गोल्डन डोम' योजना?
अमेरिकी राष्ट्रपति  डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित यह योजना, धरती के चारों ओर एक ऐसे रक्षात्मक कवच को तैनात करने की है, जो संभावित मिसाइल हमलों को अंतरिक्ष से ही नष्ट कर दे। यह प्रणाली अंतरिक्ष में सैटेलाइट और लेज़र आधारित हथियारों के माध्यम से काम करेगी। ट्रंप ने इसे "अमेरिका की अंतिम सुरक्षा दीवार" बताया था। लेकिन चीन इस योजना को एक  आक्रामक और उकसावेपूर्ण कदम मान रहा है।चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा-“गोल्डन डोम जैसी योजनाएं अंतरिक्ष को हथियारबंद करने की दिशा में खतरनाक कदम हैं। यह ‘आउटर स्पेस ट्रीटी’ के सिद्धांतों के विपरीत है, जिसके तहत अंतरिक्ष का उपयोग केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए किया जाना चाहिए।”

 

चीन ने अमेरिका से इस योजना को तुरंत रद्द करने की मांग की है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी अपील की है कि वे इसका विरोध करें। चीन ने यह भी चेतावनी दी कि यदि अमेरिका इस तरह की तकनीकों को आगे बढ़ाता है, तो अन्य देश भी अंतरिक्ष में हथियार तैनात करने की होड़ में लग सकते हैं। इससे  नए प्रकार की 'स्पेस वॉर'  शुरू हो सकती है, जो भविष्य में गंभीर सैन्य टकराव को जन्म दे सकती है।विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह योजना लागू होती है, तो रूस, चीन और अन्य देश भी जवाबी कदम उठा सकते हैं, जिससे अंतरिक्ष युद्ध (Space Warfare)  की संभावना बढ़ जाएगी।

 

क्या है Outer Space Treaty?
1967 में अस्तित्व में आया Outer Space Treaty एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है, जिसे अमेरिका, रूस (तब सोवियत संघ), चीन और भारत समेत 110 से अधिक देशों ने साइन किया है। इसके अनुसार अंतरिक्ष का इस्तेमाल केवल  शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए होना चाहिए। कोई भी देश चंद्रमा या अन्य खगोलीय पिंडों पर सैन्य ठिकाने नहीं बना सकता।परमाणु हथियारों या अन्य विनाशकारी हथियारों की तैनाती की अनुमति नहीं है।

 

अभी तक अमेरिका की ओर से चीन के बयान पर कोई आधिकारिक जवाब नहीं आया है, लेकिन पेंटागन के कुछ अधिकारियों ने पहले इस योजना को "रिसर्च और डिफेंस कैपेबिलिटी" का हिस्सा बताया था। ट्रंप की गोल्डन डोम योजना से जुड़ी यह ताजा बहस अंतरिक्ष क्षेत्र को लेकर नई वैश्विक प्रतिस्पर्धा  की आहट है। चीन की आपत्ति के बाद अब यह देखना होगा कि अमेरिका इस पर क्या रुख अपनाता है और क्या दुनिया एक  नए अंतरिक्ष सैन्यकरण युग  में प्रवेश करने जा रही है।
 

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