Edited By Tanuja,Updated: 10 Dec, 2022 03:30 PM
जापान ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह ब्रिटेन और इटली के साथ मिलकर अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमान को विकसित करेगा। तोक्यो के इस...
इंटरनेशनल डेस्कः जापान ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह ब्रिटेन और इटली के साथ मिलकर अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमान को विकसित करेगा। तोक्यो के इस कदम को पारंपरिक साझेदार अमेरिका से परे जाकर अन्य देशों से रक्षा संबंध बढ़ाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। यह नया मित्सुबिशी एफ-एक्स लड़ाकू विमान पूर्व में अमेरिका के साथ मिलकर विकसित और अब पुराने पड चुके एफ-2 का स्थान लेगा। जापान का एफ-एक्स और ब्रिटेन का टेम्पेस्ट, यूरोफाइटर टाइफून लड़ाकू विमानों की जगह लेंगे ।
इस समझौते से जापान को चीन की बढ़ती आक्रमता का मुकाबला करने में मदद मिलेगी और इसके साथ ही ब्रिटेन की हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उपस्थिति बढ़ेगी। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा द्वारा जापान की सैन्य क्षमता बढ़ाने आर अगले पांच साल में रक्षा बजट में वृद्धि की घोषणा के चार दिन बाद शुक्रवार को नए लड़ाकू विमान विकसित करने की घोषणा की गई है। जापान की सरकार अगले पांच साल में रक्षा पर 43 खरब येन (316 अरब डॉलर) खर्च करेगी और इसके लिए उसे हर साल चार खरब येन (30 अरब डॉलर) अतिरिक्त खर्च करने होंगे जिनमें से एक चौथाई राशि अतिरिक्त कर से जमा की जाएगी।
इस महीने के उत्तरार्ध में संशोधित राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति की घोषणा होने की उम्मीद है जिसमें उम्मीद की जा रही है कि देश की मारक क्षमता बढ़ाने और लंबी दूरी की मिसाइलों की तैनाती की मंजूरी दी जाएगी। यह जापान की आत्मरक्षा नीति में अहम बदलाव है, जिसे द्वितीय विश्व युद्ध (1945) में हार के बाद उसने अपनाया था।