Edited By Tanuja,Updated: 02 Jun, 2025 01:48 PM

रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष एक बेहद खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। अनाधिकारिक लेकिन लगातार बढ़ रही रिपोर्ट्स के अनुसार रूस ने अपने रणनीतिक परमाणु बलों को हाई ...
Moscow: रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष एक बेहद खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। अनाधिकारिक लेकिन लगातार बढ़ रही रिपोर्ट्स के अनुसार रूस ने अपने रणनीतिक परमाणु बलों को हाई रेडीनेस (सतर्कता की ऊंची स्थिति) में डाल दिया है। सूत्रों के अनुसार ओरेश्निक स्थित रूस के प्रमुख कमांड पोस्ट, जो कि परमाणु हमले के आदेश चेन से जुड़े हैं, उन्हें हाई अलर्ट पर रखा गया है।
यह कोई अभ्यास नहीं है, हालात गंभीर
रणनीतिक मिसाइल साइलो (गुप्त भूमिगत ठिकाने) और मोबाइल मिसाइल यूनिट्स को सक्रिय किया जा रहा है। सैटेलाइट तस्वीरों से यह संकेत मिले हैं कि परमाणु हथियारों की ट्रांसपोर्ट रूट्स पर असामान्य सैन्य गतिविधि हो रही है। पिछले 24 घंटों में यूक्रेन द्वारा रूस के एक प्रमुख सैन्य ठिकाने पर हमला किया गया, जिसके जवाब में रूस ने इस्कंदर मिसाइलों से पलटवार किया । इन घटनाओं ने रूस को अपने परमाणु विकल्पों पर गंभीरता से विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है।
परमाणु खतरे की वापसी
यह सिर्फ धमकी नहीं है विशेषज्ञों का मानना है कि यह वही "ठंडी जंग" (Cold War) का डरावना दौर दोबारा लौट आया है, जिसमें दुनिया एक परमाणु युद्ध के मुहाने पर खड़ी हो गई थी। “इस स्तर की तैयारी आखिरी बार क्यूबा मिसाइल संकट (1962) के दौरान देखी गई थी।” इसलिए दुनिया भर के नेता सतर्क और चिंतित हैं। परंपरागत युद्ध और परमाणु तबाही के बीच की रेखा बेहद पतली हो गई है। स्थिति इतनी नाजुक है कि एक छोटी सी चिंगारी भी वैश्विक संकट को जन्म दे सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि दुनिया खतरनाक मोड़ पर है।क्या इतिहास की अगली कड़ी राख से लिखी जाएगी?यदि स्थिति और बिगड़ती है, तो यह 21वीं सदी का सबसे बड़ा सुरक्षा संकट बन सकता है।