Edited By vasudha,Updated: 07 May, 2020 05:32 PM
कोरोना वायरस महामारी से उपजे आर्थिक संकट से अप्रैल में बेरोजगारी दर अपने उच्च स्तर पर पहुंच सकती है। इसके 1929 की महामंदी के बाद सबसे अधिक रहने की आशंका है। आंकड़े उपलब्ध कराने वाली कंपनी फैक्टसेट के मुताबिक अप्रैल की बेरोजगारी दर 16 प्रतिशत तक रहने...
इंटरनेशनल डेस्क: कोरोना वायरस महामारी से उपजे आर्थिक संकट से अप्रैल में बेरोजगारी दर अपने उच्च स्तर पर पहुंच सकती है। इसके 1929 की महामंदी के बाद सबसे अधिक रहने की आशंका है। आंकड़े उपलब्ध कराने वाली कंपनी फैक्टसेट के मुताबिक अप्रैल की बेरोजगारी दर 16 प्रतिशत तक रहने का अनुमान है। जबकि मार्च में यह 4.4 प्रतिशत थी।
अर्थशास्त्रियों के हिसाब से अप्रैल में 2.1 करोड़ या उससे अधिक नौकरियों की कटौती की आशंका है। यदि ऐसा होता है, तो इसका मतलब 2008 में आयी मंदी के बाद रोजगार के मोर्चे पर जितनी वृद्धि दर्ज की गयी, वह सब एक महीने में खत्म हो जाएगी। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए दुनियाभर में कई देशों ने लॉकडाउन (बंद) का विकल्प अपनाया। इससे आर्थिक गतिविधियां बहुत बुरी तरह प्रभावित हुईं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में कोरोना वायरस के अब तक 11,71,185 मामले सामने आ चुके हैं जबकि इससे मरने वालों का आंकड़ा 62,698 हो गया है। ग्रांट थॉरटन में मुख्य अर्थशास्त्री डायना स्वांक ने कहा कि हम अभी जिस (बेरोजगारी) बारे में बात कर रहे हैं वह बहूत अचंभित करने वाला है। यह अनोखा झटका है क्योंकि इसका कारण भी अनोखा है। यह ऐसा है जिसे हमने कभी नहीं देखा।
अमेरिका सरकार अप्रैल की बेरोजगारी दर के आधिकारिक आंकड़े शुक्रवार सुबह जारी करेगी। बृहस्पतिवार को सरकार बेरोजगारी भत्ते का लाभ उठाने वालों की साप्ताहिक रपट जारी करेगी। अनुमान है कि पिछले हफ्ते 35 लाख लोगों ने इसके लिए आवेदन किया है। यदि यह आंकड़े सही निकलते हैं तो लॉकडाउन के बाद से अब तक बेरोजगार हुए लोगों की संख्या 3.4 करोड़ हो जाएगी। अप्रैल की बेरोजगारी के वास्तविक आंकड़े अलग भी हो सकते हैं, क्योंकि आंकड़े जुटाने के दोनों तरीके अलग अलग हैं। सरकार छंटनी के आंकड़े घरों और कारोबारों का सर्वेक्षण करके जुटाती है। कुल आंकड़ों में नयी नौकरी पर रखने के आंकड़े भी जोड़े-घटाए जाते हैं। अमेजन और अन्य किराना कंपनियों ने हाल में बड़े पैमाने पर भर्तियां भी की हैं।