जी-7 समूह की बैठक में विश्व के नेता रूस पर और प्रतिबंध लगाने को तैयार, ये देश हैं शामिल

Edited By Parveen Kumar,Updated: 20 May, 2023 05:40 PM

world leaders ready to impose more sanctions on russia in the meeting

जी-7 समूह ने शनिवार को चीन से आग्रह किया कि वह अपने रणनीतिक साझेदार रूस पर यूक्रेन के खिलाफ अपना युद्ध समाप्त करने का दबाव बनाए।

इंटरनेशनल डेस्क: जी-7 समूह ने शनिवार को चीन से आग्रह किया कि वह अपने रणनीतिक साझेदार रूस पर यूक्रेन के खिलाफ अपना युद्ध समाप्त करने का दबाव बनाए। जी-7 दुनिया की सात सबसे बड़ी विकसित अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों का एक समूह है। इसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं। जी-7 नेताओं ने शनिवार को जारी एक संयुक्त बयान में कहा कि वे चीन को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते हैं और चीन के साथ ‘‘रचनात्मक और स्थिर संबंध'' चाहते हैं, ‘‘चीन के साथ खुलकर बातचीत करने और अपनी चिंताओं को सीधे व्यक्त करने के महत्व को पहचानते हैं।''

इसमें कहा गया है, ‘‘हम चीन से आह्वान करते हैं कि वह रूस पर उसके सैन्य हमले को रोकने के लिए दबाव डाले, औरर बिना शर्त यूक्रेन से अपने सभी सैनिकों को तुरंत हटा ले।'' बयान में कहा गया है, ‘‘हम यूक्रेन के साथ प्रत्यक्ष बातचीत सहित क्षेत्रीय अखंडता और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों और उद्देश्यों के आधार पर एक व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति का समर्थन करने के लिए चीन को प्रोत्साहित करते हैं।''

बयान के अनुसार नेताओं ने जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता, वैश्विक स्वास्थ्य चिंताओं और आर्थिक स्थिरता जैसी चुनौतियों पर मिलकर काम करने की अपील की है। समूह ने कहा कि चीन की वैश्विक भूमिका और आर्थिक आकार को देखते हुए उसके साथ सहयोग की आवश्यकता है। जी-7 नेताओं ने पूर्वी और दक्षिण चीन सागर में स्थिति के बारे में ‘‘गंभीर चिंता'' व्यक्त की। पूर्वी और दक्षिण चीन सागर में चीन अपनी सैन्य मौजूदगी का विस्तार कर रहा है और स्व-शासित ताइवान पर अपना नियंत्रण स्थापित करने के लिए बल प्रयोग करने की चेतावनी दे रहा है।

उन्होंने ताइवान पर चीन के दावे के ‘‘शांतिपूर्ण समाधान'' का आह्वान किया। बयान में कहा गया है कि ‘‘दक्षिण चीन सागर में चीन के समुद्री दावों का कोई कानूनी आधार नहीं है, और हम इस क्षेत्र में चीन की सैन्यीकरण गतिविधियों का विरोध करते हैं।'' जी-7 देशों ने तिब्बत, हांगकांग और शिनजियांग के सुदूर पश्चिमी क्षेत्र सहित चीन में मानवाधिकारों के बारे में चिंता व्यक्त की। इसमें कहा गया है, ‘‘हमारे नीतिगत दृष्टिकोण चीन को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं है और न ही हम चीन की आर्थिक प्रगति और विकास को विफल करना चाहते हैं।''

चीनी अधिकारियों ने अमेरिका और अन्य सदस्यों पर अनैतिक बयान देने का आरोप लगाते हुए आर्थिक दबाव और अन्य मुद्दों के बारे में विभिन्न जी-7 बयानों पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ' के संपादकीय में इस तरह के आरोपों को गलत बताया गया है। इसमें कहा गया है कि अमेरिका जोर-जबरदस्ती और शोषण के मामले में आगे रहा है। जी-7 नेताओं का बयान तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन जारी किया गया। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की बैठक में शामिल होने के लिए शनिवार को हिरोशिमा पहुंचे।

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