Edited By PTI News Agency,Updated: 23 Jun, 2022 09:31 PM
मुंबई, 23 जून (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को बैंकों और अन्य विनियमित संस्थाओं द्वारा आईटी सेवाओं की आउटसोर्सिंग को लेकर संबंधित मानदंड का प्रस्ताव किया। इन मानदंडों का मकसद वित्तीय, परिचालन और साख संबंधी जोखिमों का...
मुंबई, 23 जून (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को बैंकों और अन्य विनियमित संस्थाओं द्वारा आईटी सेवाओं की आउटसोर्सिंग को लेकर संबंधित मानदंड का प्रस्ताव किया। इन मानदंडों का मकसद वित्तीय, परिचालन और साख संबंधी जोखिमों का प्रबंधन करना है।
सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवाओं की आउटसोर्सिंग पर आरबीआई के मसौदे के अनुसार विनियमित संस्थाओं (आरई) को आईटी और आईटी-सक्षम सेवाओं की आउटसोर्सिंग के लिए केंद्रीय बैंक से पूर्व मंजूरी की जरूरत नहीं होगी।
मसौदे में कहा गया है, ‘‘इन निर्देशों का अंतर्निहित सिद्धांत यह है कि आरई को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आउटसोर्सिंग व्यवस्था ग्राहकों के लिए उसके दायित्वों को पूरा करने की क्षमता को कम न करे और न ही पर्यवेक्षण प्राधिकरण द्वारा प्रभावी निरीक्षण को बाधित करे।’’
आरबीआई ने इस मसौदे पर हितधारकों से 22 जुलाई तक सुझाव मांगे हैं।
बैंकों, भुगतान बैंकों, सहकारी बैंकों, ऋण सूचना कंपनियों, एनबीएफसी और अन्य विनियमित संस्थाओं को एक व्यापक रूप से अनुमोदित आईटी आउटसोर्सिंग नीति को लागू करना होता है।
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