Edited By vasudha,Updated: 28 Oct, 2020 09:49 AM
चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच भारतीय वायुसेना की ताकत में और इजाफा होने जा रहा है। अगले साल तक वायुसेना के बेडे़ में 16 और राफेल विमान शामिल हो जाएंगे। भारतीय वायुसेना के बेड़े में अब तक पांच राफेल विमान शामिल हो चुके हैं। राफेल के आने से ना...
नेशनल डेस्क: चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच भारतीय वायुसेना की ताकत में और इजाफा होने जा रहा है। अगले साल तक वायुसेना के बेडे़ में 16 और राफेल विमान शामिल हो जाएंगे। भारतीय वायुसेना के बेड़े में अब तक पांच राफेल विमान शामिल हो चुके हैं। राफेल के आने से ना सिर्फ वायुसेना की ताकत को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि दुश्मनों की भी नींद उड़ जायेगी।
भारत ने किया है 36 राफेल विमान का सौदा
अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार फ्रांस से तीन राफेल विमान जनवरी में आएंगे। इसके अलावा, मार्च में तीन और अप्रैल में सात राफेल फाइटर जेट आएंगे। दरअसल सितंबर 2016 में भारत ने फ्रांस सरकार और दसॉ एविएशन के साथ 36 राफेल विमान को लेकर समझौता किया था। राफेल विमानों की पहली खेप को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में अंबाला एयरबेस पर वायुसेना में आधिकारिक तौर पर शामिल किया गया था।
राफेल दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है।
राफेल अत्याधुनिक हथियारों और रक्षा प्रणाली से लैस है।
इसमें स्कैल्पऔर हैमर जैसी घातक मिसाइलें मौजूद हैं, जो पलक झपकते ही दुश्मन का सर्वनाश कर सकती हैं।
रक्षा विशेषज्ञ राफेल को चीन के जे 20 से बेहतर मानते हैं। फिलहाल एशिया में राफेल के टक्कर का कोई दूसरा लड़ाकू विमान है।
दुश्मन को सिखाएगा सबक
राफेल लड़ाकू विमानों को 'ओमनिरोल' यानी मल्टीरोल विमानों की श्रेणी में रखा गया है।
यह किसी भी युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने की क्षमता रखते हैं।
ये लड़ाकू विमान हवाई हमला, जमीन में सेना की मदद और दुश्मन पर बड़े हमले को अंजाम दे सकती है।
इसके अलावा परमाणु हथियारों के खिलाफ भी इसे इस्तेमाल किया जा सकता है।