LAC पर हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद, चीन के भी 43 सैनिकों की मौत या घायलः सूत्र

Edited By Yaspal,Updated: 17 Jun, 2020 07:35 AM

20 indian soldiers martyred in lac violent clash sources

लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प में एक अधिकारी समेत 20 सैनिक शहीद हो गए, जबकि कई घायल बताए जा रहे हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी।  गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में एक कर्नल और 20 सैनिक...

नई दिल्लीः लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ ''हिंसक टकराव'' के दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और 20 जवान शहीद हो गए। सूत्रों ने यह जानकारी दी। चीन की सीमा पर लगभग 45 साल बाद, भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों की इस तरह शहादत की पहली घटना है। सूत्रों ने कहा कि हिंसक टकराव के दौरान एक अधिकारी व 20 जवान शहीद हुए जबकि चीन को भी भारी नुकसान हुआ है। सूत्रों ने कहा कि चीन के भी 43 जवान मारे गए हैं या फिर गंभीर रूप से घायल हैं। इससे पहले सेना ने बताया कि 1975 में अरुणाचल प्रदेश में तुलुंग ला में हुए संघर्ष में चार भारतीय जवान शहीद हो गए थे।
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सूत्रों ने कहा कि दोनों ओर से कोई गोलीबारी नहीं हुई। सेना ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ''गलवान घाटी में तनाव कम करने की प्रक्रिया के दौरान सोमवार रात हिंसक टकराव हो गया। इस दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए।'' बताया जा रहा है कि हिंसक टकराव के दौरान शहीद हुआ अधिकारी गलवान में एक बटालियन का कमांडिंग अफसर था। गौरतलब है कि बीते पांच हफ्तों से गलवान घाटी समेत पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में बड़ी संख्या में भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने थे। यह घटना भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे के उस बयान के कुछ दिन बाद हुई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के सैनिक गलवान घाटी से पीछे हट रहे हैं। चीन की सरकार द्वारा संचालित समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने अपनी एक खबर में दावा किया भारतीय सैनिकों ने झड़प की शुरुआत की। वे चीनी क्षेत्र में घुस आए और चीन के सैनिकों पर हमला कर दिया।
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रक्षा मंत्री ने की हाईलेवल मीटिंग
चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के सैनिकों के शहीद होने के बाद पूर्वी लद्दाख में हालात पर विचार-विमर्श करने के लिए मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ लगातार दो बैठकें की। सरकारी सूत्रों ने बताया कि सिंह ने सोमवार की रात भारतीय सेना के जवानों के शहीद होने के बारे में तथा क्षेत्र में संपूर्ण स्थिति के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत कराया है। पांच हफ्ते से भी ज्यादा समय से इस क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच तनाव बना हुआ है।
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सूत्रों ने बताया कि सिंह ने विदेश मंत्री एस जयशंकर, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की। इसमें पूर्वी लद्दाख में जमीनी हालात की व्यापक समीक्षा की गई। किसी भी हालात से निपटने के लिए भारत की तैयारियों पर भी विचार-विमर्श किया गया। यह पता चला है कि सरकार ने पूर्वी लद्दाख में पेंगॉन्ग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी जैसे इलाकों में भारत की सैन्य क्षमता को आगे और मजबूत करने का फैसला किया है। सूत्रों ने बताया कि तकरीबन एक घंटे चली बैठक के बाद सिंह ने समग्र हालात के बारे में प्रधानमंत्री मोदी को अवगत कराया। रक्षा मंत्री ने दोपहर में विदेश मंत्री जयशंकर, थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे और प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के साथ एक और बैठक की।
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सूत्रों ने बताया कि जनरल नरवणे ने सोमवार रात गलवान घाटी में हुई घटना के बारे में विस्तार से रक्षा मंत्री को अवगत कराया। पूर्वी लद्दाख के पेंगॉन्ग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी इलाके में भारतीय और चीनी सेना के बीच गतिरोध चल रहा है। पेंगॉन्ग सो सहित कई इलाके में चीनी सैन्यकर्मियों ने सीमा का अतिक्रमण किया है। भारतीय सेना ने चीनी सेना की इस कार्रवाई पर सख्त एतराज जताया है और क्षेत्र में अमन-चैन के लिए तुरंत उनसे पीछे हटने की मांग की है। गतिरोध दूर करने के लिए पिछले कुछ दिनों में दोनों तरफ से कई बार बातचीत भी हुई है।
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सीमा पर शांति चाहता है भारत लेकिन पीछे नहीं हटेगा
विदेश मंत्रालय ने कहा कि सीमा प्रबंधन को लेकर जिम्मेदारी निभाते हुए भारत शुरू से बहुत स्पष्ट रहा है कि उसकी सभी गतिविधियां वास्तविक नियंत्रण रेखा के भीतर अपने अधिकार वाले क्षेत्र में ही सीमित हैं। हम चीनी पक्ष से भी यही अपेक्षा करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस बात को पूरी तरह से मानते एवं समझते हैं कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता कायम रखने और मतभेदों को बातचीत के माध्यम से सुलझाने की जरूरत है। पर इसी समय हम भारत की संप्रभुता एवं प्रादेशिक अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए द्दढ़ प्रतिज्ञ हैं।''
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अमित शाह ने पीएम मोदी से की मुलाकात
गृह मंत्री अमित शाह भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने उनके आवास पहुंचे। दोनों नेताओं के बीच करीब डेढ़ घंटे तक बैठक चली और मौजूदा हालात को लेकर बातचीत हुई। सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच लद्दाख में जारी तनाव को लेकर चर्चा हुई।     

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