22 साल का सब्र... फिर मिलेंगे 6 करोड़ रुपये, जानिए अमीर बनने का सबसे आसान तरीका

Edited By Updated: 27 Dec, 2025 07:43 PM

22 years of patience  then you ll get 6 crore rupees

लंबे समय में बड़ी दौलत बनाना सिर्फ ऊंचे रिटर्न की तलाश का खेल नहीं है, बल्कि अनुशासित और लगातार निवेश का नतीजा होता है। यही वजह है कि म्यूचुअल फंड में SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) आज उन लोगों की पहली पसंद बन चुका है, जो रिटायरमेंट जैसे लंबे...

नेशनल डेस्क: लंबे समय में बड़ी दौलत बनाना सिर्फ ऊंचे रिटर्न की तलाश का खेल नहीं है, बल्कि अनुशासित और लगातार निवेश का नतीजा होता है। यही वजह है कि म्यूचुअल फंड में SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) आज उन लोगों की पहली पसंद बन चुका है, जो रिटायरमेंट जैसे लंबे लक्ष्य के लिए निवेश करना चाहते हैं। अगर इक्विटी के साथ थोड़ी-सी गोल्ड की हिस्सेदारी जोड़ दी जाए और निवेश को लंबे समय तक बनाए रखा जाए, तो हर महीने की मामूली रकम भी समय के साथ करोड़ों का फंड बना सकती है।

मौजूदा निवेश कहां-कहां लगाया गया है?

मान लीजिए आप हर महीने 24,000 रुपये निवेश कर रहे हैं। यह रकम छह इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में लगभग बराबर बांटी गई है- पराग पारिख फ्लेक्सीकैप, कोटक मल्टीकैप, ICICI प्रूडेंशियल रिटायरमेंट प्योर इक्विटी फंड, इनवेस्को इंडिया लार्ज एंड मिडकैप, मोतीलाल ओसवाल मिडकैप और बंधन स्मॉलकैप।

हर फंड में करीब 4,001 रुपये की SIP है, जिससे अलग-अलग कैटेगरी और निवेश रणनीतियों का फायदा मिलता है। ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के एमडी पंकज माथपाल के मुताबिक, 22 साल का निवेश समय इक्विटी के लिए बिल्कुल अनुकूल होता है। हालांकि, पोर्टफोलियो को और बेहतर बनाने की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है।

क्या रिटायरमेंट फंड लेना जरूरी है?

कई निवेशकों के मन में यह सवाल रहता है कि क्या रिटायरमेंट की प्लानिंग के लिए अलग से रिटायरमेंट फंड जरूरी होता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यहां असल मायने फंड के नाम से नहीं, बल्कि उसकी एसेट एलोकेशन और लॉक-इन अवधि से होते हैं।

रोहित के पोर्टफोलियो में शामिल ICICI प्रूडेंशियल रिटायरमेंट प्योर इक्विटी फंड एक सॉल्यूशन ओरिएंटेड फंड है, जिसमें 5 साल का लॉक-इन है। व्यवहार में यह एक डाइवर्सिफाइड इक्विटी फंड की तरह ही काम करता है। अगर लॉक-इन आपकी निवेश अवधि से मेल खाता है, तो इसमें निवेश करने में कोई समस्या नहीं है।

3 करोड़ से 6 करोड़ तक कैसे पहुंच सकता है फंड?

अगर औसतन 12% सालाना रिटर्न मान लिया जाए, तो मौजूदा 24,000 रुपये की SIP 22 साल में करीब 3 करोड़ रुपये बना सकती है। लेकिन इतने लंबे समय में महंगाई पैसों की असली कीमत काफी कम कर देती है। यहीं पर स्टेप-अप SIP की अहमियत समझ आती है। अगर हर साल SIP की रकम 10% बढ़ाई जाए, तो यही निवेश 22 साल में बढ़कर करीब 6 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। चूंकि समय के साथ इनकम भी बढ़ती है, इसलिए SIP बढ़ाना कोई विकल्प नहीं, बल्कि एक ज़रूरी रणनीति है।

पोर्टफोलियो में गोल्ड क्यों जोड़ना चाहिए?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, रोहित का पोर्टफोलियो पहले से ही लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स में अच्छी तरह डाइवर्सिफाइड है। लंबे समय तक इसमें बने रहना समझदारी है, बस समय-समय पर रिव्यू जरूरी है।

पोर्टफोलियो को और संतुलित बनाने के लिए गोल्ड में निवेश जोड़ा जा सकता है। शेयर बाजार में जब तेज उतार-चढ़ाव आता है, तब गोल्ड अक्सर सुरक्षा कवच का काम करता है। गोल्ड फंड या गोल्ड ETF-दोनों ही अच्छे विकल्प हैं। बेहतर होगा कि एकमुश्त निवेश की बजाय 2,000 से 4,000 रुपये की SIP से गोल्ड में शुरुआत की जाए।

जल्दी निवेश शुरू करना, लंबे समय तक उसे जारी रखना और हर साल SIP बढ़ाते रहना- यही रिटायरमेंट प्लानिंग के तीन मजबूत स्तंभ हैं। 34 साल की उम्र में 24,000 रुपये की SIP शुरू करके रोहित सही दिशा में कदम बढ़ा चुके हैं। अगर वे 10% स्टेप-अप और सही डाइवर्सिफिकेशन बनाए रखते हैं, तो रिटायरमेंट के लिए एक मजबूत और सुरक्षित फंड बनाना पूरी तरह संभव है।

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