Edited By Mehak,Updated: 07 Jul, 2025 01:00 PM

26/11 मुंबई आतंकी हमले में शामिल रहे तहव्वुर हुसैन राणा ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की पूछताछ में राणा ने माना है कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और आतंकी संगठन...
नेशनल डेस्क : 26/11 मुंबई आतंकी हमले में शामिल रहे तहव्वुर हुसैन राणा ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की पूछताछ में राणा ने माना है कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करता था।
ISI और लश्कर-ए-तैयबा से संबंध
राणा ने कबूला कि वह पाकिस्तानी सेना और ISI का एक भरोसेमंद एजेंट था। खाड़ी युद्ध के समय उसे सऊदी अरब भी भेजा गया था। उसने यह भी बताया कि लश्कर-ए-तैयबा सिर्फ एक आतंकी संगठन नहीं है, बल्कि वह एक जासूसी नेटवर्क की तरह भी काम करता है।
डेविड हेडली से पुराना रिश्ता
राणा ने इस बात की पुष्टि की कि वह आतंकी डेविड हेडली का नज़दीकी दोस्त और सहयोगी था। हेडली लश्कर के लिए कई बार पाकिस्तान में ट्रेनिंग ले चुका था। दोनों ने मिलकर भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिशें रचीं।

मुंबई में था राणा, रेकी करने की बात मानी
राणा ने बताया कि जब 2008 में मुंबई पर आतंकी हमला हुआ, तब वह खुद मुंबई में मौजूद था। उसने यह भी स्वीकार किया कि उसने मुंबई के कई महत्वपूर्ण स्थानों की रेकी की थी, जिसमें छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CST) भी शामिल था। राणा के मुताबिक, यह सब कुछ ISI और लश्कर की साजिश का हिस्सा था।
इमिग्रेशन फर्म की आड़ में आतंकी साजिश
राणा ने मुंबई में अपनी इमिग्रेशन सर्विस फर्म खोली थी, जिसका मकसद दिखाने के लिए कारोबार बताया गया। लेकिन असल में वह इसका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए कर रहा था। फर्म से जुड़े लेन-देन को 'बिजनेस खर्च' के रूप में पेश किया गया ताकि शक न हो।
मुंबई पुलिस अब राणा को लेगी हिरासत में
पूछताछ के बाद अब मुंबई पुलिस तहव्वुर राणा को अपनी हिरासत में लेने की तैयारी कर रही है। पुलिस का मानना है कि राणा से पूछताछ के जरिए 26/11 हमले से जुड़ी कई और परतें खुल सकती हैं।
26/11 हमला: एक नजर
26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से आए 10 आतंकियों ने समुद्र के रास्ते मुंबई में घुसपैठ की थी। उन्होंने छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन, होटल ताज, होटल ओबेरॉय और एक यहूदी केंद्र पर हमला किया। इस आतंकवादी हमले में 166 लोगों की जान गई और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
राणा पर डेविड हेडली, लश्कर-ए-तैयबा, हरकत-उल-जिहादी इस्लामी और पाकिस्तान की एजेंसियों के साथ मिलकर भारत पर हमला करने की साजिश का आरोप है।