Edited By Sahil Kumar,Updated: 31 Oct, 2025 03:13 PM

केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए राहत भरी खबर आई है। केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को मंजूरी दे दी है। आयोग को नई वेतन संरचना, सेवा शर्तें और रिटायरमेंट बेनिफिट्स तय करने की जिम्मेदारी सौंपी गई...
नेशनल डेस्क: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बड़ी राहत भरी खबर आई है। केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही अब वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी का रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने आयोग को नई वेतन संरचना, रिटायरमेंट बेनिफिट्स और सेवा शर्तें तय करने की जिम्मेदारी सौंपी है। आयोग को अपनी रिपोर्ट 18 महीनों के भीतर, यानी अप्रैल 2027 तक, सरकार को सौंपनी होगी।
कब बढ़ेगी सैलरी और पेंशन?
अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में बढ़ोतरी कब होगी। सरकारी सूत्रों के अनुसार, आमतौर पर आयोग की रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार को 3 से 6 महीने का समय मंजूरी देने में लगता है। इस हिसाब से यदि आयोग अप्रैल 2027 में अपनी रिपोर्ट सौंप देता है, तो सरकार जुलाई 2027 तक इसे मंजूरी दे सकती है।
हालांकि, पिछले आयोगों के रिकॉर्ड के मुताबिक, प्रक्रिया अक्सर लंबी चलती है। ऐसे में नई सिफारिशें लागू होने में जनवरी 2028 तक का समय लग सकता है। यानी कर्मचारियों को थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है।
क्या कहता है पुराना रिकॉर्ड?
यदि पिछले आयोगों पर नजर डालें, तो 6वां वेतन आयोग जुलाई 2006 में गठित हुआ था और उसका ToR अक्टूबर 2006 में मंजूर हुआ था। आयोग ने मार्च 2008 में रिपोर्ट सौंपी, जिसे सरकार ने अगस्त 2008 में मंजूरी दी। यानी सिफारिशों को लागू होने में लगभग 22 महीने लगे थे। हालांकि, बढ़ा हुआ वेतन 1 जनवरी 2006 से प्रभावी किया गया था, जिससे कर्मचारियों को एरियर (arrears) का भी लाभ मिला।
वहीं, 7वां वेतन आयोग सितंबर 2013 में घोषित हुआ था और इसका ToR फरवरी 2014 में मंजूर हुआ। आयोग ने नवंबर 2015 में रिपोर्ट सौंपी और सरकार ने इसे जून 2016 में मंजूरी दी। पूरी प्रक्रिया को पूरा होने में लगभग 28 महीने लगे और बढ़ी हुई सैलरी तथा पेंशन 1 जनवरी 2016 से लागू की गई।
अगर पिछली प्रक्रिया के पैटर्न को देखा जाए, तो 8वां वेतन आयोग अपनी रिपोर्ट अप्रैल 2027 में सौंपेगा। इसके बाद सरकार जुलाई 2027 तक इसे मंजूरी दे सकती है। लेकिन यदि प्रक्रिया में देरी होती है, तो कर्मचारियों को जनवरी 2028 तक इंतजार करना पड़ सकता है।