Edited By Anu Malhotra,Updated: 19 Jun, 2025 02:10 PM

अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे के बाद देश भर में शोक की लहर है। इस दुर्घटना में 270 से अधिक लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी है, और अब टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने इस पूरे घटनाक्रम पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने एक भावनात्मक बयान जारी...
नई दिल्ली – अहमदाबाद में हुए दर्दनाक विमान हादसे के बाद देशभर में आक्रोश और दुख का माहौल है। ऐसे में टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन का बयान सामने आया है, जिसने पूरे घटनाक्रम को एक भावनात्मक मोड़ दे दिया है। उन्होंने न सिर्फ पीड़ित परिवारों के प्रति गहरा शोक व्यक्त किया, बल्कि हादसे में शामिल दोनों पायलटों की काबिलियत और प्रतिबद्धता की भी सराहना की। साथ ही, उन्होंने जल्दबाज़ी में कोई निष्कर्ष न निकालने की अपील करते हुए कहा कि सच सामने लाने के लिए ब्लैक बॉक्स की जांच का इंतज़ार किया जाना चाहिए।
बता दें कि अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे के बाद देश भर में शोक की लहर है। इस दुर्घटना में 270 से अधिक लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी है, और अब टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने इस पूरे घटनाक्रम पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने एक भावनात्मक बयान जारी करते हुए न सिर्फ पीड़ित परिवारों से माफी मांगी, बल्कि पूरे देश से संयम बरतने की अपील की।
शब्द नहीं हैं, हम सिर्फ सहारा बन सकते हैं
चंद्रशेखरन ने कहा, "यह हम सभी के लिए अत्यंत कठिन घड़ी है। उन परिवारों को सांत्वना देने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं, जिन्होंने इस दुर्घटना में अपने प्रियजनों को खो दिया है। मुझे गहरा दुःख है कि यह हादसा टाटा के स्वामित्व वाली एयरलाइन में हुआ। हम पीड़ित परिवारों के साथ हैं और इस समय हम उनके लिए हर संभव सहायता प्रदान करेंगे।" उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब एयर इंडिया की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं और सोशल मीडिया से लेकर संसद तक में टाटा समूह की आलोचना हो रही है।
पायलट्स पर जल्द निष्कर्ष न निकालें
चंद्रशेखरन ने दोनों पायलटों के बारे में जानकारी देते हुए कहा, "कैप्टन सभरवाल के पास 11,500 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव था और पहले अधिकारी क्लाइव कुंदर को 3,400 घंटे से ज्यादा का अनुभव था। मेरे सहयोगियों से मिली जानकारी के अनुसार, दोनों अत्यंत कुशल और प्रोफेशनल पायलट थे। हमें जल्दबाज़ी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा कि हादसे की असल वजह जानने के लिए हमें ब्लैक बॉक्स और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर की जांच के नतीजों का इंतजार करना होगा।
ब्लैक बॉक्स खोलेगा सच
जब उनसे पूछा गया कि टेक-ऑफ में चूक कहां हुई, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि विशेषज्ञों की राय के अनुसार, ब्लैक बॉक्स ही इस रहस्य को सुलझा पाएगा। "हमें धैर्य रखना चाहिए और जांच पूरी होने का इंतजार करना चाहिए," उन्होंने कहा।
उड़ानों की देरी और कैंसिलेशन पर भी बोले
घटना के बाद एयर इंडिया की कई उड़ानों में देरी और रद्दीकरण हुआ, जिससे यात्रियों में असंतोष बढ़ा। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चंद्रशेखरन ने कहा, "हमें अपने संचार तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता है। हमने पिछले कुछ दिनों में एक रणनीतिक संचार टीम तैयार की है। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने बोइंग और जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एयर इंडिया के विमानों और इंजनों में किसी प्रकार की तकनीकी समस्या तो नहीं है।