अजनाला हिंसा: पंजाब पुलिस की सोशल मीडिया पर हो रही जमकर तारीफ...अमृतपाल सिंह पर भड़के लोग

Edited By Seema Sharma,Updated: 02 Mar, 2023 05:04 PM

ajnala violence punjab police is being praised on social media

23 फरवरी को वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह बड़ी संख्या में अपने समर्थकों के साथ अजनाला पुलिस थाने पहुंचा और वहां पर अमृतपाल सिंह के समर्थकों की पुलिस के साथ झड़प हुई।

जालंधर: 23 फरवरी को वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह बड़ी संख्या में अपने समर्थकों के साथ अजनाला पुलिस थाने पहुंचा और वहां पर अमृतपाल सिंह के समर्थकों की पुलिस के साथ झड़प हुई। दरअसल अमृतपाल सिंह के साथ लवप्रीत सिंह तूफान को एक केस में गिरफ्तार किया गया था, जिसकी रिहाई की मांग को लेकर अमृतपाल ने पहले सरकार को चेतावनी दी और फिर अपने समर्थकों के साथ अजनाला पुलिस थाने के बाहर प्रदर्शन का ऐलान किया।  

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इस रोष प्रदर्शन के दौरान पालकी साहिब में सुशोभित गुरु ग्रंथ साहिब जी को ढाल बनाकर पुलिस थानों तक ले जाने के कारण सोशल मीडिया पर अमृतपाल सिंह पर सवाल उठ रहे हैं। अजनाला पुलिस स्टेशन के पास बैरिकेडिंग लगाकर पुलिस ने अमृतपाल और उसके समर्थकों को रोकने की कोशिश की लेकिन प्रदर्शनकारियों के हाथ गुरु ग्रंथ साहिब देखकर पुलिस को पीछे हटना पड़ा। इस दौरान पुलिस और अमृतपाल सिंह के समर्थकों के बीच झड़प हुई और दोनों तरफ से ही कई लोग घायल भी हुए।

 

अमृतपाल सिंह के समर्थक बैरिकेडिंग को तोड़ कर पुलिस थाने के अंदर पहुंच गए और वहां पर बैठ गए। इतना ही नहीं अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने सरेआम तलवारें भी लहराईं। वहीं सोशल मीडिया पर जो वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं उसमें साफ नजर आ रहा है कि पंजाब पुलिस उस नाजुक स्थिति में शांत रही और सहनशीलता से काम लिया। पंजाब पुलिस की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हो रही है। वहीं अजनाला पुलिस थाने पर हुई झड़प को लेकर और गुरु ग्रंथ साहिब को ढाल बनाने को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि सिख कौम शेरों की कौम है लेकिन इन जैसे (अमृतपाल सिंह) लोगों के पीछे लग कर कुछ ने सिख कौम का सिर नीचा कर दिया है। 

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वहीं कुछ लोगों ने लिखा कि पंजाब के नौजवानों को शिक्षित करने की जगह कुछ लोग जानबूझकर उनको हिंसा की तरफ धकेल रहे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी ट्वीट किया कि गुरु ग्रंथ साहिब जी को ढाल बनाकर पुलिस थानों तक ले जाने वाले पंजाब और पंजाबियत का 'वारिस' कहलवाने के काबिल नहीं हैं। अमृतपाल श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूप के साथ अपने समर्थकों सहित थाने पहुंचा। पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की तो उग्र भीड़ ने बैरिकेड तोड़ डाले और तलवारों व बंदूकों के साथ थाने पर हमला कर दिया, जिसमें एसपी समेत छह पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। इसके बाद घंटों थाने के बाहर डटे रहे।

 

खालिस्तान समर्थकों के उत्पात के एक दिन बाद डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि हमलावरों ने पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की आड़ में हथियारों के साथ हमला किया। पवित्र ग्रंथ की मर्यादा को बनाए रखने के लिए ही पुलिस ने संयम से काम लिया। शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आश्वासन देने के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने धारदार हथियारों का इस्तेमाल किया। हमले में एसपी समेत छह पुलिसकर्मी घायल हुए।

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वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से मांग की है कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की ओट लेकर हिंसक धरने-प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। अमृतपाल की बात करें तो वह सितंबर 2022 से पहले कई सालों से दुबई रह रहा था। वहां उसने अपने केश भी कटवाए हुए थे। सिख उपदेशक बनने से पहले दुबई में एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम कर रहा था। उसने अभिनेता-कार्यकर्ता दीप सिद्धू द्वारा स्थापित एक सामाजिक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख के रूप में पदभार संभाला, जो पिछले साल फरवरी में एक दुर्घटना में मारा गया था।

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