Edited By Anu Malhotra,Updated: 30 Apr, 2025 07:55 AM

आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम में मंगलवार की रात श्रद्धा का माहौल मातम में बदल गया, जब श्री वराह लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर में चंदनोत्सव के दौरान अचानक एक दीवार गिर पड़ी। इस दर्दनाक हादसे में सात लोगों की जान चली गई जबकि चार श्रद्धालु गंभीर रूप से...
नेशनल डेस्क: आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम में मंगलवार की रात श्रद्धा का माहौल मातम में बदल गया, जब श्री वराह लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर में चंदनोत्सव के दौरान अचानक एक दीवार गिर पड़ी। इस दर्दनाक हादसे में सात लोगों की जान चली गई जबकि चार श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के वक्त मंदिर में चंदनोत्सव महोत्सव चल रहा था, जहां हजारों की संख्या में भक्त भगवान के दर्शन के लिए पहुंचे थे।
जैसे ही दीवार गिरी, मौके पर अफरातफरी मच गई। सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और रेस्क्यू टीमें सक्रिय हो गईं। विशाखापट्टनम के कलेक्टर हरेंद्र प्रसाद ने बताया कि NDRF और SDRF की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। घायलों को तत्काल पास के अस्पतालों में पहुंचाया गया है और रेस्क्यू ऑपरेशन अब भी जारी है। राज्य की आपदा प्रबंधन एवं गृह मंत्री वंगलापुड़ी अनिता ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया और राहत कार्यों की निगरानी की।
भक्ति का उत्सव बना हादसे की वजह
हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ मंगलवार को श्री वराह लक्ष्मी नरसिंह स्वामी के वार्षिक चंदनोत्सव में उमड़ी थी। यह दिन खास होता है क्योंकि इसी दिन भगवान नरसिंह अपने भक्तों को वास्तविक रूप में दर्शन देते हैं। सुबह 1 बजे सुप्रभात सेवा से भगवान को जगाया गया और फिर चांदी के चम्मच से उनके शरीर पर लगे चंदन को हटाया गया। विशेष पूजा-अर्चना के बाद भक्तों के लिए दर्शन की व्यवस्था की गई थी।
पहली झलक का सम्मान
मंदिर के वंशानुगत ट्रस्टी पुसापति अशोक गजपति राजू और उनके परिवार को सबसे पहले दर्शन का सौभाग्य मिला। इसके बाद राज्य सरकार की ओर से राजस्व मंत्री अंगनी सत्य प्रसाद ने भगवान को रेशमी वस्त्र अर्पित किए। मंगलवार दोपहर से ही सिंहगिरी में दर्शन के लिए भारी भीड़ उमड़ने लगी थी। खासकर केशखंडशाला के सामने स्थित कल्याणम मैदान में लगी निशुल्क कतारें भक्तों से खचाखच भरी थीं।