विदेशों में भी गूंजा बांके बिहारी मंदिर विवाद: योगी सरकार पर उठे सवाल, गोस्वामी अनंत बिहारी ने बताया "अनोखा हल"

Edited By Updated: 07 Jun, 2025 01:21 PM

banke bihari temple controversy goswami anant bihari told unique solution

बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर परियोजना को लेकर विवाद अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया है, जहां सेवायत गोस्वामी समाज के विरोध को विदेशों में भी समर्थन मिल रहा है वहीं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर भी...

International Desk: बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर परियोजना को लेकर विवाद अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया है, जहां सेवायत गोस्वामी समाज के विरोध को विदेशों में भी समर्थन मिल रहा है वहीं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित इस परियोजना के तहत वृंदावन में स्थित ऐतिहासिक बांके बिहारी मंदिर के आसपास 5 एकड़ में कॉरिडोर का निर्माण किया जाना है, जिसकी अनुमानित लागत ₹500 करोड़ है। इस परियोजना का उद्देश्य तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है, लेकिन सेवायत गोस्वामी समाज इसे मंदिर की परंपरा और स्वायत्तता पर हस्तक्षेप मानते हुए विरोध कर रहा है। 

PunjabKesari

सरकार पर सवाल
अमेरिका, आस्ट्रेलिया, यूके सहित विदेशों में बसे भारतीय जो अक्सर स्वदेश आने पर खास तौर पर  बांके बिहारी मंदिर के दर्शनों के लिए आते रहते हैं  ने इस प्रस्तावित इस परियोजना पर विरोध जताया है। उनका कहना है योगी सरकार जनता की सुविधा का इतना ही ख्याल रखना चाहती है तो अब तक चुप क्यों थी। भारत समेत दुनिया के सभी बांके बिहारी प्रेमी सुविधाएं चाहते हैं लेकिन विरासत और पुरातन धरोहर को नष्ट करने की कीमत पर नहीं। लोगों का कहना है कि सरकार कुंज गलियों में फैली गंदगी और कचरों से भरी नालियों को नहीं देखती। वृंदावन में सफाई व्यवस्था जीरो है, लेकिन सरकार का ध्यान विरासती शहर में जनता को बाकी सुविधाएं देने व सफाई के बजाए मंदिर के खजाने की सफाई की ओर ज्यादा है।   

PunjabKesari

सेवायतों का विरोध और चेतावनी
सेवायत गोस्वामी समाज का कहना है कि बांके बिहारी मंदिर उनके पूर्वजों द्वारा स्थापित किया गया था और यह उनकी पारंपरिक संपत्ति है। वे सरकार द्वारा मंदिर के प्रबंधन के लिए ट्रस्ट के गठन और कॉरिडोर निर्माण को मंदिर की स्वायत्तता में हस्तक्षेप मानते हैं। सेवायतों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने अपनी योजना वापस नहीं ली, तो वे ठाकुरजी की मूर्ति को स्थानांतरित कर देंगे और मथुरा छोड़ देंगे। उनका कहना है कि यह कदम मंदिर की परंपरा और धार्मिक भावनाओं की रक्षा के लिए आवश्यक है।गोस्वामियों ने स्पष्ट कह दिया है कि यदि सरकार अपनी मंशा के अनुरूप मंदिर और पैसा चाहती है तो वे अपने ठाकुरजी को लेकर परिवार सहित यहां से पलायन कर जाएंगे। हालांकि, अधिकारी अभी भी बातचीत के माध्यम से सहमति बनने का दावा कर रहे हैं।

 

सेवायत अनंत गोस्वामी जी ने बताया अनोखा फार्मूला 
विवादों में घिरा वृंदावन कॉरिडोर प्रोजेक्ट पर अब सेवायत अनंत गोस्वामी ने इसका शांतिपूर्ण और सार्थक समाधान प्रस्तुत किया है। बातचीत में उन्होंने स्पष्ट किया कि  अगर उनसे पूछा जाए, तो वह कॉरिडोर निर्माण के पक्ष में नहीं हैं  तो  मैं 'ना' कहूँगा लेकिन भीड़ की समस्या को नकारा नहीं जा सकता।अनंत गोस्वामी जी ने मंदिर में बढ़ती भीड़ और उससे हो रही धक्का-मुक्की, अव्यवस्था पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा, “भीड़ के कारण श्रद्धालुओं को दर्शन में तकलीफ होती है, यह सही है, लेकिन समाधान गलियों को तोड़ना नहीं है।”

PunjabKesari

वृंदावन की गलियों की विशेषता बताते हुए उन्होंने कहा कि यहां की हर संकरी गली, हर मोड़,  बचपन की स्मृतियों की तरह प्रिय और पावन  हैं। वहां की मिट्टी, वहां की खुशबू, और सतर्कता की अनुभूति यह सब मिलकर एक दिव्य अनुभव देते हैं। यह नगर केवल बांके बिहारी मंदिर नहीं बल्कि 5000 से अधिक मंदिरों का तीर्थ है। हर गली में रास है, हर मोड़ पर लीला है।”उन्होंने सरकार से अपील की कि ब्रज की परंपरा और ब्रजवासियों की भावनाएं आहत न हों। गलियों को चौड़ा करना, कॉरिडोर बनाना एक हल नहीं है।  यह ब्रज की आत्मा को चोट पहुंचाता है। जब प्राचीन गलियों को तोड़ा जाता है, तो ब्रजवासी आंसू बहाते हैं।” इस मामले में अनंत गोस्वामी जी ने बेहद प्रैक्टिकल और भावनात्मक सुझाव दिए हैंः-
 

  • उनका कहा है कि सबसे पहले तो भक्तों को चाहिए वे समझदारी दिखाएं ।
  • उन्होंने कहा कि श्रद्धालु अगर खुद भी समझदारी दिखाएं और पूरे ब्रज में भगवान के दर्शन करें, तो ना भीड़ होगी, ना संस्कृति को नुकसान।  
  • वीकेंड के बजाय वीकडे में दर्शन करें ।
  • श्रद्धालु पूरे ब्रज में मंदिरों में बंट जाएं सिर्फ एक मंदिर पर भीड़ न करें।
  • गाइड के साथ कम भीड़ वाले मंदिरों में जाएं।बांके बिहारी को हर गली और हर मंदिर में खोजें।
  • उन्होंने कहा कि कन्हैया सिर्फ एक स्थान पर नहीं, ब्रज के हर कोने में हैं।
  • भक्त यदि बांके बिहारी के अन्य रूपों के दर्शन के लिए भी जाएंगे, तो मंदिरों पर भीड़ कम होगी और उन्हें भी अलग-अलग अनुभव मिलेंगे।”
  • उन्होंने कहा  कि निसंदेह सरकार जनता की जरूरतों के लिए काम करती है, लेकिन ब्रजवासियों के आंसू भी समझे।
     

 

PunjabKesari

सरकार की योजना और सुप्रीम कोर्ट की अनुमति
उत्तर प्रदेश सरकार ने बांके बिहारी मंदिर के लिए एक ट्रस्ट के गठन की अधिसूचना जारी की है, जिसमें 18 सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा। इस परियोजना को सुप्रीम कोर्ट से भी अनुमति मिल चुकी है, जिसमें मंदिर के फंड का उपयोग करके भूमि अधिग्रहण की अनुमति दी गई है। हालांकि, सेवायतों ने इस निर्णय के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने अदालत से अनुरोध किया है कि उन्हें भी पक्षकार बनाया जाए। 

 

PunjabKesari
 

धार्मिक नेताओं और स्थानीय समुदाय का समर्थन
इस परियोजना के विरोध में कई धार्मिक संगठन भी आवाज उठा रहे हैं। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी इस परियोजना का विरोध करते हुए कहा है कि सरकार को सभी धार्मिक स्थलों के प्रति समान व्यवहार करना चाहिए और किसी एक धर्म विशेष के मंदिरों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। स्थानीय ब्रजवासी समुदाय और व्यापारी वर्ग भी सेवायतों के विरोध में उनके साथ हैं, उनका मानना है कि यह परियोजना वृंदावन की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को नुकसान पहुंचा सकती है।  

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!