Edited By Rohini Oberoi,Updated: 28 Jul, 2025 10:40 AM

केंद्र सरकार ने इसी साल जनवरी में 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है जो देश के लाखों केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। इसके लागू होने से उनकी सैलरी, भत्तों और पेंशन में उल्लेखनीय इजाफा होगा। देश में करीब 50...
नेशनल डेस्क। केंद्र सरकार ने इसी साल जनवरी में 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है जो देश के लाखों केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। इसके लागू होने से उनकी सैलरी, भत्तों और पेंशन में उल्लेखनीय इजाफा होगा। देश में करीब 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारी लंबे समय से बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे जिसे इस आयोग के बाद पूरा किया जा सकेगा।
मिनिमम बेसिक सैलरी में ₹30,000 तक की बढ़ोतरी संभव
8वें वेतन आयोग के आने से हर सैलरी वर्ग के केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। मन में सवाल उठना स्वाभाविक है कि आखिर न्यूनतम बेसिक सैलरी में कितनी बढ़ोतरी हो सकती है? अनुमान है कि आठवें वेतन आयोग के अंतर्गत मिनिमम बेसिक सैलरी में ₹18,000 से ₹30,000 तक की बढ़ोतरी हो सकती है जो कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत होगी।

कब से मिलेगी ज़्यादा सैलरी? 2026 या 2027 की शुरुआत
सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। पहले ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि 8वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकता है। हालांकि अब बताया जा रहा है कि आठवां वेतन आयोग 2026 के अंत तक या 2027 की शुरुआत में ही लागू हो पाएगा। ऐसी स्थिति में इसके लागू होने तक 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है।
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65-68 लाख पेंशनभोगियों को भी मिलेगा फायदा
8वें वेतन आयोग का फायदा सिर्फ वर्तमान में नौकरी कर रहे 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को ही नहीं मिलेगा बल्कि केंद्रीय सरकारी नौकरी से रिटायर हुए लगभग 65-68 लाख पेंशनभोगी भी इससे लाभान्वित होंगे। यह उनके लिए भी एक बड़ी वित्तीय राहत होगी।

8वें वेतन आयोग में देरी के कारण
8वें वेतन आयोग की प्रक्रिया में देरी के कई मुख्य कारण बताए जा रहे हैं जिनमें शामिल हैं:
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प्रशासनिक और प्रक्रियात्मक बाधाएं: जैसे आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति में समय लगना।
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ToR (Terms of Reference) का अंतिम रूप न देना: आयोग के कामकाज के दायरे और नियमों को तय करने में देरी।
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बजटीय प्रावधानों की कमी: आवश्यक वित्तीय आवंटन की व्यवस्था में विलंब।
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सरकार ने हितधारकों से इनपुट मांगने की प्रक्रिया शुरू की है लेकिन अभी तक इस मामले में बहुत ज़्यादा प्रगति नहीं हुई है। 8वें वेतन आयोग को लागू करने के लिए मौजूदा सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव करके एक नया सैलरी स्ट्रक्चर बनाना होगा और इस प्रक्रिया में भी समय लगेगा।