Edited By Radhika,Updated: 24 Dec, 2025 01:22 PM

मध्य प्रदेश के जबलपुर में राजनीति उस समय गरमा गई जब भारतीय जनता पार्टी की नगर उपाध्यक्ष अंजू भार्गव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वे एक दृष्टिबाधित महिला के साथ अभद्रता करती नजर आ रही हैं। यह घटना 20 दिसंबर, शनिवार की बताई जा रही है।...
नेशनल डेस्क: मध्य प्रदेश के जबलपुर में राजनीति उस समय गरमा गई जब भारतीय जनता पार्टी की नगर उपाध्यक्ष अंजू भार्गव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वे एक दृष्टिबाधित महिला के साथ अभद्रता करती नजर आ रही हैं। यह घटना 20 दिसंबर, शनिवार की बताई जा रही है। जब गोरखपुर थाना क्षेत्र स्थित 'हाउस बाग चर्च' के पीछे ईसाई समुदाय द्वारा दृष्टिबाधित बच्चों के लिए एक भोज आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम के दौरान हिंदूवादी संगठनों को धर्मांतरण की आशंका हुई, जिसके बाद अंजू भार्गव समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता वहां पहुंचे और जमकर हंगामा किया।
भाजपा नेत्री का दुर्व्यवहार बना चर्चा का विषय
विवाद के दौरान मामला उस समय और बिगड़ गया जब भाजपा नेत्री अंजू भार्गव ने वहां मौजूद एक दिव्यांग महिला के साथ न केवल धक्का-मुक्की की, बल्कि बेहद अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल किया। वायरल वीडियो में वे महिला का हाथ-मुंह पकड़ते हुए कह रही हैं, "तू इस जन्म में अंधी है, अगले जन्म में भी अंधी ही पैदा होगी।" इसके साथ ही उन्होंने महिला की निजी धार्मिक आस्था और सिंदूर लगाने को लेकर भी तीखी टिप्पणी की। घटनास्थल पर पुलिस की मौजूदगी के बावजूद भाजपा नेत्री का यह व्यवहार चर्चा का विषय बना हुआ है।
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भाजपा ने अपनाया कड़ा रुख
इस घटना का संज्ञान लेते हुए भाजपा संगठन ने अपनी छवि को बचाने के लिए तुरंत कार्रवाई की है। भाजपा महानगर अध्यक्ष रत्नेश सोनकर ने अंजू भार्गव को 'कारण बताओ नोटिस' जारी करते हुए उनके कृत्य को अशोभनीय और अमानवीय बताया है। नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि भाजपा एक जिम्मेदार पार्टी है और वह किसी भी दिव्यांग या महिला के प्रति ऐसे व्यवहार का समर्थन नहीं करती। अंजू भार्गव से 7 दिनों के भीतर लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है, और संतोषजनक जवाब न मिलने पर उन्हें पद से हटाया जा सकता है या पार्टी से निष्कासित किया जा सकता है।
कांग्रेस का कानूनी दांव
विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस के नगर अध्यक्ष सौरभ शर्मा ने इस कृत्य की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि भाजपा नेताओं के मन में समाज के कमजोर वर्गों के प्रति कोई सम्मान नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा शहर की शांति और आपसी भाईचारे को नुकसान पहुंचा रही है। कांग्रेस ने घोषणा की है कि वे इस अपमानजनक टिप्पणी के खिलाफ न्यायालय में परिवाद दायर करेंगे ताकि पीड़ित दिव्यांग महिला को न्याय मिल सके। जबलपुर की गंगा-जमुनी तहजीब को खंडित करने वालों के खिलाफ कांग्रेस आर-पार की लड़ाई लड़ने की तैयारी में है।
यह मामला अब केवल एक राजनीतिक विवाद नहीं रह गया है, बल्कि इसे दिव्यांगों के अधिकारों और मानवीय सम्मान के हनन के रूप में भी देखा जा रहा है। आने वाले दिनों में अंजू भार्गव का जवाब और पुलिस की कार्रवाई इस मामले की दिशा तय करेगी।