BJP New President: RSS ने भाजपा के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए तय किए ये 4 मानदंड, जानें 10 दावेदार कौन

Edited By Updated: 10 Jul, 2025 06:04 PM

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भारतीय जनता पार्टी (BJP) को जल्द ही नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने वाला है। हालांकि यह सिर्फ एक औपचारिक पद नहीं है, बल्कि भाजपा के भविष्य की दिशा तय करने वाला नेतृत्वकर्ता चुना जाएगा। इस बार नए अध्यक्ष के चयन को लेकर प्रक्रिया बेहद सोच-समझकर और रणनीतिक...

भारतीय जनता पार्टी (BJP) को जल्द ही नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने वाला है। हालांकि यह सिर्फ एक औपचारिक पद नहीं है, बल्कि भाजपा के भविष्य की दिशा तय करने वाला नेतृत्वकर्ता चुना जाएगा। इस बार नए अध्यक्ष के चयन को लेकर प्रक्रिया बेहद सोच-समझकर और रणनीतिक ढंग से चल रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भी कुछ खास मानदंड तय किए हैं जिनके आधार पर ही नया अध्यक्ष चुना जाएगा।

RSS ने तय किए अध्यक्ष चयन के चार प्रमुख मानदंड
RSS की ओर से भाजपा नेतृत्व को कुछ स्पष्ट दिशानिर्देश दिए गए हैं, जो यह तय करेंगे कि अगला भाजपा अध्यक्ष कौन होगा। एक न्यूज रिपोर्ट्स के अनुसार, संघ ने चार प्रमुख मानदंड तय किए हैं:

RSS सूत्रों का कहना है कि अब भाजपा को ऐसे नेता की जरूरत है जो केवल हाईकमान का प्रतिनिधि न हो, बल्कि जमीनी कार्यकर्ताओं से भी सीधा संवाद रख सके और संगठन को अंदर से मज़बूत करे।

क्यों हो रही है अध्यक्ष के चयन में देरी?
भाजपा के वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल 2023 में समाप्त हो गया था। हालांकि लोकसभा चुनाव 2024 के चलते उनका कार्यकाल आगे बढ़ा दिया गया। अब जबकि चुनाव खत्म हो चुके हैं, नया अध्यक्ष तय करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

इस देरी के पीछे दो मुख्य कारण हैं:

  • प्रदेश अध्यक्षों का चयन अधूरा है – भाजपा के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी संभव है जब कम से कम आधे राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त हो चुके हों। वर्तमान में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तेलंगाना जैसे बड़े राज्यों में यह प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है।

  • आरएसएस से अंतिम सहमति – संघ के साथ पूरी सहमति बनना अब एक “अलिखित अनिवार्यता” बन चुका है। बिना उनकी स्वीकृति के अध्यक्ष का ऐलान संभव नहीं है।

यह सिर्फ एक पद नहीं बल्कि 2029 की रणनीति है
भाजपा का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष केवल एक संगठनात्मक पद नहीं होगा। इसे 2029 के आम चुनाव और मोदी युग के बाद की राजनीति के लिहाज से एक रणनीतिक नियुक्ति माना जा रहा है। एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने बताया कि, “यह केवल नाम तय करने की बात नहीं है, बल्कि उस नाम को भाजपा की दीर्घकालिक रणनीति में फिट करना भी जरूरी है।" संघ के शताब्दी वर्ष (2025) को देखते हुए यह निर्णय और भी महत्वपूर्ण बन जाता है।"

अध्यक्ष पद की दौड़ में कौन-कौन हैं शामिल?
भाजपा के नए अध्यक्ष पद के लिए कई नाम चर्चा में हैं। इनमें से कुछ नेताओं की पृष्ठभूमि और अनुभव उन्हें मजबूत दावेदार बनाते हैं।

प्रमुख नाम जो रेस में सबसे आगे माने जा रहे हैं:

  • अर्जुन राम मेघवाल – केंद्रीय कानून मंत्री

  • शिवराज सिंह चौहान – वर्तमान कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री

  • धर्मेंद्र प्रधान – केंद्रीय शिक्षा मंत्री

  • भूपेंद्र यादव – पर्यावरण मंत्री

  • मनोहर लाल खट्टर – हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री

  • सुनील बंसल – भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव

  • जी. किशन रेड्डी – कोयला मंत्री

  • बी.एल. संतोष – भाजपा संगठन के प्रमुख रणनीतिकार

महिला उम्मीदवार के रूप में:

  • निर्मला सीतारमण – केंद्रीय वित्त मंत्री

  • डी. पुरंदेश्वरी – आंध्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री

संघ चाहता है सामंजस्यपूर्ण नेतृत्व
बीते कुछ वर्षों में भाजपा में हाईकमान की भूमिका बेहद प्रभावी रही है। हालांकि संघ अब ऐसा नेतृत्व चाहता है जो संगठन के हर स्तर से संवाद करे और हर कार्यकर्ता की भागीदारी सुनिश्चित करे। इसका मकसद नेतृत्व को एकतरफा न बनाकर संगठन आधारित बनाना है।

कब तक हो सकती है घोषणा?
भाजपा के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि नए अध्यक्ष की घोषणा जुलाई के अंत या अगस्त के पहले सप्ताह तक की जा सकती है। यह समय इसलिए चुना गया है ताकि पहले राज्यों में संगठनात्मक नियुक्तियां पूरी कर ली जाएं और फिर एक मजबूत सहमति के साथ नया नेतृत्व सामने आए।

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