Edited By rajesh kumar,Updated: 22 Mar, 2023 05:20 PM

केंद्र के साथ संघर्ष विराम समझौता कर चुके नगा उग्रवादी समूह एनएससीएन-आईएम ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह रूपरेखा समझौते को आगे बढ़ाने के लिए गंभीर नहीं है, जिससे नगा शांति प्रक्रिया ‘बेतुकी' हो गयी है।
नेशनल डेस्क: केंद्र के साथ संघर्ष विराम समझौता कर चुके नगा उग्रवादी समूह एनएससीएन-आईएम ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह रूपरेखा समझौते को आगे बढ़ाने के लिए गंभीर नहीं है, जिससे नगा शांति प्रक्रिया ‘बेतुकी' हो गयी है। संगठन के अध्यक्ष क्यू तुक्कू ने मंगलवार को हेब्रॉन में अपने मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘केंद्र-एनएससीएन (आईएम) वार्ता में कोई गंभीरता नहीं है और कथनी-करनी में अंतर है।''
उन्होंने कहा कि इससे संगठन को यह आशंका लगती है कि केंद्र सरकार अपने पूरे तंत्र के साथ नगा लोगों पर गुपचुप हमला बोलने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि शांति वार्ता को केंद्र संभाल रहा है, उसके बावजूद एनएससीएन-आईएम ने पूरी प्रतिबद्धता और दृढ़संकल्प के साथ वार्ता को आगे बढ़ाया है।
तुक्कू ने कहा, ‘‘जब नगा लोगों के ऐतिहासिक और राजनीतिक अधिकारों को बचाने की बात हो तो कोई बलिदान बहुत बड़ा नहीं है।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह केंद्र सरकार पर निर्भर करता है कि वह मिलकर काम करे और खोये हुए आधार को वापस पाये।''