Online Payment: फ्री UPI सर्विस होगी खत्‍म, सरकार का बड़ा बदलाव: अब ₹3000 से ऊपर देना होगा एक्स्ट्रा चार्ज

Edited By Anu Malhotra,Updated: 11 Jun, 2025 04:15 PM

charge for payment of more than 3000 through upi

डिजिटल पेमेंट को फ्री और आसान बनाने वाली यूपीआई (UPI) व्यवस्था में अब बड़ा बदलाव होने वाला है। सरकार ₹3000 से अधिक के यूपीआई ट्रांजैक्शन पर चार्ज लगाने पर विचार कर रही है। अब तक लागू ‘जीरो एमडीआर’ नीति को खत्म करने की योजना बनाई जा रही है, जिससे...

नेशनल डेस्क: डिजिटल पेमेंट को फ्री और आसान बनाने वाली यूपीआई (UPI) व्यवस्था में अब बड़ा बदलाव होने वाला है। सरकार ₹3000 से अधिक के यूपीआई ट्रांजैक्शन पर चार्ज लगाने पर विचार कर रही है। अब तक लागू ‘जीरो एमडीआर’ नीति को खत्म करने की योजना बनाई जा रही है, जिससे बैंकों और पेमेंट कंपनियों को बढ़ते खर्च की भरपाई का रास्ता मिल सके। छोटे ट्रांजैक्शन पहले की तरह फ्री रहेंगे, लेकिन बड़े व्यापारिक भुगतान पर शुल्क लगने की संभावना है। यह कदम UPI इकोसिस्टम को टिकाऊ और भविष्य के लिए मजबूत बनाने की दिशा में उठाया जा रहा है।

क्या हो सकता है बदलाव?
सूत्रों के अनुसार, सरकार 2020 से लागू ‘Zero MDR’ पॉलिसी को खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। प्रस्ताव के अनुसार, 3,000 रुपये तक के यूपीआई ट्रांजैक्शन फ्री रहेंगे, लेकिन इससे ऊपर के लेनदेन पर 0.3% तक का चार्ज मर्चेंट्स से लिया जा सकता है। यह चार्ज सिर्फ उन्हीं व्यापारियों पर लागू होगा जिनकी सालाना कमाई अधिक है।

 

क्यों जरूरी हुआ यह कदम?
आज यूपीआई का हिस्सा भारत के कुल 80% रिटेल डिजिटल ट्रांजैक्शन में हो चुका है। लेकिन बैंकों और पेमेंट कंपनियों को इसका कोई सीधा मुनाफा नहीं मिल रहा, क्योंकि जीरो एमडीआर नीति के तहत वे मर्चेंट से कोई फीस नहीं वसूल सकते। इस मॉडल के चलते बैंकों पर ऑपरेशनल खर्च बढ़ा है, लेकिन आमदनी नहीं बढ़ी, जिससे उनका इस सिस्टम में निवेश करने का उत्साह कम हो गया है।

अब तक कितना ट्रांजैक्शन हुआ है UPI पर?
कोविड के बाद से डिजिटल पेमेंट्स में जबरदस्त उछाल देखा गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, UPI मर्चेंट पेमेंट्स का आंकड़ा 60 लाख करोड़ रुपये को पार कर चुका है। इतनी बड़ी रकम को बिना किसी शुल्क के प्रोसेस करना लंबे समय तक संभव नहीं है, खासकर तब जब बैंक और फिनटेक कंपनियां इसके लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर व टेक्नोलॉजी में भारी निवेश कर रही हैं।

कौन देगा सुझाव, कब होगा अंतिम फैसला?
सरकार ने यह विषय प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्त मंत्रालय और आर्थिक मामलों के विशेषज्ञों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक में उठाया। अब बैंक, फिनटेक कंपनियों और NPCI से सलाह-मशविरा करके अगले 12 महीनों के भीतर कोई ठोस नीति बनाई जाएगी।

क्या रहेगा फ्री और किस पर लगेगा शुल्क?

  • ₹3,000 तक के ट्रांजैक्शन: पहले की तरह बिल्कुल फ्री रहेंगे।

  • ₹3,000 से अधिक के ट्रांजैक्शन: बड़े मर्चेंट्स पर 0.3% तक का एमडीआर लग सकता है।

  • RuPay क्रेडिट कार्ड: अभी भी एमडीआर चार्ज से बचे रहेंगे।

 भारत में UPI ने डिजिटल क्रांति का चेहरा बदल दिया है और आज हम दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में शामिल हैं। अब सरकार की कोशिश है कि इस व्यवस्था को सिर्फ लोकप्रिय नहीं बल्कि टिकाऊ भी बनाया जाए। 

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