Edited By Anu Malhotra,Updated: 12 Nov, 2025 10:48 AM

सर्दियों की छुट्टियों और क्रिसमस-न्यू ईयर के त्योहारों के बीच रेलवे प्लेटफॉर्मों पर भीड़ बढ़ जाती है। ऐसे समय में बच्चे के साथ यात्रा करने वाले माता-पिता के लिए भारतीय रेलवे की ‘चाइल्ड टिकट पॉलिसी’ जानना बेहद महत्वपूर्ण है। सही जानकारी न होने पर...
नेशनल डेस्क: सर्दियों की छुट्टियों और क्रिसमस-न्यू ईयर के त्योहारों के बीच रेलवे प्लेटफॉर्मों पर भीड़ बढ़ जाती है। ऐसे समय में बच्चे के साथ यात्रा करने वाले माता-पिता के लिए भारतीय रेलवे की ‘चाइल्ड टिकट पॉलिसी’ जानना बेहद महत्वपूर्ण है। सही जानकारी न होने पर टिकट बुकिंग या सफर के दौरान परेशानी हो सकती है।
बच्चों के टिकट उम्र के आधार पर अलग-अलग
रेलवे ने बच्चों के टिकट और किराए के नियमों को स्पष्ट रूप से तय किया है। 2020 में संशोधित नीति के अनुसार, उम्र के आधार पर बच्चों के टिकट की व्यवस्था इस प्रकार है:
5 साल से छोटे बच्चे
-इस उम्र के बच्चे बिना टिकट ट्रेन में सफर कर सकते हैं।
-उन्हें अलग सीट या बर्थ नहीं मिलेगी; बच्चा माता-पिता की सीट पर ही यात्रा करेगा।
-यदि माता-पिता अलग सीट चाहते हैं, तो बच्चे के लिए पूर्ण वयस्क किराया देना होगा।
5 से 12 साल के बच्चे
विकल्प 1: अलग सीट या बर्थ न चाहिए → कंसेशन (छूट वाला) किराया।
विकल्प 2: अलग सीट या बर्थ चाहिए → पूर्ण वयस्क किराया देना होगा।
12 साल या उससे अधिक उम्र के बच्चे
-इस उम्र के सभी बच्चों को वयस्क श्रेणी में रखा जाता है।
-पूरा वयस्क किराया देना अनिवार्य है।