Edited By Tanuja,Updated: 25 Nov, 2025 01:10 PM

चीन भारतीय सीमा के पास तिब्बत में तेज़ी से सैन्य ढांचा बढ़ा रहा है नई सड़कों, रनवे, UAV परीक्षण केंद्र और सैनिक ठिकानों के साथ। LAC पर रसद और कनेक्टिविटी मजबूत कर चीन अपनी स्थिति पुख्ता कर रहा है, जबकि दक्षिण चीन सागर में भी उसका विस्तार जारी है।
Bejing: चीन एक बार फिर भारत के प्रति दोहरा रवैया अपना रहा है। एक ओर वह दोस्ती की बातें करता है, दूसरी ओर LAC के पास अपने सैन्य और लॉजिस्टिक ढांचे को तेज़ी से मजबूत कर रहा है। तिब्बत में चीन की गतिविधियाँ लगातार बढ़ रही हैं नई सड़कें, हवाई पट्टियाँ, सैन्य अड्डे और UAV परीक्षण केंद्र इसका हिस्सा हैं।
सीमा पर चीन का बड़ा खेल
भारत से लगती चीन की LAC पर हाल के महीनों में कई रणनीतिक बदलाव देखे गए हैं। चीन अपनी सेना की रसद क्षमता, कनेक्टिविटी, और तेज़ तैनाती की क्षमता को और मजबूत करने में जुटा है। सैनिकों और हथियारों की तेज आवाजाही के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और सीमा के बेहद पास तकनीकी और सैन्य तैनाती के कारण भारत-चीन के संबंधों पर कई नए सवाल खड़े हो रहे हैं। भारत और चीन के बीच सीमा तनाव कोई नई बात नहीं है। 2017 में डोकलाम संघर्ष और 2020 में गलवान घाटी के खूनी संघर्ष के बाद दोनों पक्षों में बातचीत हुई, लेकिन जमीनी हालात अब भी सामान्य नहीं हो पाए हैं। इसके उलट, चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियाँ स्थिति को और संवेदनशील बना रही हैं।
तिब्बत में चीन का तेज सैन्य विस्तार: चीन तिब्बत को अपनी रणनीतिक ढाल की तरह विकसित कर रहा है। हालिया रिपोर्टों के अनुसार:
1. UAV (ड्रोन) परीक्षण केंद्र
- 4300 मीटर की ऊँचाई पर बना यह केंद्र
- सैनिकों के लिए ऊँचाई वाली लड़ाई में बड़ी मदद
- चीन की हाई-टेक युद्ध रणनीति का हिस्सा
2. नया सैन्य अड्डा
- 720 मीटर लंबा रनवे
- 4 बड़े हैंगर
- यह बेस चीनी सेना का लॉजिस्टिक हब बनेगा
- कठिन इलाके में तेज़ सप्लाई सुनिश्चित करेगा
3. तिब्बत में भारी निवेश: चीन ने अपनी 14वीं पंचवर्षीय योजना के तहत तिब्बत के लिए 30 अरब अमेरिकी डॉलर का बजट तय किया था। इसके तहत:
- हाईवे नेटवर्क को दोगुना
- नई सरकारी परियोजनाएँ
- रेल नेटवर्क में बड़े सुधार
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग तिब्बत को रणनीतिक मोर्चे के रूप में विकसित करने में लगातार रुचि दिखा रहे हैं। सिर्फ भारत नहीं, दक्षिण चीन सागर में भी चीन का विस्तार बढ़ रहा है। चीन की नज़र सिर्फ भारतीय सीमा पर नहीं है। दक्षिण चीन सागर में भी वह आक्रामक तरीके से विस्तार कर रहा है।चीन के कदम साफ बताते हैं कि वह बुनियादी ढांचे के विकास का इस्तेमाल अपने रणनीतिक और सैन्य विस्तार के लिए कर रहा है। तिब्बत से लेकर दक्षिण चीन सागर तक, उसकी गतिविधियाँ भारत और दुनिया के लिए लगातार चुनौती पेश कर रही हैं।