Edited By Yaspal,Updated: 24 Sep, 2023 06:21 AM
रमेश बिधुड़ी और दानिश अली को लेकर छिड़े विवाद में नया मोड़ आ गया है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर को एक पत्र लिखा है
नेशनल डेस्कः रमेश बिधुड़ी और दानिश अली को लेकर छिड़े विवाद में नया मोड़ आ गया है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने बसपा सांसद दानिश अली पर गंभीर आरोप लगाए हैं। दुबे ने कहा कि अली ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ ‘बहुत ही आपत्तिजनक और अपमानजनक' टिप्पणी की। भाजपा नेता ने दावा किया कि उन्होंने (अली ने) ‘नीच' शब्द का इस्तेमाल किया जो ‘किसी भी देशभक्त जन प्रतिनिधि के लिए अपना संयम खो देने और ऐसी अशोभनीय शब्द बोलकर उनके जाल में फंस जाने के लिए ' काफी है। साथ ही, दुबे ने स्पष्ट शब्दों में बिधूड़ी की टिप्पणियों की निंदा करते हुए कहा कि कोई भी सभ्य समाज उन्हें सही नहीं ठहरा सकता।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर को लिखे पत्र में कहा है, "बसपा सांसद दानिश अली ने पीएम मोदी के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक और अपमानजनक टिप्पणी की... बिना माइक्रोफोन के उन्हें यह कहते हुए स्पष्ट रूप से सुना जा सकता है कि 'नीच को नीच नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे।“ दानिश अली द्वारा दिया गया यह बयान, मुझे लगता है, इससे कहीं अधिक था किसी भी देशभक्त जन प्रतिनिधि के लिए अपना धैर्य खोने के लिए पर्याप्त है और इसके कारण रमेश भिधूड़ी ने उन्हें वैसा ही जवाब दिया जैसा उन्होंने दिया था।''
इससे पहले विपक्षी दलों के नेताओं ने सदन में बसपा सांसद दानिश अली के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी को लेकर भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए शनिवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पर दबाव बढ़ाया। बिधूड़ी के बयानों को लेकर भाजपा आलोचना का सामना कर रही है और इस बीच, पार्टी सांसद निशिकांत दुबे ने सदन में अली के आचरण पर सवाल उठाया और अध्यक्ष से लोकसभा में बसपा सांसद और तृणमूल कांग्रेस तथा द्रमुक जैसे दलों के सदस्यों द्वारा दिए गए बयानों की जांच के लिए एक जांच समिति गठित करने का आग्रह किया।
निशिकांत दुबे ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद दानिश अली के ‘अशोभनीय' आचरण और टिप्पणियों की भी जांच करनी चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में दुबे ने अली पर बृहस्पतिवार को लोकसभा में विधूड़ी के भाषण के दौरान टोका-टोकी करने तथा अप्रिय टिप्पणियां करने का आरोप लगाया एवं कहा कि उनके ऐसा करने का मकसद उन्हें (बिधूड़ी को) उकसाना था कि वह अपना धैर्य खो दे। दुबे ने आरोप लगाया कि अली ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ ‘बहुत ही आपत्तिजनक और अपमानजनक' टिप्पणी की।
भाजपा सांसद ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘लेकिन लोकसभा अध्यक्ष को दानिश अली की अशोभनीय टिप्पणियों और आचरण की भी जांच करनी चाहिए। लोकसभा के नियमों के तहत किसी सांसद को आवंटित समय के दौरान उनके बोलते वक्त टोकने, बैठे-बैठे बोलने और लगातार टीका-टिप्पणी करने के लिए भी सजा का प्रावधान है।'' अपने पत्र में दुबे ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस और द्रविड़ मुनेत्र कषगम के सदस्यों ने भी दूसरे समुदाय के धार्मिक विश्वास के बारे में टिप्पणियां कीं।
दुबे ने कहा कि उन्होंने जो कुछ लिखा है कि वे ऐसे तथ्य हैं जिसकी पुष्टि की जा सकती है। उन्होंने कहा कि यदि बिधूड़ी ने अनपयुक्त आचरण किया है तो अली एवं अन्य सदस्यों ने भी समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाया। दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखा है, ‘‘ मैं इसलिए आपसे उक्त चर्चा के दौरान विभिन्न सदस्यों द्वारा कही गयी बातों की जांच के लिए एक जांच समिति बनाने का अनुरोध करता हूं। मेरा अनुरोध यह भी है कि यह समिति सदन में अपनी टिप्पणियों से हमारे नागरिकों को उकसाने को लेकर विभिन्न अन्य सांसदों की अभियोज्यता की सीमा की भी जांच करे।''
विपक्ष ने साधा BJP पर निशाना
विपक्षी दलों ने बिधूड़ी की आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर केंद्र में सत्तारूढ़ दल भाजपा पर निशाना साधा है। भाजपा ने दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। बृहस्पतिवार को लोकसभा में चंद्रयान-3 की सफलता पर चर्चा के दौरान बिधूड़ी की टिप्पणी पर हंगामा मच गया। इसके बाद सांसद अली ने कहा था कि अगर कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो वह सदन की सदस्यता छोड़ने पर विचार कर सकते हैं।
कांग्रेस नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नसीम खान ने शनिवार को मांग की कि लोकसभा में बसपा के सदस्य दानिश अली के बारे में अपमानजनक टिप्पणी को लेकर भाजपा सांसद बिधूड़ी को स्थायी रूप से निलंबित किया जाना चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में खान ने कहा कि संसद को लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है और यह संविधान में निहित सिद्धांतों एवं लोकाचार के अनुसार काम करती है। खान ने कहा कि बिधूड़ी का ‘‘शर्मनाक'' बयान न केवल एक सांसद का अपमान है, बल्कि ‘‘हमारे लोकतंत्र के पवित्र स्थान'' संसद का भी अपमान है। उन्होंने मांग की कि लोकसभा अध्यक्ष बिरला को रमेश बिधूड़ी का तत्काल "स्थायी निलंबन" कर एक कड़ा संदेश देना चाहिए।
अली के खिलाफ कथित तौर पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों पर ‘‘दुख और हैरानी'' जताते हुए तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की विधान परिषद सदस्य के. कविता ने शनिवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मामले में कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया। कविता ने ‘एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ‘‘हमारे राष्ट्र की सर्वोच्च विधायिका में सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा सांसद दानिश अली जी के प्रति की गई अपमानजनक टिप्पणी सुनना दुखद और चौंकाने वाला है। इस तरह के व्यवहार का हमारे लोकतांत्रिक विमर्श में कोई स्थान नहीं है। मैं माननीय अध्यक्ष ओम बिरला जी से तत्काल और कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध करती हूं।''
अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई- प्रियंका चतुर्वेदी
लोकसभा अध्यक्ष से बिधूड़ी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग करते हुए शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। केवल चेतावनी जारी करके, आप सांसदों को यह बता रहे हैं कि कोई भी इस तरह का व्यवहार करके बच सकता है।'' प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अली के खिलाफ बिधूड़ी द्वारा आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किए जाने को शर्मनाक करार देते हुए शनिवार को कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को बिधूड़ी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने एक बयान में यह दावा भी किया कि नफरत अब लोकतंत्र के मंदिर तक पहुंच चकी है। उन्होंने कहा, ‘‘संसद में सत्तारूढ़ दल के एक सांसद द्वारा जिस प्रकार से एक मुस्लिम सांसद के लिए असंसदीय भाषा का उपयोग हुआ, वह देश के लोकतांत्रिक इतिहास में इस तरह की पहली शर्मनाक घटना है।'' लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में दुबे ने अली पर बृहस्पतिवार को लोकसभा में विधूड़ी के भाषण के दौरान टोका-टोकी करने तथा अप्रिय टिप्पणियां करने का आरोप लगाया एवं कहा कि उनके ऐसा करने का मकसद उन्हें (बिधूड़ी को) उकसाना था कि वह अपना धैर्य खो दे।