Edited By Radhika,Updated: 30 Dec, 2025 12:43 PM

पैन-आधार लिंकिंग की डेडलाइन 31 दिसंबर है। इसके बाद आधार और पैन कार्ड के लिंक न होने पर आपकी मुश्किलें बढ़ सकती है। क्या आप जानते हैं कि आयकर अधिनियम के अनुसार जहां अधिकांश भारतीयों के लिए यह अनिवार्य है, वहीं कुछ श्रेणियों को इससे स्पष्ट छूट दी गई...
PAN-Aadhaar Linking: पैन-आधार लिंकिंग की डेडलाइन 31 दिसंबर है। इसके बाद आधार और पैन कार्ड के लिंक न होने पर आपकी मुश्किलें बढ़ सकती है। क्या आप जानते हैं कि आयकर अधिनियम के अनुसार जहां अधिकांश भारतीयों के लिए यह अनिवार्य है, वहीं कुछ श्रेणियों को इससे स्पष्ट छूट दी गई है। आइए डिटेल में जानते हैं इस बारे में
किसे है पैन-आधार लिंक करने से छूट?
आयकर नियमों के तहत निम्नलिखित श्रेणियों को लिंकिंग से छूट प्राप्त है:
- अनिवासी भारतीय (NRIs): जो आयकर अधिनियम के तहत 'रेसिडेंट' की श्रेणी में नहीं आते।
- अति वरिष्ठ नागरिक: जिनकी आयु 80 वर्ष या उससे अधिक है।
- विशिष्ट राज्यों के निवासी: असम, मेघालय और जम्मू-कश्मीर के निवासियों के लिए वर्तमान में यह अनिवार्य नहीं है।
- विदेशी नागरिक: जो भारत के नागरिक नहीं हैं।

प्रमुख नियम और स्पष्टीकरण
1. आधार की अनिवार्यता: पैन-आधार लिंक करना केवल तभी अनिवार्य है जब आपके पास आधार नंबर हो या आप उसे बनवाने के पात्र हों। यदि आप ऐसी श्रेणी में हैं जहां आधार नामांकन अनिवार्य नहीं है, तो लिंक न करने पर आपका पैन 'निष्क्रिय' (Inoperative) नहीं होगा। यदि आपने स्वेच्छा से आधार बनवाया है, तो उसे पैन से जोड़ना अनिवार्य हो जाता है।
2. संयुक्त खाताधारकों (Joint Holders) के लिए नियम: यह एक व्यक्तिगत आवश्यकता है। यदि किसी का बैंक या डीमैट खाता संयुक्त (Joint) है, तो दोनों धारकों को अपने-अपने पैन को आधार से लिंक करना होगा। यदि एक का पैन निष्क्रिय हो जाता है, तो उस पैन से जुड़े लेनदेन पर रोक लग सकती है, भले ही दूसरे पार्टनर का पैन अपडेटेड हो।
3. नाबालिग (Minors) के लिए स्थिति: जिन नाबालिगों के पास पैन कार्ड है, उन्हें वयस्क होने तक इसे आधार से जोड़ना अनिवार्य नहीं है। 18 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद, उन्हें अपनी केवाईसी अपडेट करनी होगी और लिंकिंग प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
4. मृतक व्यक्तियों के मामले में: दिवंगत व्यक्तियों के लिए पैन-आधार लिंकिंग की कोई आवश्यकता नहीं है। हालांकि, कानूनी उत्तराधिकारियों को भविष्य की जटिलताओं से बचने के लिए निर्धारित प्रक्रिया के माध्यम से मृतक का पैन सरेंडर कर देना चाहिए।
लिंक न करने के परिणाम
आयकर अधिनियम की धारा 139AA के अनुसार यदि आप छूट की श्रेणी में नहीं आते हैं और समय सीमा तक लिंकिंग पूरी नहीं करते हैं, तो आपका पैन कार्ड 'इनऑपरेटिव' हो जाएगा। इसका अर्थ है कि आप टीडीएस (TDS) रिफंड का दावा नहीं कर पाएंगे और वित्तीय लेनदेन में कठिनाई होगी।