3 minutes ago
24 minutes ago
about an hour ago
2 hours ago
3 hours ago
4 hours ago
6 hours ago
7 hours ago
8 hours ago
9 hours ago
10 hours ago
12 hours ago
13 hours ago
19 hours ago
20 hours ago
21 hours ago
22 hours ago
Monday
Main Menu
धर्म/कुंडली टीवी
नारी
Photos
Videos
हिमाचल प्रदेश
पंजाब
हरियाणा
उत्तर प्रदेश
Breaking
गठबंधन सरकार में पास हो सकता था महिला आरक्षण बिल?, जानें क्यों उठे सवाल
Edited By Yaspal,Updated: 22 Sep, 2023 06:15 PM
विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों से पास हो गया है। इसके साथ ही लोकसभा से लेकर राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है
नेशनल डेस्कः विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों से पास हो गया है। इसके साथ ही लोकसभा से लेकर राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि, यह कानून अभी से लागू नहीं होगा। सरकार की मानें तो यह 2029 के लोकसभा चुनाव में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण लागू हो सकता है। इससे पहले देश में जनगणना और डिलिमिटेशन यानी सीटों का परिसीमन होगा। इसके बाद ही यह कानून लागू हो पाएगा। महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या गठबंधन की सरकार में यह संभव हो सकता था। दरअसल, इसको लेकर सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि पिछले 27 सालों से महिला आरक्षण को लेकर लगातार कोशिशें होती रही हैं। लेकिन बिल कभी लोकसभा और कभी राज्यसभा में अटक जाता। राज्यसभा में पास हुआ तो लोकसभा भंग हो गई। लोकसभा में पास हुआ तो राज्यसभा में अटक गया। महिला आरक्षण बिल राजनीति की भेंट चढ़ता रहा है साल 1996 में देवगौड़ा सरकार थी। सरकार ने सदन में बिल टेबल किया। ये बिल आज पेश किए गए बिल का आधार था। क्योंकि इस बिल में भी कहा गया था कि लोकसभा और विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हों। बिल सेलेक्ट कमिटी के पास गया। दोनों सदनों में पेश हुआ। पास नहीं हो सका। लेकिन इस साल जदयू नेता शरद यादव का बयान आज भी चर्चा के केंद्र में है। शरद यादव ने कहा था, "क्या आप परकटी महिलाओं को सदन में लेकर आना चाहते हैं?" शरद यादव की सफाई आई थी कि का आशय एलीट महिलाओं को लेकर था। उन्होंने सफाई दी और बाद में आपने बयान के लिए माफी मांगी। गठबंधन की सरकारें क्यों रही फेल साल 1997 में देवगौड़ा का इस्तीफा हुआ। इन्द्रकुमार गुजराल पीएम बने। बिल को फिर पेश किया गया। लेकिन पास नहीं हो पाया। साल 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनीं। कानून मंत्री ताम्बी दुरई ने महिला आरक्षण बिल पेश किया। सदन ने एक वाक्या हुआ। आरजेडी सांसद सुरेंद्र प्रकाश यादव और अजीत कुमार मेहता ने मंत्री के हाथ से बिल की कॉपी छीनी और उसे फाड़ दिया। इस बिल पर बहस होती रही। जुलाई में आए बिल की बहस दिसंबर तक खिंच गई और हद तो तब हो गई जब ममता बनर्जी ने सपा सांसद दरोगा प्रसाद सरोज का कॉलर पकड़ लिया। क्योंकि ममता दरोगा प्रसाद को स्पीकर की कुर्सी तक पहुंचने से रोकना चाहती थीं। ममता बनर्जी उन दिनों इस बिल को पेश करवाने के लिए ख़ासा प्रोटेस्ट कर रही थीं, सरकार पर दबाव बना रही थीं। 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी ने भी की कोशिश साल 1999 में वाजपेयी सरकार अविश्वास प्रस्ताव हार गई। सरकार गिर गई और बिल भी गिर गया। 1999 में भारतीय जनता पार्टी फिर से चुनाव जीतकर आई। अटल बिहारी वाजपेयी फिर से प्रधानमंत्री बने। महिला आरक्षण बिल को फिर से पेश किया गया। उस वक्त वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी कानून मंत्री हुआ करते थे। बिल पर बहस शुरु हुई। एक राय नहीं बन सकी। चुनाव आयोग ने भी पार्टियों से राय मांगी। कहीं से कोई एकमत सुनाई नहीं देता था। फिर असफलता हाथ लगी थी। लेकिन बार-बार हो रही इस असफलता के पीछे कोई तो कारण होगा? कारण था - पिछड़ी जातियों की महिलाओं को आरक्षण देने का मुद्दा। दरअसल जब भी इस बिल पर गतिरोध हुए तो सपा-राजद जैसी क्षेत्रीय पार्टियों का कहना था कि महिलाओं को SC ST कोटे में आरक्षण देने की बात तो बिल में कही जा रही है, लेकिन OBC महिलाओं के लिए कोई बात नहीं है। इससे संसद में ओबीसी जातियों का प्रतिनिधित्व घटेगा। आज भी समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल जैसी पार्टियों ने ये मांग दोहराई है। यूपीए सरकार ने राज्यसभा में कराया पास लेकिन लोकसभा में नहीं कर पाई पेश साल 2008 में देश को सफलता दिखनी शुरु हुई। पार्टियों से मीटिंग के बाद तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार ने राज्यसभा में बिल पेश किया। साल 2010 में राज्यसभा से बिल पास हो गया। बिल को कभी भी लोकसभा में पेश नहीं किया जा सका। क्योंकि यूपीए के घटक दलों को इससे दिक्कत थी। लालू-मुलायम जैसे साथी यूपीए से दूर हो गए। ममता बनर्जी भी अपने कारणों से गठबंधन से अलग हो गईं। भाजपा और लेफ्ट ने इस बिल पर कांग्रेस का साथ दिया था। 2014 में मनमोहन सरकार का कार्यकाल पूरा हो गया। देश में आम चुनाव हुए। इसमें कांग्रेस, यूपीए को बड़ी हार का सामने करना पड़ा। लोकसभा भंग हो गई और बिल खुद ब खुद गिर गया। आम चुनाव में भाजपा को अपने दम पर पूर्ण बहुमत मिला और एनडीए ने प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई। 2014 के बाद लगातार महिला आरक्षण को लेकर आवाज उठती आ रही थीं। हाल के दिनों में यह महिला आरक्षण के मुद्दे ने जोर पकड़ लिया। जब भारत राष्ट्र समिति की नेता और केसीआर की बेटी के कविता ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर महिला आरक्षण का विधेयक लाने की मांग की। बीआरएस के बाद कांग्रेस ने भी हैदराबाद CWC की मीटिंग में महिला आरक्षण को लेकर आवाज उठाई। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर महिला आरक्षण विधेयक को संसद में लाने की बात कही थी। सरकार ने 19 सितंबर 2023 को कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 128वां संविधान संशोधन लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया। यह वो मौका था जब संसद का कामकाज पुरानी संसद से नई संसद में शिफ्ट हो रहा था। विशेष सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि महिला आरक्षण कुछ अच्छे काम मेरे ही नसीब में लिखे हैं। पीएम मोदी ने महिला आरक्षण बिल को ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ नाम दिया है।
MP BREAKING: राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा बने मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम, नरेंद्र तोमर मध्य...
इंतजार खत्म, MP से शिवराज की विदाई, मोहन यादव होंगे मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री
'दो धागे श्री राम के...', लाखों लोग बुन रहे रामलला के लिए वस्त्र, पुणे में स्मृति ईरानी ने की...
विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान- लंबे समय से अनुचित प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहा भारत
कितनी संपत्ति के मालिक हैं मध्य प्रदेश के नए CM मोहन यादव?, पढ़ाई-लिखाई में भी नहीं है कोई मुकाबला
दिल्ली में सरकारी विद्यालयों का बुनियादी ढांचा शीर्ष निजी संस्थानों से कमतर नहीं: केजरीवाल
MP BREAKING: मोहन यादव होंगे मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री, उज्जैन दक्षिण से हैं विधायक...
MP में जगदीश देवड़ा, राजेश शुक्ला होंगे डिप्टी सीएम, नरेंद्र तोमर होंगे स्पीकर
आज जम्मू-कश्मीर विकास के एक ‘नये युग' में प्रवेश कर चुका है: राजनाथ
मोहन यादव होंगे मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री, विधायक दल की बैठक में लिया फैसला
CAD $
11/12/2023 16:30 IST
USD $
AUD $
EUR €
NZD $
AED د.إ
GBP £
Bitcoin
Ethereum
Tether
BNB
USD Coin
XRP
Terra
Solana
41.2
49.3
India win by 6 wickets
मेष राशि वालों के लिए आज का दिन बेहद शुभ होगा। कुछ समय बच्चों के साथ भी व्यतीत
वृष राशि वालों चुनौतियों से घबराए नहीं बल्कि उनका डटकर सामना करें। तनाव लेने की बजाय पुनः प्रयास करें। तनाव
मिथुन राशि वालों घर में सुख-शांति पूर्ण माहौल रहेगा। बीमा और शेयर संबंधित बिजनेस में फायदा होगा। सर्वाइकल
कर्क राशि वालों आप अपने दम पर कोई खास काम पूरा करेंगे। पारिवारिक व्यवस्था बेहतर बनाएं रखें। व्यायाम
सिंह राशि वालों ऑफिस के कामों में आपके काम करने के तरीकों से अधिकारी खुश रहेंगे। घर और व्यवसाय
कन्या राशि वालों आप अपने कार्यों पर ध्यान दे पाएंगे। बिजनेस में मेहनत के मुताबिक नतीजे मिलेंगे। तले-भुने
तुला राशि वालों आप कोई ऐसा निर्णय लेंगे जो कि आपके लिए फायदेमंद साबित होगा। आपकी मेहनत के बेहतर
वृश्चिक राशि वालों दिन की शुरुआत में ही कोई शुभ समाचार मिल सकता है। मेहनत से आर्थिक स्थिति सामान्य
धनु राशि वालों पिछले कुछ समय से जिस काम के लिए प्रयास कर रहे थे, वो आज पूरा हो सकता है। पति-पत्नी
मकर राशि वालों आज जिस काम को पूरा करने की ठान लेंगे, उसे पूरा करके ही दम लेंगे। बढ़ते खर्चों पर
कुंभ राशि वालों किसी जरूरतमंद मित्र की मदद करनी पड़ सकती है। जीवन साथी के साथ सुखमय व्यतीत करेंगे
मीन राशि वालों पिछले कुछ समय से चल रही किसी समस्या का निदान होगा। किसी भी तरह का लेनदेन करते
Be on the top of everything happening around the world.
Try Punjab Kesari E-Paper Premium Service.
Masik Shivratri: आज है साल 2023 का आखिरी मासिक शिवरात्रि व्रत, जानें मुहूर्त और खास उपाय
दिल्ली से लौटे कमलनाथ कांग्रेस नेताओं की ली बैठक, कह दी यह बड़ी बात
New Year: नए साल पर घर में लगाएं ये पौधे, होगी खुशियों की भरमार
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने जेलेंस्की को व्हाइट हाउस में किया आमंत्रित, इन मुद्दों पर होगी चर्चा
देश के पप्पू राहुल गांधी तो यूपी के पप्पू हैं अखिलेश यादव: प्रो रामशंकर कठेरिया
फीडबैक दें
Thoughts
Jokes