Edited By Shubham Anand,Updated: 30 Dec, 2025 06:52 PM

रक्षा मंत्रालय ने 30 दिसंबर 2025 को ₹4,666 करोड़ के दो बड़े रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत भारतीय सेना और नौसेना के लिए ₹2,770 करोड़ की लागत से 4.25 लाख आधुनिक CQB कार्बाइन खरीदी जाएंगी, जो नजदीकी लड़ाई में जवानों को मजबूती देंगी। वहीं,...
नेशनल डेस्क : देश की सुरक्षा को और सुदृढ़ बनाने के लिए सरकार ने साल के आखिर में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 30 दिसंबर 2025 को रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना और नौसेना की युद्ध क्षमता बढ़ाने के लिए कुल 4,666 करोड़ रुपये के दो बड़े डिफेंस डील्स की घोषणा की। इन समझौतों के तहत सेना को नई आधुनिक CQB कार्बाइन मिलेगी, जबकि नौसेना को घातक टॉरपीडो से लैस किया जाएगा। मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक कुल 1.82 लाख करोड़ रुपये से अधिक के रक्षा समझौते किए जा चुके हैं।
सेना को मिलेंगी आधुनिक CQB कार्बाइन
इन डिफेंस डील्स में सबसे बड़ा हिस्सा CQB (Close Quarter Battle) कार्बाइन की खरीद का है। सरकार ने 4.25 लाख से अधिक कार्बाइन और उनसे जुड़े आवश्यक उपकरणों के लिए लगभग 2,770 करोड़ रुपये का करार किया है। ये हथियार सेना और नौसेना दोनों के जवानों के लिए खरीदे जा रहे हैं। नई कार्बाइन पुराने और कम प्रभावी हथियारों की जगह लेंगी। इन्हें खास तौर पर नजदीकी लड़ाई (Close Combat) के लिए डिजाइन किया गया है। हल्की होने की वजह से इन्हें आसानी से संभाला जा सकता है और तेजी से फायर किया जा सकता है। इससे जवानों को सीमाओं पर और आतंकवाद विरोधी अभियानों में बड़ा फायदा मिलेगा।
जवानों की प्रतिक्रिया क्षमता बढ़ेगी
नई कार्बाइन की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ये कम दूरी की लड़ाई में अधिक सटीक और प्रभावी हैं। हल्के वजन के कारण सैनिक लंबे समय तक इन्हें आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। तेज फायरिंग और बेहतर कंट्रोल से जवानों की प्रतिक्रिया क्षमता और सुरक्षा दोनों मजबूत होंगी। इसके साथ ही, ये हथियार स्वदेशी तकनीक से बनाए जाएंगे, जिससे विदेशी हथियारों पर निर्भरता कम होगी।
‘मेक इन इंडिया’ को मिलेगा बढ़ावा
इस सौदे से देश में रक्षा उत्पादन को मजबूती मिलेगी। कार्बाइन की आपूर्ति भारतीय कंपनियों के माध्यम से की जाएगी, जिससे आत्मनिर्भर भारत अभियान को और बल मिलेगा। इसके अलावा, इस परियोजना से देश में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और रक्षा उद्योग को नई गति मिलेगी।
नौसेना को मिलेंगे शक्तिशाली टॉरपीडो
दूसरा बड़ा डिफेंस समझौता भारतीय नौसेना के लिए किया गया है। इसके तहत नौसेना की पनडुब्बियों के लिए 48 अत्याधुनिक हेवी वेट टॉरपीडो खरीदे जाएंगे। इस पर लगभग 1,896 करोड़ रुपये खर्च होंगे। ये टॉरपीडो कलवरी क्लास पनडुब्बियों में लगाए जाएंगे, जिससे समुद्र के नीचे दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखना और जवाबी कार्रवाई करना आसान होगा। इनकी आपूर्ति 2028 से 2030 तक पूरी की जाएगी।
नए टॉरपीडो के शामिल होने से भारतीय नौसेना की समुद्री ताकत में महत्वपूर्ण इजाफा होगा। यह कदम हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की रणनीतिक स्थिति को मजबूत करेगा और देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को नया बल देगा।