Edited By vasudha,Updated: 14 Feb, 2021 10:48 AM
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घेरने के लिए बनाई गई रणनीति का खुलासा होने के बाद पहली गिरफ्तारी की गई है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की साइबर यूनिट ने ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट मामले में बेंगलुरु से...
नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घेरने के लिए बनाई गई रणनीति का खुलासा होने के बाद पहली गिरफ्तारी की गई है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की साइबर यूनिट ने ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट मामले में बेंगलुरु से 21 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को गिरफ्तार किया है। दरअसल क्लाइमेट चेंज एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने एक टूलकिट (दस्तावेज) को ट्वीट किया था, जिसे लेकर जमकर बवाल मचा था।
दिशा रवि पर टूलकिट को एडिट करने का आरोप
जानकारी के अनुसार फ्राइडे फ़ॉर फ्यूचर कैंपेन की फाउंडरों में दिशा रवि भी एक सदस्य हैं। आरोप है कि दिशा रवि ने किसानों से जुड़े टूलकिट को एडिट किया और उसमें कुछ चीजें जोड़ीं और उसे आगे भेजा। वहीं इससे पहले दिल्ली पुलिस ने ‘टूलकिट' बनाने वालों के संबंध में गूगल और अन्य सोशल मीडिया कंपनियों से ईमेल आईडी, डोमेन यूआरएल और कुछ सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी देने को कहा था।
ग्रेटा ने साझा किया था ‘टूलकिट'
जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने एक ‘टूलकिट' ट्विटर पर साझा किया था। दिल्ली पुलिस के अनुसार शुरुआती जांच से पता चला कि दस्तावेज के तार खालिस्तान-समर्थक समूह ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन' से जुड़े हैं। 26 जनवरी को हुई हिंसा सहित पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रमों पर ध्यान देने पर पता चला है कि ‘टूलकिट' में बतायी गई योजना का अक्षरश: क्रियान्वयन किया गया है। इसका लक्ष्य ‘‘भारत सरकार के खिलाफ सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक युद्ध छेड़ना है।
भारत सरकार के प्रति गलत भावना फैलाना का लक्ष्य
पुलिस के अनुसार, ‘टूलकिट' में एक खंड है, जिसमें कहा गया है.... 26 जनवरी से पहले हैशटैग के जरिए डिजिटल हमला, 23 जनवरी और उसके बाद ट्वीट के जरिए तूफान खड़ा करना, 26 जनवरी को आमने-सामने की कार्रवाई और इन्हें देखें या फिर दिल्ली में और सीमाओं पर किसानों के मार्च में शामिल हों। पुलिस ने बताया कि दस्तावेज ‘टूलकिट' का लक्ष्य भारत सरकार के प्रति वैमनस्य और गलत भावना फैलाना और विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृति समूहों के बीच वैमनस्य की स्थिति पैदा करना है।