Edited By Anu Malhotra,Updated: 26 Jun, 2025 09:05 AM

कभी-कभी अपने ही जब पराए बन जाएं तो इंसान टूटकर रह जाता है। ऐसा ही कुछ हुआ एक रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर के साथ, जिसने अपने ही बच्चों के तानों और अपमान से आहत होकर वो फैसला ले लिया, जिसने पूरे इलाके को चौंका दिया। तमिलनाडु के अरुलमिगु रेणुगांबल अम्मन मंदिर...
तमिलनाडु — कभी-कभी अपने ही जब पराए बन जाएं तो इंसान टूटकर रह जाता है। ऐसा ही कुछ हुआ एक रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर के साथ, जिसने अपने ही बच्चों के तानों और अपमान से आहत होकर वो फैसला ले लिया, जिसने पूरे इलाके को चौंका दिया। तमिलनाडु के अरुलमिगु रेणुगांबल अम्मन मंदिर में उस वक्त सब हैरान रह गए जब मंदिर की दान पेटी से निकले 4 करोड़ रुपये की संपत्ति के मूल दस्तावेज। न सिर्फ दस्तावेज, बल्कि उसके साथ एक सहमति पत्र भी था, जिसमें संपत्ति को मंदिर को समर्पित करने की इच्छा साफ जाहिर की गई थी।
कौन हैं ये पूर्व सैनिक?
दान करने वाले व्यक्ति हैं 65 वर्षीय एस. विजयन, जो सेना से सेवानिवृत्त हो चुके हैं और तिरुवन्नामलाई जिले के केशवपुरम गांव के मूल निवासी हैं। उनका इस मंदिर से गहरा आध्यात्मिक जुड़ाव रहा है और वे बचपन से यहां पूजा करते आ रहे हैं। बीते 10 वर्षों से वे अपनी पत्नी से अलग रह रहे हैं और अकेले जीवन बिता रहे हैं। उनकी दो बेटियां हैं, जो चेन्नई और वेल्लोर में शादीशुदा जिंदगी जी रही हैं।
अपनों से मिली पीड़ा बनी कारण
विजयन ने खुलासा किया कि उनकी बेटियां उन पर लगातार संपत्ति अपने नाम कराने का दबाव बना रही थीं। हालात इतने बिगड़ गए कि उन्हें रोजमर्रा के खर्चों के लिए भी अपमान सहना पड़ रहा था। इसी मानसिक और भावनात्मक चोट ने उन्हें यह बड़ा फैसला लेने पर मजबूर कर दिया।
दान में क्या दिया गया?
मंदिर को दान की गई संपत्ति में शामिल हैं:
एस. विजयन ने यह भी कहा है कि वे कानूनी रूप से भी इन संपत्तियों को मंदिर के नाम ट्रांसफर करेंगे।
मंदिर प्रशासन भी रह गया हैरान
मंदिर ट्रस्ट हर दो महीने में भक्तों के चढ़ावे की गिनती करता है, लेकिन इस बार जैसी घटना हुई, वैसी पहले कभी नहीं देखी गई थी। नकदी की बजाय जब दस्तावेज मिले, तो मंदिर प्रबंधन भी चौंक गया।