कर्नाटक में पांच गारंटियों को मिली मंजूरी, सिद्धरमैया ने पहली कैबिनेट मींटिंग में दिए आदेश, जानें कितना आएगा खर्च?

Edited By Yaspal,Updated: 20 May, 2023 08:32 PM

five guarantees approved in karnataka know how much it will cost

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि उनके नेतृत्व में राज्य मंत्रिमंडल ने शनिवार को अपनी पहली बैठक में कांग्रेस की पांच गारंटी को लागू करने को ‘‘सैद्धांतिक'' रूप से मंजूरी दे दी

नेशनल डेस्कः कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि उनके नेतृत्व में राज्य मंत्रिमंडल ने शनिवार को अपनी पहली बैठक में कांग्रेस की पांच गारंटी को लागू करने को ‘‘सैद्धांतिक'' रूप से मंजूरी दे दी और शुरुआती अनुमानों से संकेत मिलता है कि इससे सरकारी खजाने पर सालाना 50,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। सिद्धरमैया के मुख्यमंत्री के रूप में, डी के शिवकुमार के उपमुख्यमंत्री और आठ विधायकों के मंत्री के रूप में शपथ लेने के ठीक बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक हुई।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इस पर सहमति बन गई है। हम (वादों से) पीछे नहीं हटेंगे।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय प्रभाव कुछ भी हो, वादों को पूरा किया जाएगा। सिद्धरमैया ने कहा कि सरकार का शुरुआती अनुमान है कि चुनावी वादों को पूरा करने से सरकारी खजाने पर सालाना 50,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चुनाव से पहले किए गए वादों को मंत्रिमंडल की अगली बैठक के बाद लागू किए जाने की पूरी संभावना है।

पार्टी के वादों में सभी घरों (गृह ज्योति) को 200 यूनिट मुफ्त बिजली, हर परिवार की महिला मुखिया (गृह लक्ष्मी) को 2,000 रुपये मासिक सहायता, गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के परिवार (अन्न भाग्य) के प्रत्येक सदस्य को 10 किलोग्राम मुफ्त चावल, बेरोजगार स्नातक युवाओं के लिए हर महीने 3,000 रुपये और बेरोजगार डिप्लोमा धारकों (दोनों 18-25 आयु वर्ग में) को दो साल के लिए 1,500 रुपये (युवा निधि) और सार्वजनिक परिवहन बसों (शक्ति) में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा शामिल हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा है कि ‘गारंटी' को मतदाताओं, विशेष रूप से महिलाओं का पूरा समर्थन मिला और इसने पार्टी की शानदार जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दस मई को हुए विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान राहुल गांधी सहित कांग्रेस नेताओं ने मतदाताओं को बार-बार आश्वासन दिया कि सत्ता में आने के पहले दिन मंत्रिमंडल की पहली बैठक में इन ‘पांच गारंटी' को मंजूरी दी जाएगी।

 कर्नाटक के बजट का आकार 3.1 लाख करोड़ रुपये होने का उल्लेख करते हुए सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि हमारी सरकार के लिए प्रति वर्ष 50,000 करोड़ रुपये (पांच गारंटी के लिए) जुटाना असंभव है।'' मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि राज्य को कर्ज में फंसाए बिना और राज्य को वित्तीय दिवालियापन में धकेले बिना हम सभी गारंटी योजनाओं को लागू करेंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘जब हम अपने ऋण पर ब्याज के रूप में 56,000 करोड़ रुपये (वार्षिक) का भुगतान कर रहे हैं, तो क्या हम अपने लोगों के लिए 50,000 करोड़ रुपये खर्च नहीं कर सकते?''

सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘हमने सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है। मैं मंत्रिमंडल की अगली बैठक में विवरण के साथ सामने आऊंगा। मैंने आदेश जारी करने का निर्देश दिया है। हम विवरण प्राप्त करेंगे, वित्तीय निहितार्थों पर चर्चा करेंगे और फिर हम इसे सुनिश्चित करेंगे। वित्तीय प्रभाव चाहे जो भी हम इन पांच गारंटी योजनाओं को पूरा करेंगे।'' यह पूछे जाने पर कि वादे करने से पहले इन पहलुओं पर विचार क्यों नहीं किया गया, सिद्धरमैया ने कहा कि उनकी पार्टी लोगों से किए गए अपने वादे से पीछे नहीं हटेगी।

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