Edited By Parveen Kumar,Updated: 01 Jun, 2023 03:19 AM
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन मामले में अपने नये आरोपपत्र में कहा है कि दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को आम आदमी पार्टी (आप) नेतृत्व विशेष रूप से पूर्व आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया ‘‘अवैध धन का लगातार सृजन करने के लिए लाये थे।''
नेशनल डेस्क: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन मामले में अपने नये आरोपपत्र में कहा है कि दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को आम आदमी पार्टी (आप) नेतृत्व विशेष रूप से पूर्व आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया ‘‘अवैध धन का लगातार सृजन करने के लिए लाये थे।'' अब इस दिल्ली आबकारी नीति को रद्द किया जा चुका है। संघीय जांच एजेंसी ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया पर मामले में शामिल एक अभियुक्त से ‘‘रिश्वत'' प्राप्त करने का भी आरोप लगाया और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत इन्हें ‘‘अपराध से सृजित आय'' करार दिया।
ईडी ने इस महीने की शुरुआत में दायर अपनी अभियोजन शिकायत में कहा था, ‘‘अमित अरोड़ा ने जीओएम रिपोर्ट/आबकारी नीति 2021-22 में अपने पक्ष में नीतिगत बदलाव लाने के लिए दिनेश अरोड़ा के माध्यम से मनीष सिसोदिया को 2.2 करोड़ रुपये का भुगतान किया।'' इसमें कहा गया है, ‘‘यह राशि सीधे सरकारी कर्मचारी को रिश्वत है और पीएमएलए, 2002 की धारा 2(1)(यू) के तहत अपराध की आय है। इस तरह मनीष सिसोदिया अपराध की इस आय के सृजन में शामिल रहे।''
अमित अरोड़ा शराब कंपनियों ‘बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड', ‘पॉपुलर स्पिरिट्स' और ‘केएसजेएम स्पिरिट्स एलएलपी' के प्रवर्तक हैं, जबकि दिनेश अरोड़ा को सिसोदिया का करीबी बताया जाता है। दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को इस पांचवें आरोपपत्र पर संज्ञान लिया और 51 वर्षीय सिसोदिया के खिलाफ एक जून के लिए पेशी वारंट जारी किया, जिसमें कहा गया कि प्रथम दृष्टया पर्याप्त सबूत हैं।
सिसोदिया को ईडी ने नौ मार्च को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था, जहां वह बंद थे क्योंकि सीबीआई ने उन्हें इसी मामले में गिरफ्तार किया था। आरोपपत्र में कहा गया है कि सिसोदिया ने ‘‘अपराध की आय (2.2 करोड़ रुपये) हासिल की और उसी को छुपाने में शामिल हैं।'' ईडी ने सिसोदिया पर ‘‘जांच को बाधित करने और सबूत मिटाने के लिए डिजिटल सबूतों को नष्ट करने'' में शामिल होने का भी आरोप लगाया।