‘‘गब्बर सिंह टैक्स’’ बना साधारण GST

Edited By Updated: 12 Nov, 2017 08:17 AM

gabbar singh tax made simple gst

वित्त मंत्री अरुण जेतली ने उस समय जी.एस.टी. को लेकर अधिकांश आलोचनाओं का सामना किया जब उन्होंने जल्दबाजी में इसे 1 जुलाई को लागू कर दिया। उन्होंने मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविन्द सुब्रह्मण्यन की सलाह सुनने की बजाय अपने विचारों पर काम किया। यह राजस्व...

नेशनल डेस्कः वित्त मंत्री अरुण जेतली ने उस समय जी.एस.टी. को लेकर अधिकांश आलोचनाओं का सामना किया जब उन्होंने जल्दबाजी में इसे 1 जुलाई को लागू कर दिया। उन्होंने मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविन्द सुब्रह्मण्यन की सलाह सुनने की बजाय अपने विचारों पर काम किया। यह राजस्व सचिव हसमुख अदिया ही हैं जिनकी बात सुनी गई, क्योंकि वह प्रधानमंत्री के बहुत करीब हैं। 250 से अधिक वस्तुओं पर 28 प्रतिशत टैक्स दर के कारण जब भाजपा अपना मतदाता आधार खो रही है, तब भी जेतली अपने फैसले से विचलित नहीं हुए। गुजरात और दूसरे स्थानों पर इसका विरोध हुआ। आर.एस.एस. प्रमुख मोहन भागवत ने सार्वजनिक रूप से इसकी आलोचना की और भाजपा के भीतर भी विद्रोह का झंडा उठाया गया।

अंतत: प्रधानमंत्री मोदी ने जेतली को तलब किया और उन्हें बताया कि अब आगे क्या करना है। नवंबर के शुरू में जब प्रधानमंत्री ने निर्देश दिए तब उसका असर गुवाहाटी में जी.एस.टी. परिषद की हुई बैठक में दिखाई दिया। जहां जी.एस.टी. के मुद्दे पर सरकार ने पूरी तरह से यू-टर्न लिया। जेतली संभवत: यह महसूस नहीं कर पाए कि मोदी गुजरात चुनावों में जीत हासिल करने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे। अंतत: समूचे घटनाक्रम में जीत राहुल गांधी की हो सकती है जिन्होंने कहा था कि ‘‘गब्बर सिंह टैक्स’’ (जी.एस.टी.) को हटाओ।

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