Ganesh Chaturthi: मुंबई में लालबाग के राजा की पहली झलक आई सामने, उमड़ा भक्तों का हुजूम

Edited By Updated: 05 Sep, 2024 07:44 PM

ganesh chaturthi first glimpse of lalbaug ka raja came out in mumbai

मुंबई में गणपति बप्पा का आगमन हो चुका है। लंबोदर के भक्त ढोल नगाणों के साथ गणपति बप्पा का स्वागत कर रहे हैं। इस बीच मुंबई में सबसे मशहूर लाल बाग के राजा का पहला लुक सामने आ चुका है। इस मौके पर भक्तों ने भारी भीड़ देखी गई

मुंबईः मुंबई में गणपति बप्पा का आगमन हो चुका है। लंबोदर के भक्त ढोल नगाणों के साथ गणपति बप्पा का स्वागत कर रहे हैं। इस बीच मुंबई में सबसे मशहूर लाल बाग के राजा का पहला लुक सामने आ चुका है। इस मौके पर भक्तों ने भारी भीड़ देखी गई। भक्तों ने जयकारों के बीच लालबाग के राजा का स्वागत किया। गौरतलब है कि गणेश चतुर्थी इस बार 7 सितंबर यानी शनिवार को मनाया जाएगा। हालांकि, चतुर्थी तिथि 06 तारीख से लग जाएगी लेकिन व्रत उदया तिथि में 7 सितंबर की सुबह से रखी जाएगी।


लाल बाग के राजा की पूरे महाराष्ट्र में अलग ही धूम दिखाई पड़ती है। मुंबई में लालबाग का राजा सबसे लोकप्रिय गणेश मंडल माना जाता है। बड़े-बड़े सेलिब्रेटी यहां आकर भगवान गणेश का दर्शन करते हैं। इसकी शुरुआत 1935 में चिंचपोकली के कोलियों ने की थी। ये मुंबई के परेल इलाके में स्थित हैं।

लालबाग के राजा के मंडल में लोगों का हुजूम सबसे ज्यादा होता है. माना जाता है कि दस दिनों तक चलने वाले इस उत्सव के दौरान आम से लेकर खास तक हर कोई इनकी एक झलक पाने के लिए बेताब होता है। कहा जाता है कि यहां दर्शन करने वाले भक्तों की हर मनोकामना को भगवान गणेश पूरी करते हैं। यहां गणपति बप्पा का दर्शन पाने के लिए गणेश उत्सव के दौरान लोगों की लंबी कतार देखने को मिलती है। दसवें दिन मूर्ति विसर्जन किया जाता है। इसमें भी भारी संख्या में लोग शामिल होते हैं।

लालबाग के राजा के बारे में कुछ और खास बातें:

 

  • लालबाग के राजा को देश का सबसे मशहूर पंडाल माना जाता है
  • लालबाग के राजा की मूर्ति की ऊंचाई करीब 18-20 फीट होती है
  • लालबाग के राजा की मूर्ति बनाने की शुरुआत चरणों से होती है
  • लालबाग के राजा की विसर्जन यात्रा बड़े शाही ठाठ-बाट से निकाली जाती है
  • लालबाग के राजा की मूर्ति को बनाने वाले कांबली जूनियर हैं
  • लालबाग के राजा के मंडल में लोगों का हुजूम सबसे ज़्यादा होता है
  • लालबाग के राजा के दर्शन के लिए देश ही नहीं विदेश से भी लोग आते हैं 
  • लालबाग के राजा की परंपरा की शुरुआत 1934 में हुई थी 
  • लोकमान्य तिलक ने ब्रिटिश शासन के ख़िलाफ़ लोगों में जागृति लाने के लिए सार्वजनिक गणेशोत्सव की शुरुआत की थी

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