Edited By Anu Malhotra,Updated: 27 Jun, 2025 10:57 AM

भारत सरकार ने पासपोर्ट सेवाओं को आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। विदेश मंत्रालय ने 'पासपोर्ट सेवा 2.0' की शुरुआत कर दी है, जिसका मकसद है नागरिकों को ज्यादा तेज, सुरक्षित और सुविधाजनक पासपोर्ट सेवा मुहैया कराना। इस नई प्रणाली के तहत अब...
नेशनल डेस्क: भारत सरकार ने पासपोर्ट सेवाओं को आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। विदेश मंत्रालय ने 'पासपोर्ट सेवा 2.0' की शुरुआत कर दी है, जिसका मकसद है नागरिकों को ज्यादा तेज, सुरक्षित और सुविधाजनक पासपोर्ट सेवा मुहैया कराना। इस नई प्रणाली के तहत अब भारत में ई-पासपोर्ट जारी किए जाएंगे, जो न सिर्फ स्मार्ट होंगे बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी बेहद मजबूत होंगे।
इस तकनीकी बदलाव से न सिर्फ आम जनता को फायदा मिलेगा बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की पासपोर्ट प्रणाली भी और ज्यादा भरोसेमंद बन जाएगी। आइए जानते हैं कि ई-पासपोर्ट क्या होता है, यह कैसे काम करता है और इसके क्या फायदे हैं।
क्या होता है ई-पासपोर्ट?
ई-पासपोर्ट एक डिजिटल रूप से एन्हांस्ड पासपोर्ट है जिसमें एक इलेक्ट्रॉनिक चिप लगी होती है। यह चिप आपके व्यक्तिगत और बायोमेट्रिक डेटा को सुरक्षित रूप से स्टोर करती है। इसमें आपका नाम, जन्मतिथि, पता जैसी सामान्य जानकारी के साथ-साथ आपकी उंगलियों के निशान, आंखों का स्कैन और चेहरा (फेस रिकग्निशन डेटा) भी दर्ज होता है।
यह चिप पूरी तरह से सुरक्षित होती है और इसे कोई आसानी से हैक या कॉपी नहीं कर सकता। इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन (ICAO) के तय मानकों को ध्यान में रखते हुए भारत में ई-पासपोर्ट तैयार किए गए हैं, जिससे यह दुनियाभर के एयरपोर्ट्स और इमिग्रेशन सिस्टम के साथ पूरी तरह से कम्पैटिबल रहेगा।
यात्रियों को क्या मिलेगा फायदा?
तेज इमिग्रेशन प्रोसेस: एयरपोर्ट पर लंबी लाइनें अब बीते दिनों की बात होंगी। ई-पासपोर्ट को मशीन में स्कैन करते ही अधिकारी आपके सारे विवरण तुरंत देख सकते हैं, जिससे प्रक्रिया तेज हो जाती है।
सुरक्षा का भरोसा: ई-पासपोर्ट में स्टोर डाटा पूरी तरह एन्क्रिप्टेड होता है, जिससे किसी तरह की छेड़छाड़ या डुप्लिकेशन लगभग नामुमकिन हो जाता है।
फ्रॉड से सुरक्षा: फर्जी पासपोर्ट बनाना अब लगभग असंभव होगा, जिससे पहचान की चोरी और अंतरराष्ट्रीय अपराधों पर भी लगाम लगेगी।
ग्लोबल एक्सेप्टेंस: क्योंकि इसे ICAO स्टैंडर्ड्स के अनुसार बनाया गया है, इसलिए यह अंतरराष्ट्रीय यात्राओं में भी पूरी तरह मान्य और विश्वसनीय होगा।
क्यों जरूरी हो गया है ई-पासपोर्ट?
आज के डिजिटल युग में जब डेटा चोरी, पासपोर्ट फर्जीवाड़ा और साइबर क्राइम बढ़ते जा रहे हैं, ऐसे में नागरिकों की पहचान और दस्तावेजों को सुरक्षित रखना पहली प्राथमिकता बन चुकी है। ई-पासपोर्ट इस चुनौती का प्रभावी समाधान है।
इसके जरिए न सिर्फ आपकी पहचान अधिक सुरक्षित होगी, बल्कि यह सुनिश्चित करेगा कि आपकी जानकारी का कोई गलत इस्तेमाल न कर सके। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय यात्रा में यह तकनीक यात्रियों को सुगमता और विश्वसनीयता का अनुभव देगी।