कंजुमर फोरम ने विदेशी नस्ल के 11 कुत्तों पर लगाया प्रतिबंध, महिला को कर दिया था गंभीर रुप से घायल

Edited By Anil dev,Updated: 23 Nov, 2022 06:19 PM

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गुरुग्राम के जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने मंगलवार को गुरुग्राम नगर निगम (एमसीजी) से 11 विदेशी नस्ल के कुत्तों को तुरंत प्रभाव से बैन करने का निर्देश दिया है। साथ ही कुत्ते के हमलें में गंभीर रूप से घायल महिला को भी 2 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा...

 स्पैशल डैस्क (रवि प्रताप सिंह): गुरुग्राम के जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने मंगलवार को गुरुग्राम नगर निगम (एमसीजी) से 11 विदेशी नस्ल के कुत्तों को तुरंत प्रभाव से बैन करने का निर्देश दिया है। साथ ही कुत्ते के हमलें में गंभीर रूप से घायल महिला को भी 2 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने का भी आदेश दिया है। इन विदेशी नस्ल के कुत्तों में अमेरिकन पिट-बुल टेरियर्स, डोगो अर्जेंटीनो, रॉटवीलर, नीपोलिटन मास्टिफ, बोअरबेल, प्रेसा कैनारियो, वुल्फ डॉग, बंडोग, अमेरिकन बुलडॉग, फिला ब्रासीलेरो और केन कोरो शामिल है। बीते बुधवार से इन्हें पालने पर पूरी तरह से पाबंधी लगा दी गई है।



फोरम ने एमसीजी को ये भी निर्देश दिया कि प्रतिबंधित हुए कुत्तों के मालिकों को अगर पहले से ही रखने का लाइसेंस दिया हुआ है तो उसे भी तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया जाए और कुत्तों को अपनी कस्टड़ी में ले लिया जाए। गौरतलब है कि फोरम के ये निर्देश घरेलू साहिका के तौर पर काम करने वाली मुन्नी के मामले की सुनवाई के दौरान आए हैं। अगस्त 2022 में मुन्नी पर काम पर जाने के दौरान गुरुग्राम के सिविल लाइन में एक पालतू कुत्ते (डोगो अर्जेंटीनो) ने हमला कर दिया था। मुन्नी को सिर समेत शरीर के अन्य हिस्से पर गंभीर चोटें आई थीं। इस मामले में कुत्ता मालिक पर एफआई की गई थी। इस कुत्ते को अब कस्टड़ी में लेने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।  
 


कुत्तों का पंजीकरण है अनिवार्य, 10 हजार होगी रिन्यूअल फीस  
फोरम के निर्देश के मुताबिक, बीते बुधवार से गुरुग्राम में कुत्तों का पंजीकरण कराना अनिवार्य हो गया है। सभी कुत्ता मालिकों को अपने पैट का एक महीने के भीतर पंजीकरण कराना ही होगा अन्यथा जुर्माना भी लगाया जा सकता है। पंजीकरण के लिए कम से कम 12 हजार रुपये प्रति वर्ष की फीस लगेगी। एक वर्ष बाद पंजीकरण रिन्यू कराने के लिए डॉग ऑनर को कम से कम 10 हजार रुपये खर्च करने होंगे।



वन फैमिली वन डॉग
सभी पंजीकृत कुत्तों को विशेष तरह का एक कॉलर पहनना होगा जिसमें एक धातु का टॉकन लटका होगा, मेटल चेन के साथ। इसके अलावा फोरम ने एमसीजी को निर्देश दिया है कि एक परिवार सिर्फ एक ही कुत्ता रखा सकता है यानी वन फैमिली वन डॉग। परिवार जब भी अपने पैट को बाहर घुमाने ले जाएगा, इसका मूंह जालीदार कैप से अच्छी तरह से ढका होगा।
 

2 साल तक की हो सकती है जेल
फोरम ने एमसीजी को यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर कोई पैट ऑनर दिए गए निर्देशों का सही से पालन नहीं करता है तो उसके कुत्ते को तुरंत प्रभाव से एमसीजी अपने कब्जे में ले सकती है, और आरोपी ऑनर पर 20 हजार से लेकर 2 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। साथ ही एक महीने से लेकर दो साल तक की जेल भेजने का प्रावधान होगा।  
 



आवारा कुत्तों को रखा जाए डॉग पॉड में
फोरम ने एमसीजी के दायरे में आने वाले सभी आवारा कुत्तों को तुरंत पकडने के आदेश दिए हैं। इन्हें एनजीओ की मदद से बसाई गांव में या डॉग पॉड में रखा जाएगा। बता दें कि बसाई गांव में एमसीजी ने कुत्तों को रखने के लिए विशेष प्रबंध किए हुए हैं।

कुत्ता के काटने पर मिलेगा 2 लाख मुआवजा
फोरम ने एमसीजी को ये स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अगर कोई आवारा कुत्ता किसी को काट लेता है तो एमसीजी को उसे 20 हजार से लेकर 2 लाख तक मुआवजा देना पडेगा। इस संबंध में तीन महीने के भीतर एमसीजी को नियम बनाने का भी निर्देश दिया गया है।
 

 


जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम के नागरिकों के लिए 6 प्रमुख दिशा-निर्देश
 

  • ·        कुत्ते को सार्वजनिक स्थान पर ले जाते समय उसके मुंह को जालीदार टोपी से ढक दें।
  • ·        पैट को घुमाने के दौरान मालिक को अपने साथ शिट बैग और शिट पिकर रखना होगा।
  • ·        तय दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वालों पर 20,000 रुपये से 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा और कुत्ते को जब्त कर लिया जाएगा।
  • ·        जुर्माना अदा न करने पर 1 माह से 2 वर्ष तक की कैद होगी।
  • ·        निगम सभी आवारा कुत्तों को जब्त करेगा।
  • ·         कुत्ते के काटने पर पीड़ित को 20 हजार से दो लाख रुपये तक मुआवजा दिया जाएगा।

 

प्रतिबंधित  विदेशी नस्ल के 11 कुत्ते

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 अमेरिकन पिट बुल टेरियर 
अमेरिकन पिट बुल टेरियर एक अमेरिकी नस्ल का कुत्ता है। इनका शरीर ठोस और मध्यम आकार का होता है। इश नस्ल को काफी बुद्धिमान और खुंखार माना जाता है। इसके शरीर पर छोटे बाल होते हैं। इसके शुरुआती पूर्वज ब्रिटिश द्वीपों से आए थे। इनका इस्तेमाल डॉग फाइट और बुल फाइट में के लिए हुआ करता था। आमतौर पर इसकी 18-21 इंच (45-53 सेमी) होती है और वजन करीब 15 से 27 किलों के बीच होता है।

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अर्जेंटाइन डोगो
अर्जेंटाइन डोगो जिसे अर्जेंटिनियन मस्तिफ्फ़ भी कहा जाता है का जन्म अर्जेंटिना में हुआ था। इसका सफेद शरीर काफी गठीला होता है। इस नस्ल को विशेष तौरपर बड़े शिकार करने के लिए विकसित किया गया था। इसलिए स्वभाव से ये शिकारी होते हैं। सुरक्षाकर्मी इनका इस्तेमाल खोजी या बचाव अभियान में करते हैं। इसके पूर्वज कॉर्डोबा नस्ल का कुत्ता है जो अब विलुप्त हो चुके हैं।

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रोटवीलर
रोटवीलर जर्मनी नस्ल का कुत्ता है। इससे भेड़ों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर विकसित किया गया था। इसका नाम रॉटविले शहर के नाम पर पड़ा है। रॉटविले शहर के कसाईयों द्वारा इसका इस्तेमाल अधिक किया जाता था। इससे मांस से भरी छोटी बुग्गीनुमा गाड़ी भी खिचवाई जाती थी। बाद में इसका इस्तेमाल अच्छे गार्ड के रुप में भी किया जाने लगा। शारीरिक रूप से ये बेहद मजबूत है जो ताकत और फुर्ती का मिश्रण है।

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नीपोलिटन मास्टिफ
नीपोलिटन मास्टिफ इटैलियन नस्ल का कुत्ता है। यह आकार में काफी बड़ा होता है। इसका वजन 50 से 70 किलो तक का होता है। इसकी उंचाई 24 से 30 इंच तक की होती है। पारंपरिक रुप से गार्ड के तौर पर एक बेहतर काम करते हैं। इनका  जीवन काल औसतन 7 साल तक होता है लेकिन ये 10 वर्ष तक भी जी सकते हैं।

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बोअरबेल
बोअरबेल साउथ अफ्रिका नस्ल का कुत्ता है। इसका नाम अफ्रिकन शब्द बोअर से पड़ा है जिसका अर्थ है किसान। अधिकतर इसका इस्तेमाल मवेशियों और घरों की रखवाली के लिए किया जाता है। इस नस्ल के पूर्वज मस्टिफ और बुलडॉग के क्रॉस ब्रीड से आते हैं। यह मूल रूप से एक शिकारी नश्ल है, जो बिना ट्रेनिंग के परिवार के लिए खतरनाक भी हो सकता है।

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प्रेसा कैनारियो
प्रेसा कैनारियो मास्टिफ या कैच डॉग प्रकार के बड़े कुत्ते की एक स्पेनिश नस्ल है। ये देखने में शांत लगता है हमेशा चौकस रहता है। इसका इस्तेमाल अधिकतर घरों की रखवाली के लिए और मवेशियों को चराने के लिए किया जाता है। इसका कद 22 से 26 इंच और वजन 38 से 49 किलो के बीच होता है। ये पारिवारिक सदस्यों के लिए आज्ञाकारी और समर्पित होता है, लेकिन अजनबियों के लिए घातक होता है।        
     
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वुल्फ डॉग
वुल्फ डॉग यूरोपियन फीमेल वुल्फ और जर्मन शेफर्ड की एक नस्ल है। यह स्वभाव से यह नस्ल आक्रामक होती है। क्योंकि आक्रमकता इसे अपने भेड़िये पूर्वजों से मिली है। सख्त ट्रेनिंग के बाद इसे काबू में लाया जा सकता है। लेकिन परिवार और अजनबियों के लिए फिर भी एक खतरा बना रहता है।

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बंडोग  
मूल रूप से बंडोग 1300 ईश्वी में इंग्लैंड में विकसित किए गए थे। इनका इस्तेमाल मुख्य रूप से घरों की रखवाली करना होता है। इसकी उंचाई 20 से 30 इंच के करीब होती है और वजन 34 से 56 किलोग्राम तक हो सकता है। कभी-कभी ये नस्ल बहुत आक्रामक हो जाती है। इनका इस्तेमाल पूर्व में सांडों से लडाई में किया जाता रहा है। अजनबियों के लिए ये बहुत खतरनाक होते हैं।   

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अमेरिकन बुलडॉग
अमेरिकन बुलडॉग का शरीर मस्कुलर होता है। इसकी उंचाई 20 से 28 इंच के करीब और वजन 27 किलो से लेकर 54 किलोग्राम के करीब होता है। 17वीं शताब्दी में इंग्लैंड से श्रमिक वर्ग के अप्रवासी बुलडॉग की प्रजाति अपने साथ लाए थे। अमेरिकन बुलडॉग उन्हीं के वंशज हैं। स्वभाव से ये आक्रामक होते हैं और अजनबियों के लिए बहुत खतरनाक।

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फिला ब्रासीलेरो
फिला ब्र्सालेरो एक ब्राजिलियन नस्ल का कुत्ता है। इसकी उंचाई 26 से 30 इंच और वजन 40 से 50 किलो का होता है। इसका इस्तेमाल मवेशियों और घर की सुरक्षा के लिए किया जाता रहा है। मूल रूप से ये एक शिकारी कुत्ता है और बड़ी शिकार के लिए जाना जाता है। इसे यूरोपीय कुत्तों का वंशज माना जाता है। औपनिवेशिक काल में इस प्रजाति को ब्राजील लाया गया था।     
 

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केन कोरसो
केन कोरसो इटैलियन नस्ल का कुत्ता है। इसे घर और मवेशियों की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाता है। पूर्व में बड़े शिकार के लिए इसका प्रयोग किया जाता था। इसकी उंचाई 24 से 28 इंच के बीच होती है और वजन 45 से 50 किलो के बीच।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                             

डॉग बाइट की इस साल की 5 बड़ी घटनाएं
 

लखनऊ, 6 अप्रैल
लखनऊ का मुसाहबगंज इलाके में 5 और 7 साल के दो बच्चों पर आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया। इनमें से एक की मौत हो गई और दूसरा गंभीर रूप से घायय हो गया। अपनी मां की कॉस्मैटिक शॉप से लौटते वक्त बच्चों के साथ ये हादसा हुआ।

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श्रीनगर, 30 अप्रैल
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर शहर में कुत्तों ने हमला कर 39 लोगों को जख्मी कर दिया। इनमें 17 पर्यटक और 22 स्थानीय लोग थे। डलगेट इलाके की ये घटना उस समय घटित ही जब पर्यटक नजारे का लुत्फ उठा रहे थे। तभी कुत्तों के झुंड ने उन पर हमला किया था। हमलें में घायलों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

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बेंगलुरु, 1 जून
बेंगलुरु में हेसरघट्टा रोड पर कुत्तों के झुंड ने रात को दो बच्चों पर हमला बोल दिया। इस हमलें में 3 साल के बच्चें के शरीर के विभिन्न हिस्सों पर कुत्तों ने बूरी तरह काट खाया। वहीं 5 वर्षीय दूसरे बच्चें को दो जगहों पर काटा गया। दोनों बच्चें दिहाड़ी मजदूर के थे जो निर्माणाधीन कंस्ट्रक्शन साइट पर खेल रहे थे।

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लखनऊ, 12 जुलाई
लखनऊ के कैसरबाग में 82 साल की महिला को उसके ही पालतू पिटबुल ने हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था, जिसकी बाद में मौत हो गई। जिम ट्रेनर बेटा सुबह जिम में गया हुआ था और हमले के दौरान महिला घर पर अकेली थी। पड़ोसियों ने फोन कर बेटे को बुलाया।

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कोझिकोड, 13 सितंबर
केरला के कोझिकोड जिले में एक 12 साल के लड़के पर कुत्ते ने अचानक तब हमला किया, जब वह अपने घर के सामने साइकिल चला रहा था। वीडियो सोशल मीडिया पर खुब वायरल हो गया। आवारा कुत्ते ने पहले बच्चें के पैर, फिर उसके हाथ पर काटा। फिर उसे घसीटते हुए एक तऱफ ले गया। किसी तरह बच्चा भाग अपने दोस्त के घर में घुस गया। हमलें में बच्चें के चेहरे पर कुत्ते के काटने से जख्म बन गए थे।


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50 प्रतिशत बच्चों को करना पड़ता है डॉग बाइट का सामना
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, बाल चिकित्सकों के पास आने वाले बच्चों में 0.3 से 1.5% बच्चें कुत्तें काटने के इलाज के लिए आते हैं। वहीं, दूसरी और करीब 50% बच्चों को कुत्ते के काटने का सामना करना पड़ता है।
 

सर्वाधिक डॉग बाइट वाले टॉप-10 स्टेट (2019-22)

 

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22 जुलाई, 2022 तक का आंकड़ा. सोर्स- भारत सरकार का पशुपालन और डेयरी विभाग
 

हर पांच साल में होती है कुत्तों की गिनती
देश में स्ट्रीट डॉग्स की संख्या का डेटा पशुधन गणना के माध्यम से हर पांच साल में एक बार किया जाता है। 2012 की 19वीं पशुधन गणना में आवारा कुत्तों की संख्या 171.4 लाख थी, जो 20वीं पशुधन गणना (वर्ष 2019) में घटकर 153.1 लाख रह गई है। वहीं, हरियाणा और पंजाब में आवारा कुत्तों की संख्या क्रमश: 464578 और 290624 है। बता दें वर्ष 2019 में हरियाणा में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ी है तो वहीं पंजाब में इनकी संख्या में कमी दर्ज की गई है। 

 

सर्वाधिक आवारा कुत्तों वाले शीर्ष 10 राज्य

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वर्ष 2019 के आंकड़ें, सोर्स- भारत सरकार का पशुपालन और डेयरी विभाग

 

पालतू कुत्तों की आबादी वर्ष 2023 में होगी 3 करोड़ से ज्यादा
डेटा फर्म 'स्टेटिस्टा' के मुताबिक भारत में पालतू कुत्तों की आबादी 2019 में करीब 2.14 करोड़ थी, जिसके 2023 के अंत तक 3.14 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। भारत में इनकी संख्या में बढोतरी एक बड़ा कारण है अच्छा पेट फूड (कुत्तों का भोजन)। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में वर्ष 2014 में  साढ़े 1100 करोड़ रुपये से ज्यादा का था जो वर्ष 2018 में बढ़कर 2300 करोड़ से ज्यादा का हो गया है। 

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