हाई कोर्ट का अहम फैसला: शादीशुदा महिला नहीं लगा सकती झूठे शादी के वादे पर संबंध बनाने का आरोप

Edited By Updated: 04 Jul, 2025 04:26 PM

hc married woman cannot allege rape on false promise of marriage

केरल हाई कोर्ट ने हाल ही में दुष्कर्म के एक मामले में महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा है कि एक शादीशुदा महिला यह आरोप नहीं लगा सकती कि उसे शादी के झूठे वादे के तहत यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया। यह टिप्पणी ऐसे मामलों में न्यायिक दृष्टिकोण को...

नेशनल डेस्क: केरल हाई कोर्ट ने हाल ही में दुष्कर्म के एक मामले में महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा है कि एक शादीशुदा महिला यह आरोप नहीं लगा सकती कि उसे शादी के झूठे वादे के तहत यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया। यह टिप्पणी ऐसे मामलों में न्यायिक दृष्टिकोण को प्रभावित कर सकती है जहाँ विवाहित महिलाएं ऐसे आरोप लगाती हैं।

कोर्ट ने क्या-क्या कहा?

जस्टिस बेचू कुरियन थॉमस ने साफ किया कि जब दुष्कर्म या शादी के झूठे वादे पर धोखे से यौन संबंध बनाने के आरोपों वाले केसों की सुनवाई की जाती है, तो उससे जुड़े सभी तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करना बेहद जरूरी हो जाता है। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा, "यह देखा गया है कि शादी का वादा करके दुष्कर्म करने का आरोप लगाने वाले मामलों पर विचार करते समय इस समय इस अदालत के लिए इस निष्कर्ष पर पहुंचना मुश्किल है कि संबंध सहमति से था या नहीं। पूरी परिस्थितियों को ध्यान में रखना होगा। खासकर जब एक शादीशुदा महिला किसी अन्य व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाती है। अगर दोनों पक्ष मौजूदा विवाह के बारे में जानते हैं तो यह आरोप नहीं लगाया जा सकता है कि उनके बीच यौन संबंध शादी के वादे के लिए बनाए गए थे।"

PunjabKesari

यह आदेश कोर्ट ने एक ऐसे व्यक्ति की जमानत याचिका पर दिया है, जिस पर BNS की धारा 84 (आपराधिक इरादे से एक विवाहित महिला को बहकाना या ले जाना) और 69 (धोखे से यौन संबंध बनाना) के तहत आरोप लगाए गए थे। धारा 69 में शादी का झूठा वादा करके संबंध बनाना भी शामिल है, जिसमें 10 साल तक की कैद की सजा हो सकती है।

ये भी पढ़ें- अमेरिकी टैरिफ नीति से हड़कंप, भारत ने कहा- जल्दबाज़ी में नहीं करेंगे व्यापार समझौता

किस मामले पर हुई सुनवाई?

आरोपी के खिलाफ अभियोजन पक्ष का मामला यह था कि उसने एक महिला से शादी का झूठा वादा करके उसके साथ यौन उत्पीड़न किया। इतना ही नहीं उसने महिला के फोटो और वीडियो प्रकाशित करने की धमकी देकर उसे डराया और उससे 2.5 लाख रुपये भी ऐंठ लिए। आरोपी को 13 जून को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल में था। याचिकाकर्ता के वकील ने इन सभी आरोपों का खंडन किया। उन्होंने तर्क दिया कि शादी के वादे के तहत दुष्कर्म का आरोप सिर्फ इसलिए लगाया गया था ताकि याचिकाकर्ता महिला की वित्तीय मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर हो।

ये भी पढ़ें- मोदी, अमित शाह ने तमिलनाडु को अधिक धन आवंटन का झूठा दावा किया : द्रमुक

शादीशुदा महिलाओं को लेकर कोर्ट का रुख

कोर्ट ने कहा कि अब निरस्त हो चुकी भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 पर हाई कोर्ट द्वारा निर्धारित उदाहरणों के अनुसार जब कोई पक्ष पहले से शादीशुदा है तो उससे शादी का वादा नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने स्पष्ट किया, "इस मामले में शिकायतकर्ता महिला शादीशुदा है, इसलिए यह प्रथम दृष्टया संदिग्ध है कि क्या बीएनएस की धारा 69 के तहत संबंधित अपराध के मामले में कार्रवाई की जा सकती है।" यह भी नोट किया गया कि बीएनएस की धारा 84 के तहत लगाए गए आरोपों पर जमानत दी जा सकती है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए अदालत ने याचिकाकर्ता को जमानत दे दी।

 

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!