कितने डिग्री पर होती है इंसान की मौत? दिल्ली से सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

Edited By Rohini Oberoi,Updated: 10 Jun, 2025 02:28 PM

how dangerous is the hot wave compared to delhi temperature

हर साल की तरह इस साल भी भयंकर गर्मी का प्रकोप जारी है. उत्तर भारत के कई राज्यों में पारा लगातार बढ़ रहा है. राजधानी दिल्ली में बीते दिन 9 जून 2025 को गर्मी ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया. मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली का वास्तविक तापमान 43.4 डिग्री...

नेशनल डेस्क। हर साल की तरह इस साल भी भयंकर गर्मी का प्रकोप जारी है. उत्तर भारत के कई राज्यों में पारा लगातार बढ़ रहा है. राजधानी दिल्ली में बीते दिन 9 जून 2025 को गर्मी ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया. मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली का वास्तविक तापमान 43.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया लेकिन लोगों को 48.9 डिग्री जैसी भीषण गर्मी का एहसास हुआ. इसको लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है. आइए जानते हैं कि आखिर इंसान का शरीर कितनी गर्मी बर्दाश्त कर सकता है और किस तापमान के बाद स्थिति जानलेवा हो जाती है.


गर्मी का शरीर पर असर: कब टूटता है 'कूलिंग सिस्टम'?

विशेषज्ञों का मानना है कि जब शरीर का तापमान बढ़ता है तो शरीर गर्म होने के साथ बुखार आता है. हालांकि सामान्य बुखार और गर्मी की वजह से आने वाले बुखार में अंतर समझना ज़रूरी है.

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दरअसल हमारे शरीर को ठंडा रखने के लिए एक प्राकृतिक कूलिंग सिस्टम काम करता है. जब बाहर की गर्मी बढ़ती है तो शरीर का तापमान भी बढ़ने लगता है. ऐसी स्थिति में हमारा दिमाग शरीर के तापमान को नियंत्रित करने की कोशिश करता है. इस प्रक्रिया में शरीर में मौजूद ग्लैंड्स (ग्रंथियां) पसीना निकालना शुरू कर देती हैं. पसीना निकलने से त्वचा बाहर के वातावरण में चल रही हवा से खुद को ठंडा रखने की कोशिश करती है जिससे शरीर के आंतरिक अंग भी ठंडे रहते हैं.


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जब पारा छूता है 40 डिग्री और उससे ऊपर

समस्या तब शुरू होती है जब गर्मी बहुत ज़्यादा होती है और बाहर का तापमान बहुत बढ़ जाता है. ऐसे में पसीना भी ज़रूरत से ज़्यादा निकलता है और शरीर का कूलिंग सिस्टम दबाव में आ जाता है. ज्यादा तापमान बढ़ने पर इसका सीधा असर दिमाग पर होता है और यह स्थिति जानलेवा साबित हो सकती है.

  • 40 डिग्री सेल्सियस: जब तापमान 40 डिग्री तक पहुँच जाता है तो शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) होने लगती है और व्यक्ति को कमज़ोरी महसूस होने लगती है.
  • 42-43 डिग्री सेल्सियस: इस तापमान तक पहुँचते-पहुँचते व्यक्ति की हालत खराब होने लगती है. चक्कर आना, सिरदर्द और मांसपेशियों में ऐंठन जैसी समस्याएँ बढ़ जाती हैं.
  • 44 डिग्री सेल्सियस: अगर शरीर का आंतरिक तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाए तो ऐसी स्थिति में ब्रेन डैमेज हो सकता है और कई मामलों में मौत भी हो जाती है.

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कितना तापमान सहन कर सकता है इंसानी शरीर?

रिपोर्ट्स के अनुसार इंसानी शरीर बिना किसी बड़ी परेशानी के 35 से 37 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान को आसानी से सहन कर सकता है. हालांकि जैसे ही तापमान 40 डिग्री के पार जाता है परेशानियाँ बढ़ने लगती हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक इंसानों के लिए 45 डिग्री सेल्सियस से ज़्यादा का तापमान बेहद खतरनाक है.

यह ज़रूरी है कि इन गर्म दिनों में लोग अपनी सेहत का खास ख्याल रखें, पर्याप्त पानी पिएं और सीधे धूप के संपर्क में आने से बचें.

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