बड़ी खबर: ED की रडार पर हरभजन, युवराज, सुरेश रैना- ये है पूरा मामला

Edited By Anu Malhotra,Updated: 17 Jun, 2025 11:58 AM

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देश में तेजी से फैलते अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी नेटवर्क की जांच अब और गहराती जा रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच की जद में अब सिर्फ ऐप्स ही नहीं, बल्कि उनके प्रचार से जुड़े दिग्गज नाम भी आ गए हैं। क्रिकेट जगत के सितारे हरभजन सिंह, युवराज सिंह,...

नेशनल डेस्क: देश में तेजी से फैलते अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी नेटवर्क की जांच अब और गहराती जा रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच की जद में अब सिर्फ ऐप्स ही नहीं, बल्कि उनके प्रचार से जुड़े दिग्गज नाम भी आ गए हैं। क्रिकेट जगत के सितारे हरभजन सिंह, युवराज सिंह, सुरेश रैना और फिल्म इंडस्ट्री से उर्वशी रौतेला और सोनू सूद तक—सभी पर अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या उन्होंने प्रतिबंधित सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म्स का प्रमोशन कर कानून का उल्लंघन किया?

क्या है पूरा मामला?

ED की ताजा जांच रिपोर्ट के मुताबिक, प्रतिबंधित ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स—जैसे 1xBet—ने सेरोगेट नाम और डिजिटल माध्यमों (वेब लिंक, QR कोड) के जरिए लाखों यूजर्स को अवैध प्लेटफॉर्म तक पहुंचाया। इस दौरान उन्होंने देश के जाने-माने चेहरों को अपने प्रचार में शामिल किया। बताया गया कि इन प्रचार अभियानों पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए।

विज्ञापन से जुड़े सितारे अब जांच के घेरे में

हरभजन, युवराज, सुरेश रैना और उर्वशी रौतेला ने इन ऐप्स से जुड़े विज्ञापनों में भाग लिया था। अब इन सभी से पूछताछ की तैयारी है। हालांकि, किसी ने भी इस विषय में मीडिया से बातचीत नहीं की है। ED का मानना है कि इन हस्तियों के प्रचार से आम लोगों में इन ऐप्स की वैधता को लेकर भ्रम फैला और करोड़ों की सट्टेबाजी हुई।

मीडिया हाउस को भी मिले करोड़ों

खुलासा हुआ है कि कई मीडिया प्लेटफॉर्म्स को इन अवैध ऐप्स के प्रचार के लिए ₹50 करोड़ से अधिक का भुगतान किया गया। यानी ये मामला सिर्फ ब्रांड एंबेसडर्स का ही नहीं, बल्कि एक पूरे इकोसिस्टम का है, जिसमें मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म और मार्केटिंग एजेंसियां तक शामिल हैं।

किन कानूनों का उल्लंघन?

इन ऐप्स ने आईटी एक्ट, विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) और धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) जैसे कड़े कानूनों का उल्लंघन किया। खुद को गेमिंग ऐप्स बताकर ये सट्टेबाजी को छुपाने का प्रयास करते रहे, जबकि इनका एल्गोरिद्म जुए की श्रेणी में आता है।

लाखों परिवारों को लगा आर्थिक झटका

एक शिकायतकर्ता ने कहा कि ये ऐप्स मध्यम और निम्न-मध्यम वर्ग को टारगेट कर रहे हैं, जिनके लाखों रुपए इन प्लेटफॉर्म्स में फंसे हैं। उनके अनुसार, यह न केवल अवैध है बल्कि समाज के एक बड़े तबके को संकट में डाल रहा है।

महादेव ऐप का भी हो चुका है बड़ा खुलासा

इससे पहले महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में भी बवाल मच चुका है। 2023-24 में इस केस ने राजनीतिक तूल पकड़ा जब तत्कालीन छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल का नाम सामने आया। अनुमान है कि अकेले महादेव ऐप से करीब ₹6000 करोड़ की अवैध कमाई हुई।

कितनी बड़ी है ये अवैध इंडस्ट्री?

विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत में अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी का बाजार ₹100 अरब डॉलर (लगभग ₹8 लाख करोड़) से भी ज्यादा का हो गया है। इसके 11 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं और यह हर साल लगभग 30% की दर से बढ़ रहा है।

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