Income Tax Rules 2025: बिना सोचे दी पत्नी को बड़ी रकम तो हो जाइए सावधान, आ सकता इनकम टैक्स का नोटिस

Edited By Anu Malhotra,Updated: 03 Jun, 2025 01:09 PM

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अक्सर घर के अंदर पैसों का लेन-देन इतना सामान्य होता है कि लोग इसे कानून की नजर से कभी नहीं देखते। पति ने पत्नी को खर्च के लिए कुछ पैसे दिए या कोई गिफ्ट दे दिया – इसे हम एक निजी मामला मान लेते हैं। लेकिन आयकर विभाग की नजर में यह "निजी" नहीं, बल्कि...

नेशनल डेस्क:  पति-पत्नी के बीच घर के खर्च, उपहार या अन्य ज़रूरतों के लिए नकद लेन-देन सामान्य है, लेकिन भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 269SS और 269T के तहत कुछ महत्वपूर्ण नियम हैं जिन्हें जानना और पालन करना आवश्यक है।

  धारा 269SS और 269T: कैश लेन-देन की सीमाएं
धारा 269SS: इस धारा के अनुसार, कोई भी व्यक्ति ₹20,000 या उससे अधिक की राशि किसी अन्य व्यक्ति से नकद में नहीं ले सकता। यदि राशि ₹20,000 से अधिक है, तो यह केवल बैंकिंग चैनलों (जैसे अकाउंट पेयी चेक, NEFT, RTGS, UPI आदि) से ही स्वीकार की जा सकती है।

धारा 269T: इस धारा के तहत, ₹20,000 या उससे अधिक की राशि का नकद में भुगतान नहीं किया जा सकता। यह राशि केवल बैंकिंग माध्यमों से ही लौटाई जा सकती है।

 पत्नी को नकद राशि देने पर आयकर विभाग की दृष्टि
गिफ्ट या घर खर्च के लिए नकद देना: यदि पति अपनी पत्नी को घर के खर्चों या उपहार के रूप में नकद राशि देते हैं, तो यह राशि पति की आय मानी जाती है और पत्नी पर इस पर कोई टैक्स नहीं लगता।

निवेश से होने वाली आय पर टैक्स: यदि पत्नी को दी गई राशि का उपयोग वह किसी निवेश (जैसे फिक्स्ड डिपॉजिट, शेयर्स, म्यूचुअल फंड आदि) में करती है और उससे आय होती है, तो उस आय पर टैक्स देना पड़ सकता है।

क्लबिंग ऑफ इनकम का खतरा: यदि यह साबित होता है कि निवेश का मुख्य उद्देश्य टैक्स बचाना था या आय को डायवर्ट करना था, तो आयकर विभाग "क्लबिंग ऑफ इनकम" के प्रावधानों के तहत पत्नी की इस आय को पति की कुल आय में जोड़ सकता है।

 इनकम टैक्स नोटिस से बचने के उपाय

₹20,000 से ज्यादा कैश लेन-देन से बचें:
कोशिश करें कि एक बार में ₹20,000 से अधिक का कैश लेन-देन न करें, खासकर लोन या एडवांस के रूप में।

बैंकिंग चैनल का इस्तेमाल करें: बड़े अमाउंट के लिए हमेशा चेक, NEFT, RTGS, UPI या अन्य डिजिटल बैंकिंग माध्यमों का ही प्रयोग करें। इससे ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड रहता है।

ITR में सही जानकारी दें: अगर पत्नी पति से मिले पैसे को निवेश करती है और उससे आय होती है, तो उस आय की जानकारी अपनी इनकम टैक्स रिटर्न में सही-सही दर्ज करें।

संपत्ति से आय पर टैक्स: अगर पत्नी ने पति से मिले पैसे से कोई संपत्ति (जैसे प्रॉपर्टी, फिक्स्ड डिपॉजिट) खरीदी है, तो उससे होने वाली आय पर टैक्स का भुगतान समय पर सुनिश्चित करें।

सभी दस्तावेज़ संभाल कर रखें: किसी भी बड़े लेन-देन या निवेश से संबंधित सभी दस्तावेज़ जैसे बैंक स्टेटमेंट, गिफ्ट डीड (अगर हो तो), खरीद के बिल आदि संभाल कर रखें।

कब आ सकता है इनकम टैक्स का नोटिस?
इनकम टैक्स विभाग तब नोटिस जारी कर सकता है जब उसे यह संदेह हो कि पति ने पत्नी को दी गई राशि का इस्तेमाल सिर्फ टैक्स बचाने या अपनी आय को कम दिखाने के लिए किया है। पत्नी द्वारा किए गए निवेशों या उनसे हुई आय का खुलासा ITR में सही ढंग से नहीं किया गया है। बहुत बड़े कैश ट्रांजैक्शन हुए हों जिनका कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण न हो। किसी तीसरे पक्ष (जैसे बैंक) से मिली जानकारी के आधार पर कोई विसंगति पाई जाए।

 

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