Edited By Rohini Oberoi,Updated: 05 Jun, 2025 03:44 PM

कई महीनों की सुस्ती के बाद आईपीओ बाज़ार में एक बार फिर तेज़ी देखने को मिली है। बाज़ार नियामक सेबी ने हाल ही में छह कंपनियों को लगभग 20,000 करोड़ रुपये जुटाने की मंज़ूरी दे दी है। इनमें प्रमुख रूप से एचडीबी फाइनेंशियल का 12,500 करोड़ रुपये का आईपीओ,...
नेशनल डेस्क। कई महीनों की सुस्ती के बाद आईपीओ बाज़ार में एक बार फिर तेज़ी देखने को मिली है। बाज़ार नियामक सेबी ने हाल ही में छह कंपनियों को लगभग 20,000 करोड़ रुपये जुटाने की मंज़ूरी दे दी है। इनमें प्रमुख रूप से एचडीबी फाइनेंशियल का 12,500 करोड़ रुपये का आईपीओ, डॉर्फ केटल केम का 5,000 करोड़ रुपये का आईपीओ और विक्रम सोलर का 1,500 करोड़ रुपये का आईपीओ शामिल हैं। तीन अन्य कंपनियों को भी मंज़ूरी मिली है।
2.35 लाख करोड़ रुपये की विशाल आईपीओ पाइपलाइन
सेबी से अब तक कुल 72 कंपनियों के आईपीओ को मंज़ूरी मिल चुकी है जिनकी कुल पाइपलाइन लगभग 1.4 लाख करोड़ रुपये की है। इसके अतिरिक्त 68 अन्य कंपनियाँ लगभग 95,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए अभी सेबी के अनुमोदन की प्रतीक्षा में हैं। इन सभी को मिलाकर कुल 140 कंपनियाँ लगभग 2.35 लाख करोड़ रुपये का आईपीओ ला सकती हैं जो बाज़ार के लिए एक बड़ा संकेत है।
लिस्टिंग लाभ में आई कमी, फिर भी उम्मीदें कायम
मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार मार्च और अप्रैल के सुस्त दौर के बाद मई में आईपीओ गतिविधि में सुधार देखने को मिला है जिससे कंपनियों का उत्साह बढ़ा है। हालांकि हाल ही में लिस्ट हुई कुछ बड़ी कंपनियों जैसे एथर एनर्जी, एगिस वोपाक टर्मिनल्स, श्लॉस बेंगलुरु और स्कोडा ट्यूब्स ने बाज़ार की अनिश्चितता के कारण अपने इश्यू साइज़ को 15-30% तक घटा दिया है।
लिस्टिंग पर निवेशकों को मिलने वाला लाभ भी उतना शानदार नहीं रहा है। उदाहरण के तौर पर एथर एनर्जी ने 2.18% के लाभ के साथ लिस्टिंग की जबकि एगिस वोपाक और श्लॉस बेंगलुरु ने 6% की गिरावट के साथ लिस्टिंग की। स्कोडा ट्यूब्स ने फ्लैट लिस्टिंग दर्ज की। हालाँकि एथर एनर्जी के अलावा अन्य सभी कंपनियों ने ट्रेडिंग क्लोज पर हरे रंग (लाभ) में कारोबार किया लेकिन यह वित्त वर्ष 2025 के 30% से अधिक लिस्टिंग लाभ की तुलना में कम था।
प्रमोटरों और निवेशकों में बन रही सहमति
कोटक म्यूचुअल फंड के एमडी निलेश शाह ने कहा, जब निफ्टी 22,000 पर था तब आईपीओ की मांग थी लेकिन प्रमोटर इंतज़ार करना पसंद कर रहे थे। अब बाज़ार सक्रिय हो रहा है क्योंकि प्रमोटर और निवेशक मूल्यांकन को लेकर सहमति बना रहे हैं।उन्होंने यह भी कहा कि आईपीओ की आपूर्ति ने बाज़ार को स्थिर करने और घरेलू व विदेशी निवेशकों से पूंजी अवशोषित करने में मदद की है।
बड़ी कंपनियों के सफल आईपीओ की ज़रूरत
अल्फानिटी फिनटेक के सह-संस्थापक यू आर भट का मानना है कि बाज़ार को एक बड़ी कंपनी जैसे एचडीबी फाइनेंशियल या नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के सफल आईपीओ की ज़रूरत है जो निवेशकों को आकर्षित कर आईपीओ बाज़ार में फिर से उत्साह भर सके। एनएसई के पास 1 लाख से अधिक निवेशक हैं जो मार्च के अंत में 33,896 थे जो इस बाज़ार के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
यू आर भट ने यह भी कहा कि निवेशकों में अभी उत्साह की कुछ कमी है और क्योंकि कई आईपीओ निवेश लीवरेज से होते हैं इसलिए निवेशक के लिए लागत-लाभ संतुलित होना ज़रूरी है। कुल मिलाकर आईपीओ बाज़ार में धीमी गति से ही सही लेकिन सकारात्मक बदलाव आ रहे हैं।